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मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay in Hindi)

माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। यहीं कारण है प्रायः संसार में ज्यादेतर जीवनदायनी और सम्माननीय चीजों तो माँ के संज्ञा दी गयी है जैसे कि भारत माँ, धरती माँ, पृथ्वी माँ, प्रकृति माँ, गौ माँ आदि। इसके साथ ही माँ को प्रेम और त्याग की प्रतिमूर्ति भी माना गया है। इतिहास कई सारी ऐसे घटनाओं के वर्णन से भरा पड़ा हुआ है। जिसमें मताओं ने अपने संतानों के लिए विभिन्न प्रकार के दुख सहते हुए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। यही कारण है कि माँ के इस रिश्तें को आज भी संसार भर में सबसे सम्मानित तथा महत्वपूर्ण रिश्तों में से एक माना जाता है।

मेरी माँ पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on My Mother in Hindi, Meri Maa par Nibandh Hindi mein)

माँ पर निबंध – 1 (300 words) – maa par nibandh.

माँ वह है जो हमें जन्म देती है, यहीं कारण है कि संसार में हर जीवनदायनी वस्तु को माँ की संज्ञा दी गयी है। यदि हमारे जीवन के शुरुआती समय में कोई हमारे सुख-दुख में हमारा साथी होता है तो वह हमारी माँ ही होती है। माँ हमें कभी इस बात का एहसास नही होने देती की संकट के घड़ी में हम अकेले हैं। इसी कारणवश हमारे जीवन में माँ के महत्व को नकारा नही जा सकता है।

मेरे जीवन में मेरी माँ का महत्व

माँ एक ऐसा शब्द है, जिसके महत्व के विषय में जितनी भी बात की जाये कम ही है। हम माँ के बिना अपने जीवन की कल्पना भी नही कर सकते हैं। माँ के महानता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इंसान भगवान का नाम लेना भले ही भूल जाये लेकिन माँ का नाम लेना नही भूलता है। माँ को प्रेम व करुणा का प्रतीक माना गया है। एक माँ दुनियां भर के कष्ट सहकर भी अपने संतान को अच्छी से अच्छी सुख-सुविधाएं देना चाहती है।

एक माँ अपने बच्चों से बहुत ही ज्यादे प्रेम करती है, वह भले ही खुद भुखी सो जाये लेकिन अपने बच्चों को खाना खिलाना नही भूलती है। हर व्यक्ति के जीवन में उसकी माँ एक शिक्षक से लेकर पालनकर्ता जैसी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाती है। इसलिए हमें अपनी माँ का सदैव सम्मान करना चाहिए क्योंकि ईश्वर हमसे भले ही नाराज हो जाये लेकिन एक माँ अपने बच्चों से कभी नाराज नही हो सकती है। यही कारण है कि हमारे जीवन में माँ के इस रिश्ते को अन्य सभी रिश्तों से इतना ज्यादे महत्वपूर्ण माना गया है।

हमारे जीवन में यदि कोई सबसे ज्यादे महत्व रखता है तो वह हमारी माँ ही है क्योंकि बिना माँ के तो जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती है। यही कारण है कि माँ को पृथ्वी पर ईश्वर का रुप भी माना जाता है। इसलिए हमें माँ के महत्व के महत्व को समझते हुए, उसे सदैव खुश रखने की कोशिश करनी चाहिए।

निबंध – 2 (400 Words)

मैं अपने माँ को एक अभिभावक तथा शिक्षक के साथ ही अपना सबसे अच्छा मित्र भी मानता हूं क्योंकि चाहे कुछ भी हो जाये लेकिन मेरे प्रति उसका प्रेम और स्नेह कभी कम नही होता है। जब भी मैं किसी संकट या फिर तकलीफ में होता हूं तो वह बिना बताये ही मेरी परेशानियों के विषय में जान जाती है और मेरी सहायता करने का हरसंभव प्रयास करती है।

मातृत्व का बंधन

एक स्त्री अपने जीवन में पत्नी, बेटी, बहू जैसे ना जाने कितने रिश्ते निभाती है, लेकिन इन सभी रिश्तों में से जिस रिश्ते को सबसे ज्यादे सम्मान प्राप्त है वह माँ का रिश्ता है। मातृत्व वह बंधन है जिसकी व्याख्या शब्दों में नही की जा सकती है। माँ अपने बच्चे को जन्म देने के साथ ही उसके लालन-पालन का भी कार्य करती है। कुछ भी हो जाये लेकिन एक माँ का उसके बच्चों के प्रति स्नेह कभी कम नही होता है, वह खुद से भी ज्यादे अपने बच्चों के सुख-सुविधाओं को लेकर चिंतित रहती है।

एक माँ अपनी संतान के रक्षा के लिए बड़ी से बड़ी विपत्तियों का सामना करने का साहस रखती है। एक माँ स्वयं चाहे जितने भी कष्ट सह ले लेकिन अपने बच्चों पर किसी तरह की आंच नही आने देती है। इन्हीं कारणों से तो माँ को पृथ्वी पर ईश्वर का रुप माना गया है और इसलिए यह कहावत भी काफी प्रचलित है कि “ईश्वर हर जगह मौजूद नही रह सकता है इसलिए उसने माँ को बनाया है।”

मेरी मां मेरी सबसे अच्छी मित्र

मेरी माँ मेरे जीवन में कई सारी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाती है, वह मेरी शिक्षक तथा मार्गदर्शक होने के साथ ही मेरी सबसे अच्छी मित्र भी है। जब मैं किसी समस्या में होता हूं, तो वह मुझमें विश्वास पैदा करने का कार्य करती है। आज मैं अपने जीवन में जो कुछ भी हूं वह सिर्फ अपने माँ के ही बदौलत हूं क्योंकि मेरी सफलता तथा असफलता दोनो ही वक्त वह मेरे साथ थी। उनके बिना तो मैं अपने जीवन की कल्पना भी नही कर सकता, यहीं कारण है कि मैं उन्हें अपना सबसे अच्छा मित्र मानता हूं।

मेरी माँ मेरे जीवन का आधारस्तंभ है, वह मेरी शिक्षक तथा मार्गदर्शक होने के साथ ही मेरे सबसे अच्छी मित्र भी है। वह मेरे हर समस्याओं, दुखों और विपत्तियों में मेरे साथ खड़ी रहती है और मुझे जीवन के इन बाधाओँ को पार करने शक्ति प्रदान करती है, उसके द्वारा बतायी गयी छोटी-छोटी बातों ने मेरे जीवन में बड़ा परिवर्तन किया है। यहीं कारण है कि मैं अपने माँ को अपना आदर्श और सबसे अच्छा मित्र भी मानता हूं।

निबंध – 4 (500 Words)

माँ हमारा पालन-पोषण करने के साथ ही हमारे जीवन में मार्गदर्शक और शिक्षक की भी भूमिका निभाती है। हम अपने जीवन में जो भी आरंभिक ज्ञान तथा शिक्षाएं पाते है वो हमें हमारे माँ द्वारा ही दी जाती है। यही कारण है कि माँ को प्रथम शिक्षक के रुप में भी जाना जाता है।

एक आदर्श जीवन के लिए माँ की शिक्षाएं

हमारे आदर्श जीवन के निर्माण में हमें हमारे माँ द्वारा दी गयी शिक्षाएं काफी महत्व रखती हैं क्योंकि बचपन से ही एक माँ अपने बच्चे को नेकी, सदाचार तथा हमेशा सत्य के मार्ग पर चलने जैसी महत्वपूर्ण शिक्षाएं देती है। जब भी हम अपने जीवन में अपना रास्ता भटक जाते हैं तो हमारी माँ हमें सदैव सदमार्ग पर लाने का प्रयास करती है।

कोई भी माँ कभी यह नही चाहती है कि उसका बेटा गलत कार्यों में लिप्त रहे। हमारे प्रारंभिक जीवन में हमें अपनी माँ द्वारा कई ऐसी आवश्यक शिक्षाएं दी जाती हैं, जो आजीवन हमारे काम आती है। इसलिए एक आदर्श जीवन के निर्माण में माँ का बहुत बड़ा योगदान माना जाता है।

मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी शिक्षक

इस बात को मैं काफी गर्व और विश्वास के साथ कह सकता हूं कि इस दुनिया में मेरी माँ ही मेरी सबसे अच्छी शिक्षक है क्योंकि मुझे जन्म देने के साथ ही उसने मुझे मेरे शुरुआती जीवन में वह हर एक चीज सिखायी है, जिसके लिए मैं पूरे जीवन उसका आभारी रहूंगा। जब मैं छोटा था तो मेरी माँ ने मेरी उंगली पकड़कर चलना सिखाया। जब मैं थोड़ा बड़ा हुआ तो मेरी माँ ने मुझे कपड़े पहनना, ब्रश करना, जूते का फीता बांधना सिखाने की साथ ही घर पर मुझे प्रारंभिक शिक्षा भी दी।

जब भी मैं किसी कार्य में असफल हुआ तो मेरी माँ ने मुझमें और भी विश्वास जगाया। जब भी मैं किसी समस्या में था तो मेरी माँ ने हरसंभव प्रयास किया कि मैं उस बाधा को पार कर लूं। भले ही मेरी कोई बहुत पढ़ी-लिखी महिला ना हो लेकिन उसके जिदंगी के तुजर्बे से प्राप्त ज्ञान की बातें किसी इंजीनियर या प्रोफेसर के तर्कों से कम नही है। आज भी वह मुझे कुछ ना कुछ जरुर सिखा पाती है क्योंकि मैं कितना ही बड़ा क्यों ना हो जाऊ लेकिन जिंदगी के अनुभव में हमेशा उससे छोटा ही रहूंगा। वास्तव में मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी शिक्षक है और उसके द्वारा दी जाने वाली हर एक शिक्षा अनमोल है।

उन्होंने मुझे बस प्रारंभिक शिक्षा ही नही दी बल्कि की जीवन जीने का तरीका भी सीखाया है, मुझे इस बात की शिक्षा दी है कि समाज में किस तरह से व्यवहार करना चाहिए। वह मेरे दुख में मेरे साथ रही हैं, मेरे तकलीफों में मे मेरी शक्ति बनी है और वह मेरे हर सफलता का आधारस्तंभ भी है। यहीं कारण है कि मैं उन्हें अपना सबसे अच्छा मित्र मानता हूं।

हम अपने जीवन में कितने ही शिक्षित तथा उपाधि धारक क्यों ना हो जाये लेकिन अपने जीवन में जो चीजें हमने अपनी माँ से सीखी होती हैं, वह हमें दूसरा कोई और नही सीखा सकती है। यही कारण है कि मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी शिक्षक है क्योंकि उन्होंने मुझे सिर्फ प्रारंभिक शिक्षा ही नही बल्कि की मुझे जीवन जीना भी सिखाया है।

निबंध – 5 (600 Words)

मेरे जीवन में यदि किसी ने मुझपर सबसे ज्यादे प्रभाव डाला है, तो वो मेरी माँ है। उसने मेरे जीवन में मुझे कई सारी चीजें सिखायी है जो मेरे पूरे जीवन मेरे काम आयेंगी। मैं इस बात को काफी गर्व के साथ कह सकता हूं कि मेरी माँ मेरी गुरु तथा आदर्श होने के साथ ही मेरे जीवन का प्रेरणा स्त्रोत भी है।

हमारे जीवन में प्रेरणा का महत्व

प्रेरणा एक तरह की अनुभूति है जो हमें किसी चुनौती या फिर कार्य को सफलतापूर्व प्राप्त करने में हमारी सहायता करती है। यह एक प्रकार की प्रवृति है, जो हमारे शारीरिक तथा सामाजिक विकास में हमारी सहायता करता है। किसी व्यक्ति तथा घटना से प्राप्त प्रेरणा हमें इस बात का अहसास करती है कि हम विकट परिस्थियों में भी किसी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है।

हम अपने क्षमताओं के विकास के लिए अन्य स्त्रोतों से प्रेरणा प्राप्त करते है, जिसमें मुख्यतः विख्यात व्यक्ति या फिर हमारे आस-पास का विशेष व्यक्ति हमें इस बात के लिए प्रेरित करता है कि यदि उसके द्वारा विकट परिस्थियों में भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है तो हमारे द्वारा भी यह कार्य अवश्य ही किया जा सकता है।

कई लोगों के जीवन में पौराणिक या ऐतिहासिक व्यक्ति उनके प्रेरणा स्त्रोत होते हैं, तो कई लोगों के जीवन में प्रसिद्ध व्यक्ति या फिर उनके माता-पिता उनके प्रेरणा स्त्रोत होते है। मायने यह नही रखता कि आपका प्रेरणा स्त्रोत कौन है, मायने यह रखता है कि आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में उसके विचारों और तरीकों से कितने ज्यादे प्रभावित है।

मेरी माँ मेरी प्रेरणा

हरेक व्यक्ति के जीवन में कोई ना कोई उसका प्रेरणा स्त्रोत अवश्य होता है और उसी से वह अपने जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त करने तथा अपने जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा ग्रहण करता है। किसी के जीवन में उसके शिक्षक उसके प्रेरणा स्त्रोत हो सकते है, तो किसी के जीवन में कोई सफल व्यक्ति उसका प्रेरणा स्त्रोत हो सकता है लेकिन मेरे जीवन मैं अपने माँ को ही अपने सबसे बड़े प्रेरणा स्त्रोत के रुप में देखता हूं। वहीं वह व्यक्ति हैं जिन्होंने मुझे मेरे जीवन में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और सदैव आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान की।

आज तक के अपने जीवन में मैने अपने माँ को कभी विपत्तियों के आगे घुटने टेकते हुए नही देखा है। मेरे सुख-सुविधाओं के लिए उन्होंने कभी भी अपने दुखों की परवाह नही की वास्तव में वह त्याग और प्रेम की प्रतिमूर्ति है, मेरे सफलताओं के लिये उन्होंने ना जाने कितने कष्ट सहें है। उनका व्यवहार, रहन-सहन तथा इच्छाशक्ति मेरे जीवन की सबसे बड़ी प्रेरणा है।

मेरी माँ मेरी प्रेरणा स्त्रोत इसलिए भी है क्योंकि ज्यादेतर लोग कार्य करते हैं कि उन्हें प्रसिद्धि प्राप्त हो और वह समाज में नाम कमा सके लेकिन एक माँ कभी भी यह नही सोचती है वह तो बस अपने बच्चों को उनके जीवन में सफल बनाना चाहती है। वह जो भी कार्य करती है, उसमें उसका अपना कोई स्वार्थ नही होता है। यही कारण है कि मैं अपने माँ को पृथ्वी पर ईश्वर का एक रुप मानता हूं।

वैसे तो सबके जीवन में उसका कोई ना कोई प्रेरणा स्त्रोत अवश्य ही होता है, जिसके कार्यों या बातों द्वारा वह प्रभावित होता है लेकिन मेरे जीवन में यदि कोई मेरा प्रेरणा स्त्रोत रहा है तो वह मेरा माँ है। उनके मेहनत, निस्वार्थ भाव, साहस तथा त्याग ने मुझे सदैव ही प्रेरित करने का कार्य किया है। उन्होंने मुझे समाजिक व्यवहार से लेकर ईमानदारी तथा मेहनत जैसी महत्वपूर्ण शिक्षाएं दी हैं। यही कारण है कि मैं उन्हें अपना सबसे अच्छा शिक्षत, मित्र तथा प्रेरक मानता हूं।

Essay on My Mother in Hindi

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मेरी माँ पर निबंध

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माँ एक परिवार की एक महत्वपूर्ण सदस्य है। मेरी माँ का नाम श्रीमती वीणा देवी है। उनकी उम्र 41 साल है। वह एक पढ़ी-लिखी महिला हैं। मेरे पिता एक आयकर अधिवक्ता हैं और मेरी माँ एक गृहिणी हैं। हम दो बहनें और एक भाई है। हम दोनों बहनें एक ही स्कूल में पढ़ते है। में पाँचवी कक्षा में पढ़ती हूँ और मेरी बहन दूसरी कक्षा में पढ़ती है। मेरा बड़ा भाई सेंट ज़ेवियर स्कूल में आठवीं कक्षा में पढ़ता है। मेरा प्रिय विषय विज्ञान है। मुझे विज्ञान बहुत पसंद है। मैं एक औसत छात्र हूं। मेरा शौक कहानियां किताबे पढ़ना और विज्ञान के अविष्कारों के बारे में खोज करना अति आनंद लगता है।

मेरे कई दोस्त हैं जैसे पूनम, आरती, शीतल, ज्योति, और भी कई। लेकिन मेरी सबसे अच्छी दोस्त शीतल है। वह मेरे घर के पास ही रहती है। मैं अपने बड़ों का सम्मान करती हूं, मैं भी अपनी बहन की पढ़ाई में मदद करती हूं। मैं अपने सभी दोस्तों से प्यार करती हूँ। मैं ऐसे अच्छे माता-पिता, प्यारे भाई, बहन और मददगार दोस्तों को देने के लिए भगवान का शुक्रिया अदा करती हूं। मेरी माँ, मेरी और मेरे बड़े भाई की देखभाल करती है। माँ हमेसा हम सभी भाई बहनों को बहुत प्यार करती है। मेरी मां बहुत मेहनत करती हैं। वह सुबह जल्दी उठती है। स्नान कर, भगवान से प्रार्थना करती है और स्कूल के लिए हमारा टिफिन बॉक्स तैयार करती है। हमारे साथ साथ पिताजी के लिए टिफ़िन तैयार करती है। वह रात में हमें रामायण और महाभारत की कहानियां भी सुनाती है।

मेरी माँ एक दयालु महिला हैं और उन सभी की मदद करती हैं जो मुसीबत में हैं। वह बड़ों का सम्मान करती है और सभी के साथ अच्छे व्यव्हार के साथ रहती है। हम अपनी मां का बहुत सम्मान करते हैं। जब वह घर में नहीं होती है तो हमें बहुत दुख होता है और हमे उनकी याद आती रहती है। मुझे अपनी मां पर गर्व है। वह एक आदर्श मां हैं। हम हमेसा भगवान् से प्राथना करते है की, वे हमारी माँ को लम्बी आयु दे और हमेसा उनको खुश रखे।

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माँ पर निबंध – Essay on Mother in Hindi

Essay on Mother in Hindi : दोस्तों आज हम ने मां पर निबंध लिखा है मां का जीवन बड़ा ही अनमोल और समर्पण भाव से जुड़ा हुआ होता है वह हम बच्चों की सबसे पहली गुरु होती है वही हमारा संसार होती है इसलिए हमने मां को समर्पित निबंध लिखा है.

अक्सर कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 और 12 के विद्यार्थियों को मां पर परीक्षाओं एवं भाषण देने के लिए के लिए कहा जाता है उनकी सहायता के लिए हमने यह निबंध लिखा है.

essay on mother in hindi

Get Some Essay on Mother in Hindi for student under 100, 250, 500 or 1000 words

10 lines Essay on Mother in Hindi

(1) मेरी मां दुनिया की सबसे अच्छी मां है.

(2) मां ने ही मुझे जन्म दिया है और मेरे लिए अनेक कष्ट सहे है फिर भी वह खुश रहती हैं

(3) मेरी मां मुझे बहुत प्यार करती है और रोज स्कूल जाने के लिए तैयार करती है.

(4) वह रोज मुझे सुबह शाम प्यार से खाना खिलाती है.

(5) मेरी मां मेरे साथ साथ पिताजी और उनके माता-पिता का भी ख्याल रखती है.

(6) मां मुझे रोज नई शिक्षाप्रद बातें बताती है साथ ही सही और गलत में फर्क करना भी सिखाती है.

(7) मां हमेशा परिवार की खुशी में ही खुश रहती है वह अपने लिए कभी कुछ नहीं मांगती.

(8) वह घर में आने वाले सभी मेहमानों से अच्छा व्यवहार करती है.

(9) आधुनिक समाज वह नौकरी करने के साथ-साथ घर परिवार भी चलाती है.

(10) मेरी मां हर परिस्थिति से लड़ना जानती है वह बहुत ही दयालु और सबसे अच्छी मां है.

Short Essay on Mother in Hindi 100 words

मां भगवान की सबसे श्रेष्ठ रचना है उसके जितना त्याग और प्यार कोई नहीं कर सकता है. मां विश्व की जननी है उसके बिना संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती है.

मां ही हमारी जन्मदाता होती है और वही हमारी सबसे पहली गुरु भी होती है वही सबसे ज्यादा हमें प्यार और दुलार करती है.

वह हमें जीवन में कठिनाइयों से लड़ते हुए आगे बढ़ने का संदेश देती है. वह हमारी प्रत्येक जरूरतों का ख्याल रखती है और स्वयं कष्ट सहकर भी हमें अच्छा जीवन प्रदान करती है.

यह भी पढ़ें –  माँ पर शायरी – Maa Shayari in Hindi

जिसके भी जीवन में मां होती है वह सदा खुश रहता है हमें हमेशा मां का आदर करना चाहिए और उन्हें हर खुशी देने का प्रयास करना चाहिए.

Meri Maa Essay in Hindi 250 words

मां ममता और वात्सल्य की मूरत है एक बच्चे की सबसे पहली दुनिया मां का आंचल ही होती है उसी की गोद में बैठकर वह दुनिया के नए रंग देखता है.

मां ही पहला गुरुकुल और पहला गुरु होती है और एक बच्चा सबसे पहला शब्द भी माँ ही कहता है. मां हमारी जीवन भर देखभाल करती है उसी की अच्छी परवरिश के कारण हम अच्छे इंसान बन पाते है.

हम चाहे कितने भी बड़े हो जाए लेकिन मां के लिए हमेशा बच्चे ही रहते है वह हर समय हमारी चिंता करती है और हमे सही राह दिखाती है.

मां हमारा हर सुख-दु:ख में साथ देती है जब हम बीमार होते हैं तो वही हमारे लिए रात भर जागती है भगवान से हमारे ठीक होने की प्रार्थना करती है.

वह हमारे लिए सब कुछ त्याग कर देती है, मां भूखी रहकर भी हमें भरपेट भोजन खिलाती है मां के जैसा त्याग और प्यार कोई नहीं कर सकता है.

यह भी पढ़ें – Best Mothers Day Poem in Hindi – माँ पर कविता

मां हमारी हर बात को समझती है चाहे हम उसे बताएं या नहीं वह हमारे हर आंसू की वजह पूछती है. अगर हम किसी कार्य को नहीं कर पाते है तो वह हमारा मार्गदर्शन करती है वह जीवन के हर एक मोड़ पर हमारे साथ खड़ी होती है.

मां अपने बच्चे से कभी रूठती नहीं है अगर वो रूठ भी जाती है तो ज्यादा देर तक रूठी हुई नहीं रह सकती है प्रेम और स्नेह का दूसरा नाम ही मां है. किसी भी व्यक्ति के अच्छे भविष्य के लिए मां का बहुत अधिक महत्व होता है.

Best Essay on Mother in Hindi 500 words

मां ईश्वर का दूसरा रूप है क्योंकि ईश्वर सभी जगह हमारी सहायता के लिए नहीं हो सकते इसीलिए उसने मां को बनाया है मां की ममता प्यार और स्नेह को प्राप्त करने के लिए तो ईश्वर भी धरती पर जन्म लेता है. मां से बड़ा दयालु और परोपकारी आज तक कोई नहीं हो पाया है और ना हो पाएगा.

मां वह धरा है जो खुद बंजर हो जाती है लेकिन अपने बच्चों का सही पालन-पोषण करके उनका अच्छा मार्ग दर्शन करके उन्हें उपजाऊ धरा के समान बनाती है.

Maa हमेशा हमारी खुशी मेरी खुश रहती है उसे कोई धन दौलत नहीं चाहिए उसे तो सिर्फ अपने बच्चों का प्यार चाहिए. मां हमेशा दिन-रात हमारे परिवार और हमारी सेवा में लगी रहती है लेकिन वह कभी नहीं कहती कि मैं थक गई या फिर मैं और काम नहीं कर सकती.

मां के जितना समर्पण और त्याग कोई अन्य व्यक्ति नहीं कर सकता है . मां हमारे जन्म से पहले से ही हमारा ख्याल रखना शुरू कर देती है हमारे जन्म के समय उसे असहनीय पीड़ा का सामना करना पड़ता है फिर भी वह हमारी एक मुस्कान देखने के लिए सारी पीड़ा को खुशी खुशी सह जाती है.

“गम की चोटे फौलाद से ज्यादा क्या होगी और मां की दौलत दुनिया में औलाद ज्यादा क्या होगी”

बचपन में वह हमारा पालन पोषण करती है, हमारी हर नादानी को नजर अंदाज करके हमें माफ कर देती है. मां सुबह सबसे पहले उठती है, वह हमें समय पर भोजन देती है, समय पर स्कूल जाने के लिए तैयार करती है,

पूरे दिन भर घर का काम करती है, इसके बाद जब हम घर लौट कर आते हैं तो एक मुस्कान के साथ हमारा हाल-चाल पूछती है और हम सब को सुलाने के बाद वह सोती है. इतना बड़ा कार्य तो सिर्फ माँ ही कर सकती है.

संसार में पुरुषों को सबसे शक्तिशाली बताया जाता है लेकिन सबसे शक्तिशाली तो मां है जिसके साहस, स्नेह, निडरता, बुद्धिमता, दयालुता और प्रेम भाव के आगे कोई भी नहीं टिक पाता है. माँ ही है जो करते हुए आंसुओं को पूछती है और एक मिनट में हमारे चेहरे पर मुस्कान बिखेर देती है.

कभी सोचा है मां हमारे लिए यह सब कुछ क्यों करती है क्योंकि वह सिर्फ और सिर्फ हमसे प्यार करती है वह अन्य दुनिया की तरह नहीं है जो स्वार्थ के लिए आप से प्रेम भाव रखते है.

मां ही हमारा पहला गुरु होती है वह हमें अच्छी शिक्षा देती है और समाज का एक अच्छा नागरिक बनाती है वह असफलता और सफलता दोनों में हमारे साथ खड़ी हुई होती है हमारे निराश होने पर वह आशा की किरण बनकर हमारे साथ चलती है और हमारा मार्गदर्शन करती है.

मां जीवन भर हमारे लिए इतना सब कुछ करती है तो हमारा भी फर्ज बनता है कि हमें भी मां के लिए कुछ करना चाहिए उनका हर समय खयाल रखना चाहिए उन्हें हर वह खुशी देने की कोशिश करनी चाहिए जो आज तक वो हमें देती आई है.

हमें प्रतिदिन मां का आशीर्वाद लेना चाहिए क्योंकि जब उसका आशीर्वाद मिल जाता है तब हमें किसी के आगे हाथ फैलाने नहीं पड़ते है.

आज आप हमारे साथ प्रण ले की जैसे मां ने आपका ख्याल रखा है वैसे ही आप भी उनका ख्याल रखेंगे और जो खुशियां उन्हें नहीं मिल पाई वो खुशियां उन्हें देंगे.

Essay on Mother in Hindi 1000 words

मां की व्याख्या करने की ताकत किसी भी कलम में नहीं है क्योंकि मां को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है फिर भी मैं मां के ऊपर आज कुछ लिखना चाहता हूं.

मां उस जल के समान है जो निरंतर बहता रहता है और दुनिया को जीवन देता रहता है मां उस अटल पहाड़ की तरह है जब मुसीबत आती है तो वह पहाड़ की तरह मजबूती से खड़ी रहती है.

मां नदी के समान है जो निरंतर निर्मल और परोपकार की भावना रखते हुए बहती रहती है. मा तपती धरती के समान है जो खुद त्याग करके अपने बच्चों की परवरिश करती है. मां में तो पूरा ब्रह्मांड समाया है क्योंकि उसके बिना इस धरती पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है.

मां ईश्वर का सबसे अनमोल उपहार है जिसे मिलता है उसके जीवन से दुख दूर हो जाते हैं और जीवन में खुशियां ही खुशियां भर जाती है. वह जीवन की अंतिम पल तक हमारा साथ नहीं छोड़ती है भले ही हमने क्यों न उसका साथ छोड़ दिया हो.

जीवन में मां का महत्व –

मां का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है क्योंकि उसके बिना हमारा जीवन संभव नहीं हो पाता वही हमें इस दुनिया में लेकर आती है. हमारे जन्म के समय उसे असहनीय पीड़ा महसूस होती है लेकिन फिर भी वह हमारे लिए पीड़ा को सहन करके हमें जीवन प्रदान करती है.

मां हमारे बचपन से ही हमारा पालन-पोषण करती है हमारी हर जरूरतों को पूरा करती है वह स्वयं भूखी रह जाती है लेकिन हमें भरपेट भोजन कराती है. वह स्वयं गीली जगह पर सो जाती हैं लेकिन हमें हमेशा सूखे में सुलाती है.

मां हमारा पहला गुरुकुल और पहली गुरु होती है वही हमें सर्वप्रथम शिक्षा देती हैवह धीरे-धीरे है मैं अपने पैरों पर चलना सिखाती है. वह अपने पूरे जीवन का त्याग करके संपूर्ण जीवन हमें समर्पित कर देती है वह हमेशा अपने दुखों को भूलाकर हमारी खुशियों के बारे में सोचती है.

मां हमें बचपन में अच्छी शिक्षाप्रद कहानियां सुनाती है जिनसे हमारा जीवन और भी सुलभ हो जाता है. वह हमें जीवन जीने का तरीका बतलाती है. वह समाज की बुरी कुरूतियो से लड़ना सिखाती है.

जब हम खुश होते है तो वह बहुत खुश होती है. मां के जितना कोई निडर नहीं हो सकता क्योंकि जब हमारे ऊपर कोई भी मुसीबत आती है तो सबसे पहले वह हमारे आगे खड़ी होती है और हमारा बचाव करती है. मां हमेशा हमारे प्रति परोपकार की भावना रखती है वह कभी भी हमसे कुछ नहीं मांगती है हमेशा हमारे बिना मांगे हमारी जरूरतें पूरी करते है.

मां हमें समाज में जीने का तरीका बदल आती है वह हमें अच्छे और बुरे में भेद करना सिखाती है वह हमें लोगों का सम्मान करना सिखाती है हमें निरंतर बिना रुके चलना सिखाती है. मां जीवन भर हमारी सेवा करती रहती है हमें छोटी सी चोट लग जाने या फिर बीमार होने पर वह चिंतित हो जाती है और दिन रात जाग कर सेवा करती है.

ईश्वर से हमारी ठीक होने की मन्नतें और प्रार्थना करती है. वह सदा हमारे लिए ही प्रार्थना करती है कभी अपने लिए कुछ नहीं मांगती क्योंकि उसके लिए हम ही सब कुछ होते है.

हम चाहे कितने भी बड़े हो जाए लेकिन मां के लिए जीवन भर हम एक छोटे बच्चे के समान ही होते हैं जिस पर अगर थोड़ी सी भी मुसीबत आ जाए तो वह कहीं भी हो दौड़ी चली जाती है.

वह हमें चुनौतियों से लड़ना सिखाती है और अगर हम कभी निराश होते हैं तो आशा की किरण बनकर हमारा हौसला बढ़ाती है और जब तक हम सफलता प्राप्त नहीं कर लेते हमारा हाथ थामे साथ खड़ी रहती है.

मां का विश्वास और आर्शीवाद हमारे ऊपर सदा बना रहता है तभी हम जीवन में एक अच्छे इंसान बन पाते है और सफलता प्राप्त कर पाते है.

मां हमें हमेशा साहसी धैर्यवान और अच्छे व्यक्तित्व वाला व्यक्ति बनाती है वह चाहती है कि हम इस दुनिया के लिए कुछ अच्छा करें और इस समाज पर एक अमिट और अच्छी छाप छोड़ें. मां सबसे बड़ा धन है जिसको यह मिल जाता है उसकी जिंदगी संवर जाती है.

मां और ईश्वर –

मां का दुलार और प्यार पाने के लिए ईश्वर भी धरती पर जन्म लेते है मां का प्यार होता ही ऐसा है जिसको पाने के लिए ईश्वर भी धरती पर चले आते है इसका एक स्पष्ट उदाहरण है भगवान श्री कृष्ण जिन्होंने मां की ममता पाने के लिए धरती पर जन्म दिया था.

भगवान श्री कृष्ण ने एक नहीं दो माताओं का प्यार और दुलार पाया था. इससे यह स्पष्ट होता है कि ईश्वर भी मां को प्रणाम करते है.

मां के प्रति हमारे कर्तव्य –

मां हमारे लिए पूरा जीवन समर्पित कर देती है और बदले में हम उन्हें दो वक्त की रोटी तक नहीं दे पाते है यह बहुत ही विडंबना का विषय है कि जिस मां ने हमारे लिए पूरा जीवन कठिनाइयों और मुसीबतों को झेल कर हमें जीवन दिया, हमें दुनिया की हर एक खुशी दी और हमें एक अच्छा व्यक्ति बनाया.

अब हमारे बड़े होने पर मां के प्रति हमारे भी कुछ कर्तव्य बनते है. हमें मां की हर जरूरत को पूरा करना चाहिए. उनकी हर एक खुशी देनी चाहिए. वृद्धावस्था में उनकी सेवा करनी चाहिए. उनके पास बैठकर कुछ समय बिताना चाहिए.

सुबह शाम उनसे मिलकर उनका हाल-चाल पूछना चाहिए प्रतिदिन उनका आशीर्वाद लेना चाहिए क्योंकि मां की आशीर्वाद से बड़ा कोई धन नहीं होता है. उन्हें भी उतना ही प्यार करना चाहिए जितना उन्होंने हमें किया था.

मां को हमारे से कुछ नहीं चाहिए ना उसे धन चाहिए ना उसे बड़ा मकान चाहिए उसे तो सिर्फ अपने बच्चों का प्यार चाहिए और खुशियां चाहिए.

इसलिए हमें हमेशा उनके प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए और हर संभव सेवा करनी चाहिए मां वह अनमोल धन है जो कि अगर एक बार खो जाए तो जिंदगी में दोबारा कभी नहीं मिलता है.

उपसंहार –

मां के जितना त्यागी, साहसी, धैर्यवान, निडर, तपस्वी, परोपकारी, जीवनदायी कोई नहीं हो सकता है . मां ईश्वर का ही दूसरा स्वरूप है जिसने हमें पृथ्वी पर जीवन दिया है.

इस अमूल्य जीवन का हम कभी भी कर्ज अदा नहीं कर सकते हैं इसलिए जितनी हो सके उतनी मां की सेवा करनी चाहिए उन्हें हर वह खुशी देनी चाहिए जिसके लिए उन्होंने अपने जीवन को हमारे व्यक्तित्व को निखारने के लिए समर्पित कर दिया.

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30 thoughts on “माँ पर निबंध – Essay on Mother in Hindi”

Thank you hindi yatra for this legend essay.

Welcome Aarav Srivastava

what a good composition ! It is really very helpful!! Thank You!!!!!!!!!!!!!!!

Thank you Pracheta Das for appreciation

Hahta hu me ek choti si dunya ho Or jisme phle name meri maa ho

Shiv kashyap ji aap ne bahut accha likha hai.

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मेरी माँ पर निबंध

Essay on My Mother in Hindi: माँ का ख्याल आते ही दिल प्यार के समंदर में गोते खाने लगता है। आखिर हमने कितने वर्ष उसकी कोमल प्यार भरी बांहों में बिताये, उसने हमें 9 महीने अपनी कोख में रखा, 2 साल तक अपनी ममता भरी गोद में रखा और उम्र भर अपने दिल में रखा।

उसके रहते हुए हमें कभी कोई सांसारिक कष्ट महसूस नही हुए और ना हुई उसने हमें कभी किसी भयानक दर्द से गुजरने दिया। एक शायर ने भी क्या खूब कहा है “तुम्हारी जिंदगी में जरा भी तकलीफ़, गम और दर्द ना होता अगर तुम्हारा नसीब तुम्हारी माँ ने लिखा होता।”

Essay on My Mother in Hind

वैसे हमारे जीवन में बाप की अहमियत भी कम नही होती। क्योंकि वही हमें इस दुनिया से लड़ने के काबिल बनाता है।

मगर जितनी जरूरत माँ के प्यार की जीवन में होती है, उतनी शायद किसी और व्यक्ति की नही होती। मेरी बातों को वो लोग अच्छे से समझ सकते हैं, जो अपनी माँ को खो चुके हैं।

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मेरी माँ पर निबंध (Essay on My Mother in Hindi)

यहां पर हम अलग-अलग शब्द सीमा में मेरी माँ पर निबंध (meri maa essay in hindi) शेयर कर रहे हैं यह निबन्ध हर कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

मेरी माँ पर निबंध 50 शब्दों में

मेरी जिंदगी की सबसे महत्वपूर्ण महिला मेरी प्यारी माँ हैं। वह स्वभाव से बहुत मेहनती और प्यार करने वाली है। मेरी माँ परिवार के हर सदस्य का अच्छे से ख्याल रखती है। वह सुबह-सुबह जल्दी उठ कर हम लोगों के लिए खाना तैयार करती है।

मेरे दिन की शुरूआत अक्सर मेरी माँ के साथ ही होती है, वो सुबह जल्दी उठ कर मुझे भी बिस्तर से जल्दी उठाती है। इसके बाद वह मुझे स्कूल के लिए तैयार करती है और बहुत ही स्वादिष्ट भोजन बनाती है।

इसके अलावा वह मेरा गृह कार्य करने में भी मदद करती है और वो मेरी सबसे अच्छी टीचर भी है। मैं अपनी माँ से बहुत प्यार करता हूँ और आशा करता हूँ कि मेरी माँ की उम्र बहुत लंबी हो।

मेरी माँ पर निबंध 100 शब्दों में

मेरे जीवन की सबसे प्रभावशाली व्यक्ति मेरी माँ है। इसलिए उनके प्रति मेरे दिल में बहुत प्रशंसा और इज़्ज़त है। वो मेरी जिंदगी की सबसे पहली और अच्छी टीचर है। वह मुझ से बहुत प्यार करती है और मेरी वजह से अपनी ख़ुशियों की कुर्बानी दे देती है। मेरी माँ अपने काम के प्रति बहुत समर्पित हैं और उनका मेहनती स्वभाव हमेशा मुझे बहुत लुभाता है।

मेरी माँ घर में सबसे पहले उठती है और हमेशा हमारे बिस्तर से उठने से पहले ही वो अपने काम-काज चालू कर देती है। मेरी माँ मेरे घर की प्रबंधक है।

वह हमारे घर की प्रत्येक चीज और जरूरत का बहुत ख्याल रखती है। वह हमारे घर के लिए स्वादिष्ट भोजन बनाती है, ख़रीददारी करती है और ईश्वर से हमारे लिए प्रार्थना भी करती है।

इसके साथ ही वो हमारी हर छोटी बड़ी ज़रूरतों का भी बखूबी ध्यान रखती हैं। मेरी माँ मुझे और मेरे भाई/बहन को भी पढ़ाती है और होम वर्क भी पूरा करने में भी मदद करती है। इन्ही सभी योगदानों के कारण मेरी माँ हमारे घर की रीढ़ की हड्डी है।

Essay on My Mother in Hindi

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मेरी माँ पर निबंध 150 शब्दों में

माँ सबसे उपयुक्त शब्द है जो मैंने अब तक सीखा है। मेरी माँ मेरी जिंदगी में मेरे लिए सबसे प्रभावशाली व्यक्ति हैं। मेरी माँ ना केवल एक मेहनती व्यक्ति है बल्कि अपने काम के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं।

वह सुबह सूरज के उगने से पहले उठ जाती हैं और अपने प्रतिदिन के कार्यों को करना शुरू कर देती है। मेरी माँ एक बहुत ही सुंदर और दयालु दिल वाली महिला है जो हमारे घर में प्रत्येक चीज का ध्यान रखती है।

मैं अपनी माँ की बहुत इज़्ज़त करता है क्योंकि उन्होने ना केवल मुझे किताबी ज्ञान को सीखने में मदद की। बल्कि अपने अनुभवों की सीख से मुझे सही-गलत का अंदर सिखा कर मुझे एक अच्छा इंसान बनने में भी मदद की।

वह हमारे लिए खाना बनाती है, सभी का ध्यान रखती और घर के लिए ख़रीददारी करती है। इसलिए वो ज्यादातर समय व्यस्त रहती है।

उन्हे जब खाली समय मिलता है तो वो मेरे साथ खेलती हैं, मेरा गृह कार्य करने में मदद करती है और दूसरी जरूरी कामों में भी मदद करती है।

मेरी माँ मुझे कई तरह की चीजें सीखने में भी मदद करती है इसलिए मैं अपनी माँ से बहुत प्रेम करता हूँ और ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि उनकी उम्र हो।

Essay on My Mother in Hindi

मेरी माँ पर निबंध 200 शब्दों में

माँ एक ऐसा शब्द है जिसको शब्दों में व्यक्त नही किया जा सकता, मेरी माँ ही मेरे दिल के सबसे करीब है। उसी ने मेरी जिंदगी को एक सही आकार देने में मदद की है। मेरी माँ एक बहुत दयालु दिल की सुन्दर महिला है जिसने मेरा जिंदगी के हर मोड़ पर साथ दिया।

उनकी व्यस्त दिनचर्या सूरज के उगने से पहली ही शुरू हो जाती है वो हमारे लिए ना केवल खाना तैयार करती है। बल्कि मेरे हर कार्य में भी पूरी मदद करती है।

जब मुझे अध्ययन में कोई परेशानी पेश आती है तो मेरी माँ टीचर बन कर मेरी समस्याओं को सुलझाने में मदद करती है और जब मैं बोर हो जाता हूँ तो मेरी दोस्त बन कर मेरे साथ खेलती है।

वह हमारे घर में दूसरा रोल निभाती है और जब कोई हमारे परिवार में बीमार पड़ जाता है तो वो पूरी रात जाग कर उसका ख्याल रखती है। हमारे परिवार के लिए वो अपनी ख़ुशियों की भी कुर्बानी हस्ते-हस्ते दे सकती है।

वैसे स्वभाव से मेरी माँ बहुत मेहनत करनी करने वाली महिला है। वो सुबह से शाम तक घर के सभी जरूरी कामों को करती हैं। 

उन्होने जिंदगी के हर मोड़ पर मेरा मार्गदर्शन किया है। निविदा उम्र में, मेरे लिए यह तय करना बहुत मुश्किल था कि क्या सही है और क्या गलत मगर मेरी मां मेरे जीवन में सही रास्ता दिखाने के लिए हर समय मौजूद रही।

Essay on My Mother in Hindi

यह भी पढ़े: मेरे पिता पर निबंध

मेरी माँ पर निबंध 250 शब्दों में

मेरी माँ मेरे लिए सब कुछ है। मैं उसी के कारण इस सुंदर संसार को देख पा रहा हूँ। उसी के प्यार और दयालूता ने मुझे इतना बड़ा किया और एक बेहतर इंसान बनने में मदद किया।

मेरे अनुसार माँ दुनिया की सबसे भरोसेमंद शख्स होती है जिससे आप अपने दिल की हर बात साझा कर सकते हैं। मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी है।

मैं उसके साथ अपने सभी खूबसूरत लम्हे साझा कर सकता हूँ। मैंने अपने हर बुरे वक्त में अपनी माँ को सबसे करीब पाया। उसने मुझे उस बुरे समय में काफी सहारा भी दिया। इसलिए मेरे दिल में मेरी माँ के प्रति काफी प्रशंसा है।

मेरी माँ बहुत ज्यादा मेहनती है और अपने काम के प्रति पूरी तरह समर्पित रहती है। मैंने उन्ही से सीखा है कि कोशिश कभी बेकार नही जाती तथा मेहनत से ही सफलता आती है। वह पूरे दिन चेहरे पर हल्की मुस्कान के साथ काम करती रहती है।

वह ना केवल अच्छा एवं स्वादिष्ट खाना बनाती है बल्कि घर के हर सदस्य की अच्छे से देखभाल भी करती है। वह हमारे परिवार के लिए काफी अच्छे निर्णय भी लेती है। कई बार तो पिता जी भी माँ के पास सलाह लेने के लिए आते हैं। क्योंकि वो निर्णय लेने में बहुत निपुण है।

हमारे परिवार में कुल-मिला कर चार सदस्य हैं, मेरे पिता, मेरी माँ, मैं और मेरी छोटी बहन, हम सभी की देखभाल हमारी मां करती है। उन्होने मुझे जिंदगी के नैतिकता के बारे में भी बताया।

जब मैं कभी गृह अध्ययन करते समय किसी समस्या में फँस जाता हूँ तो माँ एक टीचर के रूप में मेरी समस्याओं को सुलझाने में मदद करती हैं। इसलिए वो हर समय व्यस्त ही रहती है।

मेरी माँ एक दयालु दिल की महिला है जिसके प्यार की छतरी हमेशा मेरे सर पर रही है और मैं इस बात को भी जानता हूँ कि इस संसार में मेैं माँ जैसे प्यार को कहीं और नही तलाश कर सकता।

हर बच्चा अपनी माँ से प्यार करता है मगर माँ की असली अहमियत वही जानता है जिसकी जिंदगी में माँ नही है। मैं अपनी जिंदगी में अपनी माँ को हर समय मुस्काराते हुए देखना चाहता हूँ।

मेरी माँ पर निबंध 300 शब्दों में

माँ बच्चे के मुँह से निकलने वाला पहला शब्द होता है। मेरे लिए माँ ईश्वर के द्वारा दिया गया सबसे अच्छा और किमती तोहफा है। अपनी माँ के प्यार और उसके दयालूता भरे चरित्र को शब्दों में व्यक्ति करना मेरे लिए बहुत मुश्किल है।

हर बच्चे के लिए उसकी माँ सबसे ज्यादा प्यार करने वाला और फिक्र करने वाला शख्य होती है। मुझे नही लगता कि कोई भी व्यक्ति माँ जैसे प्यार को कही और अनुभव कर सकता है। मेरी माँ में वो सभी काबिलियतें और गुण मौजूद है जो एक अच्छी माँ में होनी चाहिए।

मेरे परिवार में कुल 6 सदस्य है जिनमें मेरे दादा-दादी, मेरे माता-पिता और मैं तथा मेरी छोटी बहन है लेकिन केवल मेरी माँ के कारण ही हमारा घर एक और खुशहाल है।

वह सुबह जल्दी उठती है, उठने के बाद वो तैयार होती है और अपने प्रतिदिन के कार्य में जुट जाती है। वह हमारा पूरी तरह ख्याल रखती है और तरह-तरह के स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ बनाती है। 

वो घर के हर सदस्य की पसंद और ना पसंद को काफी अच्छी तरह से जानती है और उन्हे यह भी पता रहता है कि कब मेरे दादा जी ने कितनी बार कौनसी दवा ली है। मेरे दादा जी मेरी माँ को घर का प्रबंधक कहते हैं। क्योंकि वो घर की हर चीज को प्रबंधित रखती हैं।

मैं अपनी मां की नैतिक शिक्षाओं के साथ बड़ा हुआ हूं। उन्होने मेरा जिंदगी के हर पड़ाव पर मार्गदर्शन किया है। वो मेरी भावनाओं को अच्छी तरह समझती हैं। उन्होने मुझे बुरे हालातों में हर बार सहारा दिया है और मुझे प्रेरित किया है।

मेरी माँ मुझे एक अनुशासित, समयनिष्ठ और भरोसेमंद व्यक्ति बनना सिखाती हैं। वह एक पेड़ की तरह है जो हमारे परिवार को अपने प्यार की छांव में रखती है। खैर वो बहुत सारा काम करती हैं मगर फिर भी वो एकदम शांत रहती हैं।

वह किसी भी बुरी परिस्थिति में अपना धैर्य नही खोती। मेरी माँ और मुझ में एक खास तरह का प्यार है और उन्होने मेरा हमेशा साथ दिया है। मैं भगवान से हमेशा दुआ करता हूँ कि मेरी माँ हमेशा स्वस्थ और खुश रहे।

मेरी माँ पर निबंध 600 शब्दों में

मां इस शब्द में कितना मिठास है। इस शब्द को पुकारते ही व्यक्ति का हर पीड़ा कम हो जाता है। मां भगवान से भी बड़ी होती है तभी तो व्यक्ति जब पीड़ा में होता है तो उसके मुख से सबसे पहले मां शब्द ही निकलता है। मां के द्वारा स्नेह और प्यार से हमारे ऊपर फेरे गए हाथ हमारी हर दर्द को कम कर देता है।

मेरी मां मेरी प्रेरणा है। मां मेरी प्रथम शिक्षक है, जिन्होंने मुझे बचपन से अच्छे संस्कार दिए जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी दुख सह कर भी उन्होंने मेरे खुशी को हमेशा प्राथमिकता दिया है। स्वयं से पहले वह मेरे बारे में पूछती है। मां ही तो है, जो हर घड़ी मेरा हालचाल पूछते रहती है।

दुनिया में एक मां ही तो है, जो निस्वार्थ रूप से प्यार करती है। वह हमेशा हमारे लिए करते रहती है लेकिन कभी भी हमसे उसका मूल्य नहीं मांगती।

मां ने मुझे हमेशा से ही दूसरों के प्रति अच्छा व्यवहार रखना सिखाया है, अपने कार्य के प्रति ईमानदार रहना सिखाया है। यही कारण है कि आज मां के कारण ही में एक सफल व्यक्ति बन सका हूं।

मामत्व ना केवल इंसानों में बल्कि जानवरों में भी देखने को मिलती है। हर जीव की मां भगवान के समान होती है। भगवान ने ही तो हर जीव को उत्पन्न किया है। भगवान एक समय हर एक जीवो के पास उपस्थित नहीं रह सकते, इसीलिए तो उन्होंने मां को उत्पन्न किया और हर एक जीव को मां दिया जो अपने बच्चों का ख्याल रखती है।

मां के आश्रय में हर दुख दूर हो जाता है। एक स्त्री बेटी पुत्री, बहू ना जाने कितने ही रुप में रिश्ते निभाती है। लेकिन उनमें से सबसे ऊपर मां का पद होता है। दुनिया में मां का पेशा ऐसा है, जिसकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती। मां का पद सबसे ज्यादा सम्मानीय होता है।

मां का पेशा सबसे बड़ा होता है, जिसकी कोई सैलरी निश्चित नहीं की जा सकती। मां के द्वारा दिए गए प्यार के लिए बच्चा अपने आप को भी समर्पित कर दें तो वह भी कम है। मां तो प्रेम और त्याग की मूर्ति है। मां चाहे तो अपने बच्चे की रक्षा के लिए बड़े से बड़े परेशानियों का भी सामना कर सकती हैं।

स्त्री होने के नाते उसके अंदर भले ही शक्ति हो या ना हो लेकिन मां के रूप में वह सर्वशक्तिमान होती है। मां शब्द के महत्व का अंदाजा ही नहीं लगाया जा सकता। सभी रिश्तो में मां का रिश्ता सबसे सर्वोपरि होता है।

मां पालनकर्ता भी होती है, मां शिक्षक भी होती है और मां शखा भी होती है। जरूरत पड़ने पर वह शिक्षक की तरह हमें शिक्षा देती है और सही मार्ग पर चलने के लिए प्रोत्साहित करती है।

वहीँ मुसीबत में दोस्त की तरह हमारे साथ खड़ी होती है और हमारे दुखों को कम करती है। खुद खाना भूल सकती है लेकिन अपने बच्चे को खिलाना कभी नहीं भूल सकती।

मां की ममता का कोई मोल नहीं चुका सकता। मां की ममता दुनिया की सबसे बड़ी कीमती वस्तु है और इसका महत्व वही समझ सकता है, जिसकी मां नहीं है।

एक बार ईश्वर हमसे नाराज हो सकते हैं लेकिन मां कभी भी हमसे नाराज नहीं हो सकती। मां के बिना तो जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती। व्यक्ति कितना भी पूजा पाठ करें, वह चारों तीर्थ धाम क्यों ना चला जाए लेकिन जब तक वह मां का सम्मान नहीं करता तब तक यह हर चीज निरर्थक है।

भगवान गणेश अपने माता पिता भगवान शिव और पार्वती की परिक्रमा करके मानव जाति को इस बात का ज्ञान दिये कि दुनिया में सबसे बड़ा तीर्थ और पुण्य का काम मां बाप का सेवा करना ही होता है। मां के दिल दुखाने से बड़ा पाप जीवन में कुछ नहीं हो सकता।

इस पाप को व्यक्ति पवित्र नदियों में नहाकर या तीर्थ यात्रा करके नहीं धो सकता। बालक द्वारा की गई गलती पर जब तक मां क्षमा नहीं करती तब तक भगवान भी स्वयं उसके गलती के लिए क्षमा नहीं करते।

एक स्त्री दूसरी स्त्री या अन्य के प्रति ईर्ष्यालु हो सकती है, वह अन्य के प्रति दुष्ट हो सकती है लेकिन वह अपने बालक के प्रति कभी भी दुष्ट नहीं होती। इसीलिए हर एक बालक को चाहिए कि वह हमेशा ही अपने मां का सम्मान करें, कभी भी उनके दिल को ना दुखाए।

यह भी पढ़े: मेरा परिवार पर निबंध

मेरी माँ पर निबंध 1200 शब्दों में

दुनिया में हर शब्द का परिभाषा हो सकता है परंतु मां की परिभाषा देना बहुत कठिन है। क्योंकि इसकी एक परिभाषा नहीं बल्कि हजारों परिभाषा भी कम पड़ जाए। यह तो वह करुणा की मूर्ति है, जो अपने ममता से एक बालक के जीवन को हर खुशियों से भर देती है।

उसके लिए स्वयं से ज्यादा अपने बालक के जीवन का मोल होता है। तभी तो मां असहनीय पीड़ा सहने के बाद अपने बालक को जन्म देती है।

कहते हैं स्त्री कमजोर होती है लेकिन स्त्री से बड़ा शक्तिशाली और सहनशीलता कोई नहीं होता। मां के रूप में एक मां जितना दर्द सहती है, उतने दर्द से तो एक चट्टान भी फट जाए।

एक मां का समाज और राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान होता है। क्योंकि मां चाहे तो अपने बालक को बिगाड़ भी सकती है और मां चाहे तो अपने बालक को महान व्यक्ति भी बना सकती है।

हर मां यही चाहती है, उसका बालक जीवन में महान व्यक्ति बने, वह एक प्रभावशाली व्यक्तित्व बनाने में सफल हो सके। हालांकि एक बालक के जीवन में शिक्षक का काफी महत्व होता है सफलता पाने में।

लेकिन मां बच्चे की प्रथम शिक्षक होती है और जिंदगी भर वह शिक्षक की तरह अपने बच्चे को सही गलत का फर्क सिखाते हुए हर एक कठिन मार्ग पर उसे मार्गदर्शित करती है।

मां के मार्गदर्शन पर बालक कभी भी असफल नहीं हो सकता। हर एक व्यक्ति और जीव का अस्तित्व मां से जुड़ा हुआ है। भगवान ने मां के जरिए ही इस सृष्टि की रचना की है। मां को सम्मानित करने के लिए ही मदर डे मनाया जाता है।

लेकिन मां के सम्मान के लिए केवल एक विशेष दिन नहीं होना चाहिए बल्कि हर दिन हर पल मां को समर्पित होना चाहिए। क्योंकि मां के कारण ही तो यह जीवन है।

तो फिर मां के लिए किसी एक विशेष दिन को कैसे समर्पित कर सकते हैं, मां के लिए तो पूरा जीवन ही समर्पित है। इसीलिए जो व्यक्ति मदर डे को अपनी मां के लिए कुछ खास करते हैं, उन्हें हमेशा ही अपने मां को सम्मान देना चाहिए।

क्योंकि मां कभी भी अपने बच्चे को किसी एक विशेष दिन को प्यार या स्नेह नहीं देती बल्कि वह जिंदगी भर अपने बालक को प्यार और स्नेह देती है।

हमारे जीवन में कई रिश्ते होते हैं और हर रिश्ते में किसी गलतफहमी से कभी ना कभी दरार आ सकती है, हर रिश्ता जरूरत के समय धोखा दे सकता है। लेकिन मां के साथ का रिश्ता भगवान भी नहीं तोड़ सकता।

दुनिया आप पर विश्वास करें या ना करें लेकिन मां आप पर हमेशा विश्वास करती है। क्योंकि एक मां को अपने लालन-पालन पर पूरा विश्वास होता है। वह जानती है कि उसने अपने बालक को जो शिक्षा और संस्कार दिया है, उसके विपरित उसका बालक कुछ नहीं कर सकता।

मैं अपने मां के लिए जितना बोलू उतना ही कम है। आज भी जब किसी समस्या में रहता हूं तो सबसे पहले मां का ही विचार आता है। वह पल याद आ जाता है जब मां मेरे चेहरे को देख कर समझ जाती थी कि मैं किसी परेशानी में हूं।

ना जाने उनके पास कैसी कला थी, जिससे उन्हें पता चल जाता था कि मैं दुखी हूं और मुझे देख वह भी दुखी रहती थी। जब तक मैं खा नहीं लेता था तब तक वह भी नहीं खाती थी।

आज भी जब काम से घर लेट जाता हूं तो घर का हर सदस्य सो जाता है। लेकिन मां ही तो होती है, जिसका ध्यान दरवाजे पर रहता है कि कब उसका बेटा आएगा। घर पहुंचते ही सबसे पहले वही उठती है और खाने का पूछती है।

मेरे इंतजार में वह भी भूखी रहती है। उस पल को याद करके बहुत ज्यादा मां के प्रति प्यार उमड आता है जब बिमार पडा करता था तो मां रात भर बगल में बेठी मेरे सिर को फेरते रहती थी।

जब तक मैं ठीक ना हो जाता था तब तक उन्हें भी नींद नहीं आती थी। आज भी मां भगवान के सामने बस मेरी ही खुशी की प्रार्थना करती है।

मां अक्सर पूछा करती थी कि जब कमाने लगूंगा तब मां के लिए साड़ी लाऊंगा कि नहीं। मैंने तो उसी दिन ठान लिया था कि जब हाथ में पहली कमाई आएगी तो पूरी की पूरी कमाई मां के हाथ में धर दूंगा।

आज भी मुझे किसी जगह इतनी सुकून और शांति नहीं मिलती जितना मां के गोद में लेट कर मिलता है। उनके हाथों में न जाने कैसा जादू है, जिससे उनके हाथ फैराते ही मेरी सारी थकान दूर हो जाती है।

मुझे आज भी वह दिन याद है जब स्कूल के सभी बच्चे पिकनिक पर जा रहे थे लेकिन पिकनिक की फीस अधिक होने के कारण मुझे पिताजी को बोलने में संकोच हो रहा था फिर भी मैंने हिम्मत जुटाकर पिताजी को पिकनिक जाने की बात कही।

लेकिन उन्होंने यह बात कह कर मना कर दिया कि अभी उनके पास पैसे नहीं है। लेकिन मां को मेरे चेहरे की उदासी दिखी गई। दूसरे दिन मां स्कूल जाकर पिकनिक फीस जमा कर आई, जिसे उन्होंने लंबे समय तक जमा करके रखा था।

ताकि मैं पिकनिक जा सकूं और मेरे चेहरे पर दुबारा मुस्कान आ जाए। उस दिन मुझे एहसास हुआ कि मां को अपने बच्चे की खुशी से ज्यादा कुछ नहीं चाहिए होता है।

वह तो अपने बच्चे की खुशी के लिए दुनिया का हर धन दौलत भी कुर्बान कर देगी, उसे बस प्यार के बदले में प्यार ही चाहिए। वह अपने बच्चे को जीवन में बड़ा आदमी बनने की कल्पना तो जरूर करती है।

लेकिन वह कभी भी अपने स्वार्थ के लिए अपने बच्चे को सफलता दिलाने का नहीं सोचती बल्कि उसके मन में तो केवल अपने बच्चे की खुशी ही मात्र रहती हैं।

मुझे बहुत दुख होता है, उन लोगों का सोच कर जो अपने माता-पिता को बुढ़ापे में बेसहारा छोड़ देते हैं। जिस माता-पिता ने अपना पूरा जीवन अपने बच्चे को समर्पित कर दिया, वही मां-बाप बुढ़ापे में उस बच्चे के लिए बोझ बन जाते हैं। कितनी शर्म की बात है। मेरे अनुसार तो दुनिया में वृद्धाश्रम ही नहीं होना चाहिए।

क्या हर मां अपने बच्चे को यही उम्मीद से सब दुख दर्द साहकर अपने बच्चों को पालती है कि यह बच्चा बड़ा होकर मुझे वृद्धाश्रम में छोड़ देगा। कोई भी मां अपने बच्चे से यह कभी भी उम्मीद नहीं करती है।

यहां तक कि जो बच्चे अपने मां को बुढ़ापे में वृद्ध आश्रम में छोड़ देते हैं, उस वक्त भी मां के दिल से अपने बच्चे के लिए दुआ ही निकलता है।

बच्चा अपनी मां के साथ कितना ही गलत क्यों ना करें लेकिन मां अपने बच्चे के लिए कभी भी गलत नहीं करती। तभी तो मां को भगवान से भी बड़ा माना जाता है।

आज मुझे बहुत खुशी हुई मेरी मां के बारे में लिखकर। हालांकि मैंने मां के बारे में जितना भी लिखा कम ही है क्योंकि मां के बारे में कोई भी कभी कुछ पूरा नहीं लिख सकता।

जब भी आप कभी माँ के ऊपर कोई श्रेष्ठ निबंध लिखना चाहते हो तो आंखे बंद कर के अपनी माँ के सच्चे प्यार को महसूस करिये और दिल में जो विचार आए, उसे कलम के द्वारा कागज पर व्यक्त कर दिये। फिर जो लेख ऊभर कर आएग वो लोगों के दिल और दिमाग को पूरी तरह जीत लेगा।

तो इस तरह आप कुछ ही समय में एक अच्छा निबंध तैयार कर सकते हैं या फिर ऊपर दिये गए निंबधों में से अपनी जरूरत के हिसाब से कोई भी निबंध चुन सकते हैं।

इस लेख में हमारे जीवन के सबसे कीमती और प्यारे व्यक्ति यानी मेरी मां पर मेरी माँ हिंदी निबंध (essay on mother in hindi) के द्वारा बताया।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर पसंद आया तो कृपया इस लेख को अपने दोस्तों एवं प्रियजनों के साथ शेयर करना ना भूलें और यदि आपका कोई सवाल है या फिर कोई सुझाव है तो हमें कमेंट के माध्यम से जरूर बताए।

दादी माँ पर निबंध

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Rahul Singh Tanwar

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मेरी मां पर अनुच्छेद | Paragraph on My Mother in Hindi

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मेरी मां पर अनुच्छेद | Paragraph on My Mother in Hindi!

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मेरी मां बहुत प्यारी हैं । वे रोज सुबह घर में सबसे पहले उठ जाती हैं । भगवान से लेकर घर के सब लोगों का ध्यान मेरी मां ही रखती हैं । वे दादा-दादी का पूरा ध्यान रखती हैं । पापा, मेरी और मेरी छोटी बहन की हर एक छोटी बड़ी बातों की परवाह भी मेरी मां करती हैं । दादी कहती हैं कि मेरी मां घर की लक्ष्मी हैं । मैं भी मां को भगवान के समान मानता हूँ और उनकी हर बात मानता हूँ ।

मेरी मां जॉब भी करती हैं । घर और ऑफिस दोनों की जिम्मेदारी वै बहुत ही अच्छे से निभाती हैं । उनके सरल और सुलझे व्यवहार की तारीफ उनके ऑफिस के सारे लोग करते हैं । मेरी मां गरीबों और बीमारों की भी हर संभव मदद करती हैं । मेरी मां मेरी सबसे अच्छी दोस्त हैं ।

मैं जब कोई गलती करता हूँ तब मां मुझे डांटती नहीं हैं बल्कि प्यार से मुझे समझाती हैं । जब मैं दुखी होता हूँ तब मेरी मां ही मेरे मुरझाए चेहरे पर मुस्कराहट लेकर आती हैं । उनके प्यार और ममतामयी स्पर्श को पाकर मैं अपने सारे दुख भूल जाता हूँ ।

मेरी मां ममता की देवी समान हैं । वे मुझे और मेरी बहन को हमेशा अच्छी-अच्छी बातें बताती हैं । मेरी मां मेरी आदर्श हैं । वे मुझे सच के रास्ते पर चलने का सीख देती हैं । समय का महत्व बताती हैं । कहते हैं मां ईश्वर के द्वारा हमें दिया गया एक वरदान है ।

जिसकी आंचल की छांव में हम अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं और अपने सारे गम भूल जाते हैं । मैं अपनी मां को बहुत प्यार करता हूँ और भगवान को धन्यवाद देता हूँ कि उन्होने मुझे दुनिया की सबरसे अच्छी मां दी ।

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मेरी माँ पर निबंध - Essay on My Mother in Hindi

मेरी माँ पर निबंध - Essay on My Mother in Hindi : मेरी माँ दुनिया की सबसे अच्छी माँ है। मेरी माँ मुझे बहुत प्यार करती है। वह मेरे लिए स्वादिस्ट खाना

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मेरी माँ पर निबंध Class 1 and 2

मुझे मेरी माँ से बहुत प्रेम है। माँ वह है जो हमारे सुख-दुःख की साथी होती है और हमेशा और हमें पूरी दुनियां में सबसे अधिक प्यार करती है। मेरी मां मेरी सबसे अच्छी दोस्त हैं। वह मुझे समझती है और मेरी समस्याओं को हल करने में मेरी मदद कर सकता है। माँ ही हमारी पहली शिक्षक होती है। माँ हमारे खाने पीने से लेकर हमारी हर एक चीज का ध्यान रखती है। माँ यह भी जान जाती है कि कब मेरा बच्चा दुखी है और कब नहीं है। वह हमें जन्म देती है और इस सुंदर धरती पर लाती है। माँ ही हमें अच्छे बुरे का ज्ञान देती है। माँ को हमारे पुराणों में भगवान की उपमा दी गयी है। माँ हमारे लिये पूजनीय है। हम सभी को माँ की इज्जत व सम्मान करना चाहिये। क्योंकि बुरे समय में जब सब साथ छोड़ देते हैं तब भी माँ का आशीर्वाद हमेशा अपने बच्चों के साथ रहता है।

मेरी माँ पर निबंध Class 3 and 4

मेरी माँ दुनिया की सबसे अच्छी माँ है। मेरी माँ मुझे बहुत प्यार करती है। वह मेरे लिए स्वादिस्ट खाना बनाती है।मुझे रोज सुबह स्कूल के लिए तैयार करती है। मेरी माँ मुझे पढ़ाई में मदद करती है। मै भी घर के कामो में अपनी माँ की मदद करता हु। मेरी माँ मुझे अच्छी बाते सिखाती है। मेरी माँ मुझे कहानियां भी सुनाती है।मेरी माँ मुझे प्यार से बाबू बुलाती है।मेरी माँ मेरा बहुत ही ख्याल रखती है। उसके महत्व का वर्णन मैं शब्दों में नही कर सकता हूं। वह चाहे किसी भी स्थिति में हो लेकिन उस सदैव ही मेरे सुख-सुविधाओं के विषय में चिंता लगी रहती है। हर माँ की तरह मेरी माँ ने भी मेरे पालन-पोषण में कोई कसर नही छोड़ी, यही कारण है कि मैं उसका बहुत ही सम्मान करता हूं और उसे किसी प्रकार का कष्ट नही होने देता।

मेरी माँ एक गृहणी है और सभी घरेलू कार्यों में काफी दक्ष है। वह खाना बनाने से लेकर घर की साफ-सफाई जैसे सारे कार्य करती है। इसके साथ ही मैं यह भी कह सकता हूं कि मेरी मां मेरी पहली शिक्षक भी है क्योंकि मैने मेरे जीवन में जोभी शुरुआती चीजें सीखीं है, वह मुझे मेरी माता ने ही सिखायी हैं।

मेरी माँ पर निबंध Class 5 and 6

हर व्यक्ति के जीवन में माँ सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति होती है। भगवान सबका ख्याल नहीं रख सकते इसलिए उन्होंने मां को बनाया। एक माँ अपने बच्चे के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और हमेशा अपने परिवार की बुनियादी जरूरतों को पूरा करती है। परिवार के लिए मां का बलिदान अतुलनीय है।

मां-बच्चे के रिश्ते की खूबसूरती यह है कि उसके प्यार और बलिदान की कोई सीमा नहीं है। माताएं एक शिक्षक और सबसे अच्छी दोस्त की तरह होती हैं जो हर परिस्थिति में अपने बच्चे और परिवार के साथ हमेशा खड़ी रहती हैं।

मेरी माँ घर में सब कुछ संभालती है और हमेशा मेरी और मेरे परिवार के अन्य सदस्यों की देखभाल के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करती है। कामकाजी महिला होने के बावजूद वह नियमित रूप से परिवार के लिए स्वादिष्ट व्यंजन बनाती हैं। जब भी मेरी तबीयत ठीक नहीं होती है तो वह जागती रहती है और परीक्षा के दौरान मुझे पढ़ाती है।

मेरे ख्याल से वो पूरी दुनिया की सबसे प्यारी मां हैं। वह मेरे पूरे परिवार की देखभाल करती है। वह मुझे नैतिक मूल्य और जीवन का सही मार्ग दिखाती है। मैं अपनी मां से बहुत प्यार करता हूं और ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उन्हें हमेशा अच्छा स्वास्थ्य और खुशियां दें।

मेरी माँ पर निबंध Class 7 and 8

माँ वह है जो हमें जन्म देती है, यहीं कारण है कि संसार में हर जीवनदायनी वस्तु को माँ की संज्ञा दी गयी है। यदि हमारे जीवन के शुरुआती समय में कोई हमारे सुख-दुख में हमारा साथी होता है तो वह हमारी माँ ही होती है। माँ हमें कभी इस बात का एहसास नही होने देती की संकट के घड़ी में हम अकेले हैं। इसी कारणवश हमारे जीवन में माँ के महत्व को नकारा नही जा सकता है।

माँ एक ऐसा शब्द है, जिसके महत्व के विषय में जितनी भी बात की जाये कम ही है। हम माँ के बिना अपने जीवन की कल्पना भी नही कर सकते हैं। माँ के महानता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इंसान भगवान का नाम लेना भले ही भूल जाये लेकिन माँ का नाम लेना नही भूलता है। माँ को प्रेम व करुणा का प्रतीक माना गया है। एक माँ दुनियां भर के कष्ट सहकर भी अपने संतान को अच्छी से अच्छी सुख-सुविधाएं देना चाहती है।

एक माँ अपने बच्चों से बहुत ही ज्यादे प्रेम करती है, वह भले ही खुद भुखी सो जाये लेकिन अपने बच्चों को खाना खिलाना नही भूलती है। हर व्यक्ति के जीवन में उसकी माँ एक शिक्षक से लेकर पालनकर्ता जैसी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाती है। इसलिए हमें अपनी माँ का सदैव सम्मान करना चाहिए क्योंकि ईश्वर हमसे भले ही नाराज हो जाये लेकिन एक माँ अपने बच्चों से कभी नाराज नही हो सकती है। यही कारण है कि हमारे जीवन में माँ के इस रिश्ते को अन्य सभी रिश्तों से इतना ज्यादे महत्वपूर्ण माना गया है।

मेरी माँ पर निबंध  Class 9, 10, 11 and 12

बच्चा अपने जन्म के बाद जब बोलना सीखता है तो सबसे पहले जो शब्द वह बोलता है वह होता है 'माँ'। स्त्री माँ के रूप में बच्चे की गुरु है। बच्चे के मुख से निकला हुआ यह एक शब्द मात्र शब्द नहीं उस माता द्वारा नौ महीने बच्चे को अपनी कोख में पालने व उसके बाद होने वाली प्रसव पीड़ा का।

माता को जो अनुभव होता है वही बालक के जीवन पर प्रभाव डालता है। माता से ही वह संस्कार ग्रहण करता है। माता के उच्चारण व उसकी भाषा से ही वह भाषा-ज्ञान प्राप्त करता है। यही भाषा-ज्ञान उसके संपूर्ण जीवन का आधार होता है।

इसी नींव पर बालक की शिक्षा-दीक्षा तथा संपूर्ण जीवन की योग्यता व ज्ञान का महल खड़ा होता है। माता का कर्तव्य केवल लालन-पालन व स्नेह दान तक ही सीमित नहीं है। बालक को जीवन में विकसित होने, उत्कर्ष की ओर बढ़ने के लिए भी माँ ही शक्ति प्रदान करती है। उसे सही प्रेरणा देती है।

समय-समय पर बाल्यकाल में माता द्वारा बालक को सुनाई गई कथा-कहानियाँ, उपदेश व दिया गया ज्ञान, बच्चे के जीवन पर अमिट छाप तो छोड़ता है। बचपन में दिया गया ज्ञान ही संपूर्ण जीवन उसका मार्गदर्शन करता है।

बच्चे के प्रति माता का यह स्नेह परमात्मा का प्रकाश है। मातृत्व को इस धरती पर देवत्व का रूप हासिल है। माता त्याग की प्रतिमूर्ति है। अपनी आवश्यकताओं, इच्छाओं, सुख-सुविधाओं तथा आकांक्षाओं का त्याग कर वह अपने परिवार को प्रधानता देती है। हमारी जन्मभूमि भी हमारी माँ है, जो सब कुछ देकर भी हमारी प्रगति से प्रसन्न होती है।

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मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay In Hindi)

Table of Contents

माँ इस एक शब्द को सुनते ही हमारे मन में श्रद्धा और प्यार की भावनाएं उमड़ने लगती हैं, मानो जैसे इस एक शब्द में ही सारी दुनिया समाई हुई हो। ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि माँ और बच्चे का रिश्ता ही इतना अटूट होता है, जिसे कोई चाह कर भी बयां नहीं कर सकता।

अर्थात् पुत्र कुपुत्र हो सकता है परन्तु माता कभी कुमाता नहीं होती।

सर्वगुण सम्पन्न माँ

माँ कल्पवृक्ष की तरह बच्चों कि पसंद कि सारी वस्तुएं उनके सामने हाजिर कर देती है, या फिर उसके लिए हर संभव प्रयास करती है। बेटी हो या बेटा, छोटा हो या बड़ा हर बच्चे के साथ समान व्यवहार करती है और उन्हें समान रूप से शिक्षित करती है।

माँ पर निबंध (Short Essay On My Mother In Hindi)

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मेरी माँ पर निबंध और उनका मेरे जीवन में महत्व

शीर्षक: मेरी माँ पर निबंध –  Importance of Mother in Hindi

“माँ” एक ऐसा शब्द है जिसे दुनिया का हर बच्चा अपने मुंह से इस दुनिया में आने के बाद सबसे पहले लेता है।

पिता जी और माता जी इस दुनिया में भगवान के वो रूप हैं जो बिना किसी स्वार्थ के हमें पालते है, पढ़ाते लिखाते है, स्कूल कॉलेज भेजते है और हमेशा भगवान से यही मांगते हैं की हमारा बच्चे पर कोई आंच न आये और उसे हर कामयाबी मिले।

इसे भी पढ़े: मेरी प्यारी माँ पर कविताएं

माँ हमारे लिए इतना कुछ करती है, इसलिए आज मैंने अपनी माँ के लिए एक सुंदर सा माँ पर निबंध लिखा है जो इस प्रकार हैं:-

माँ पर निबंध हिंदी में – Essay on Mother in Hindi 200 Words

यहां मैंने Essay on My Mother in Hindi For Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए लिखा हैं।

Mother Day Essay in Hindi For School Students

माँ के बिना जीवन की उम्मीद नहीं की जा सकती अगर माँ न होती तो हमारा अस्तित्व ही न होता| इस दुनिया में माँ दुनिया का सबसे आसान शब्द है मगर इस नाम में भगवान खुद वास करते है.

जब नवजात शिशु इस दुनिया में आता है तो सबसे ज्यादा खुसी नवजात की माँ को होती है जैसे मानो की दुनिया की सबसे कीमती चीज उन्हें मिल गयी हो.

माँ अपने बच्चो के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहती है| मनुष्य में ही नहीं हर प्रकार के जीव जंतु में यही होता है| अगर बच्चे पे आंच आने वाली होती है तो माँ सबसे पहले आगे आ जाती है.

Grammarly Writing Support

माँ अपने बच्चो के भविष्य के लिए सबसे ज्यादा चिंतित होती है और माँ से ज्यादा कोई बच्चे को प्यार नहीं करता है.

माँ अपने बच्चे से ज्यादा प्यार तो करती है मगर जब पता चलता है की बच्चा गलत रास्ते पर चल रहा है तो माँ एक गुरु की तरह उसे अपने पास बुला कर समझाती है और जरूरत पड़ने पर उसे दो हाथ भी लगा देती है.

माँ से बढ़ कर इस दुनिया में कोई नहीं होता है और यदि माँ न हो तो ये दुनिया सुखा रेगिस्तान के बराबर है। माँ को कभी ठेस नहीं पहुंचानी चाहिये.

माँ ही ऐसी होती है जो बच्चे की हर स्तिथि में बच्चे के साथ रहती है और उसका साथ देती है राह दिखाती है.

( Maa Shayari | Maa Quotes in Hindi )

10 Lines on Mother in English

Mother Day Essay in Hindi For School Students 250 Words

Best Speech on Mother in Hindi Language

“माँ” ये शब्द बड़ा अनमोल है। माँ शब्द ही नहीं बल्कि हमारे जीने का आधार है। बिना माँ के जीवन जीना बहुत मुश्किल है। जब सुबह सुबह आपकी आवाज न सुन लूँ तब तक ऐसा लगता है की सुबह हुई ही नही है या फिर लगता है की आज रविवार है।

माँ और भगवान में कौन बड़ा है ये सोच कर बड़ी असंजस में पड जाता हूँ, किसी के भी जीवन में एक माँ, सर्वश्रेष्ठ और सबसे महत्त्वपूर्ण होती है क्योंकि कोई भी उनके जैसा सच्चा और वास्तविक नहीं हो सकता। माँ हमेशा हमारे अच्छे और बुरे समय में साथ रहती है.

माँ के लिए उनके बच्चे बहुत किमती होते है। अपने जीवन में दूसरों से ज्यादा वो हमेशा हमारा ध्यान रखती है और प्यार करती है। अपने जीवन मे वो हमें पहली प्राथमिकता देती है और हमारे बुरे समय में उम्मीद की रौशनी जला देती है.

जिस दिन हम पैदा होते है वो माँ ही होती है जो सच में बहुत खुश हो जाती है। वो हमारे हर सुख-दुख में हमारा साथ देती हैं और कोशिश करती है कि हमारी सारी परेशानियाँ हल कर दें.

मुझे आज तक पता नहीं चल पाया है की जो मेरे मन में चल रहा होता है वो मेरी माँ को कैसे पता चल जाता है, माँ और बच्चों का रिश्ता बहुत ही अनमोल होता है जो कभी खत्म नहीं हो सकता है। कोई भी माँ कभी भी अपने प्यार और परवरिश में कमी नहीं लाती हैं.

“माँ” लोग कहते है की भगवान दिखाई नहीं देता लेकिन मैं कहता हूँ की आप ही मेरे भगवान हैं, माँ मैं आपके लिए दुनिया की हर ख़ुशी को आपके चरणों में ला दूंगा बस आप हमेशा मेरे साथ रहना मुझे कहीं छोड़ कर मत जाना।

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Short Essay on Mother Day in Hindi 300 Words

“माँ” शब्द सिर्फ कहने में एक अक्षर का हो सकता है लेकिन कैसे बताऊँ मैं इस एक अक्षर के शब्द में कुटुंब समाया हुआ है। लोगों के जीवन में सबसे अहम किरदार सिर्फ माँ का ही होता है। किसी भी व्यक्ति के इस संसार में आने पर सबसे पहले एक ही शब्द निकलता है “माँ” ।

दुनिया की सबसे बड़ी गुरु माँ होती है, सही गलत का अर्थ माँ बचपन से ही बताती है, माँ ही होती है जो सबसे ज्यादा प्यार करती है, माँ भगवान का दूसरा रूप होती है, माँ का कहना जो मान लेता है वो सच में कामयाब हो जाता है।

जीवन में चाहे कितनी भी तरक्की पा लो, पैसा कमा लो, लेकिन सच मायने में केवल यही कहूँगा की यदि “माँ” खुश नहीं तो कितना भी पैसा कमा लो सब रद्दी है।

माँ-पिता का होना जीवन का सबसे अहम भाग होता है। हर किसी के माँ-पिता नहीं होते। लेकिन जिसके होते है वो सच में किसमत वाला होता है। एक दोस्त, एक बहन, एक भाई, एक गुरु, और कभी कभी एक पिता का अभिनय निभाती है जो उसे “माँ” कहते है।

जब जेब खाली होती है तब पिता से लड़ कर हमें पैसे देती है, हमारे मन की चीजें पहले ही जान लेती है वो होती है “माँ”।

कहने को इतने शब्द हैं मगर सिर्फ इतना ही कहूँगा की “माँ” चाहे कुछ भी हो जाए मुझे मत छोड़ना, मैं तुम्हारे बिना अकेला नही जी सकता इस दुनिया में।

“माँ” कुछ नही है मेरे पास फिर भी बहुत कुछ हैं मेरे पास जब तक तुम मेरे साथ हो। इस दुनिया से तो क्या भगवान से भी लड़ जाऊंगा मैं तुम्हारे लिए….।

“माँ” का रिश्ता केवल माँ ही निभा सकती है। माँ वो हैं जो खुद साधारण साड़ी पहनती है लेकिन अपने बच्चों को नए कपड़े दिलाती है। माँ वो होती है जो हमें जीवन जीने का तरीका सिखाती है। माँ के बिना जीवन अधूरा है। माँ के लिए कुछ अगर कह सकूँगा तो किस्मत वाला मानूँगा अपने आप को।

10 Lines on Mother in Hindi

Some lines on mother in hindi.

बुरे समय में जब सब साथ छोड़ देते है तब भी माँ का आशीर्वाद साथ होता है।
खुद गीले में सोकर अपने बच्चों को सूखे में सुलाती है।
थोड़ी सी तबीयत खराब होने पर पूरा घर सिर पर उठा लेती है मेरे “माँ”
माँ का प्यार किस्मत वालों को मिलता है।
खुशियों का भंडार होती है “माँ”

Essay On Mothers Day In hindi | माँ पर निबंध हिन्दी में

“माँ” जिन्हे हम जननी भी कह कर बुलाते है। माँ शब्द हर किसी के मुख पर होता है और माँ शब्द दुनिया का सबसे अनमोल शब्द है। इस दुनिया में भगवान का रूप ही होती है हमारी माँ। हम सभी के दिलों में अपनी माँ के लिए असीमित प्रेम होता है।

मातृ दिवस प्रत्येक बच्चे और उनकी माता के लिए अहम दिवस होता है। माँ पर दुनिया में सबसे ज्यादा भरोसा किया जाता है। एक माँ के लिए उनके बच्चों की मुस्कान ही सबसे ज्यादा कीमती होती है।

माँ हमेशा अपने बच्चों की लंबी उम्र के लिए पूजा पाठ करती है। ऐसे में मातृ दिवस प्रत्येक बच्चे के और उनकी माताओं के लिए बहुत ही खास होता है और इस दिन लोग अपनी माँ के लिए कुछ अच्छा करना चाहते है इसलिए मदर्स डे के लिए कुछ पंक्तियों को निबंध के रूप में लिखा गया है छोटे बड़े सभी मदर्स डे पर निबंध को अपने प्रयोग में ला सकते है।

मातृ दिवस पर छोटे और बड़े निबंध

जीवन में माँ का होना अत्यंत आवश्यक है जिस तरह एक मछ्ली के लिए पानी का होना बहुत जरूरी है उसी तरह एक माँ के लिए उनके बच्चे और बच्चों के लिए उनकी माँ अत्यंत प्रिय है। माँ न होती तो इस संसार की कल्पना करना सच में बहुत ही मुश्किल हो जाता। जीवन के सफर में माँ ही चलना सिखाती है।

माँ ही वो शख्स है जो अपने बच्चों को शुरू से अच्छे संस्कार देती है और माँ बिना स्वार्थ के हमेशा अपने बच्चों के भविष्य के प्रति चिंतित रहती हैं। सच में अगर माँ नहीं होती तो इस संसार में किसी को भी जन्म नही मिलता।

माँ-पिता उस आसमान की तरह होते है जो कभी कभी अपने बच्चों के लिए बरसते है और जरूरत पढ़ने पर धूप की तरह आंखे भी खोल देते है लेकिन आसमान की तरह कभी भी अपना साथ नहीं छोड़ते हैं।

माँ आसमान की तरह हर वक्त हमारे साथ रहती हैं, माँ हमेशा से अपने बच्चों की देखभाल पालन पोषण से लेकर उनकी कामयाबी तक अपना योगदान देती है, माँ अपने बच्चों की खुशी में ही अपनी खुशी खोज लेती है पता नहीं कैसे॥

माँ के इस प्रेम को हम सभी लोगों को धन्यवाद देना है। अब हमारा भी फर्ज बनता है कि हम भी अपनी माँ के सेवा करें और उनका ख्याल रखें।

Must Read: मातृ दिवस कविता: 2020 Mother’s Day Poems in Hindi

मेरी माँ पर निबंध हिंदी में – Best Speech on Mother in Hindi Language 600 Words

Happy Mothers Day Images with Name

माँ शब्द हम सब के जीवन का पहला वो शब्द होता है जिसे हम हर दुःख दर्द में सबसे पहले लेते है| भगवान का नाम भी इंसान दुःख दर्द में भूल जाता है मगर माँ का नाम लेना कभी नहीं भूलता.

“माँ और बेटे का इस जग में है बड़ा ही निर्मल नाता, पूत कपूत सुने है पर न सुनी कुमाता” ये वाक्य ही हमें माँ के बारे में बता देता है.

माँ हमारे जीवन का वो हिस्सा होती है जिसके बिना जीवन जीना बहुत मुश्किल हो जाता है, बेटे का प्यार माँ के लिए कम हो सकता है लेकिन माँ का प्यार अपने बच्चो के लिए कभी कम नहीं होता चाहे रात को माँ भूखी सो जाएँ मगर अपने बच्चों को कभी भूखा नहीं सुलाती ऐसी होती है माँ .

माँ अपने बच्चो से बहुत प्यार करती है चाहे खुद फटे पुराने कपडे पहन ले मगर अपने बच्चों के लिए नए कपडे खरीद कर देती है, खुद गिली जगह सो कर बच्चों को सूखे में सुलाती है माँ, माँ के बारे में कहना बहुत ही गर्व की बात है बड़े ही किस्मत वाले होते है जिनकी माँ होती है.

माँ हमेशा अपने बच्चो के साथ रहना चाहती है जब बच्चा स्कूल से आ जाता है तो माँ उसको खाना देती है उससे पूछती है की आज स्कूल में क्या क्या हुआ और खाना पूरा खाया की नहीं, और यदि आपको न पता हो तो मैं बता दूँ की एक माँ अपने बच्चो के लिए कुछ भी कर सकती है जैसे की मेमने (बकरी का बच्चा) के लिए उसकी माँ शेर से भी लड़ने की हिम्मत रखती है, और अपने बच्चे की रक्षा करती है.

माँ अगर बच्चे से नाराज हो जाये तो ज्यादा देर तक बिना बोले नहीं रह पाती हैं| माँ अपने बच्चो की खुशी के लिए निर्जल उपवास रखती है और बिना खाए पानी पिए पूरा दिन रह लेती हैं| पता नहीं चलता की भगवान ही माँ हैं या फिर माँ के रूप में भगवान आते हैं इस दुनिया में, हमारी रक्षा के लिए.

माँ मुझे नहीं पता की मैं आज क्या हूँ और कल क्या बनूँगा मगर में भगवान से हमेशा ही आपके लिए आपकी लम्बी उम्र के लिए प्रार्थना करूँगा|

तुमने मुझे जन्म दिया है खुद की जान खतरे में डाल के हमें इस दुनिया में लाया है, मै कभी आपका कर्ज नहीं चुका पाऊँगा, मैं कभी आपकी आँखों में आंसू नहीं आने दूंगा, माँ कोई भी दुःख दर्द हो तो मुझे बताओ, माँ में आपके लिए यमराज से भी लड़ जाऊंगा.

आपके बिना कोई भी नहीं है मेरा साथी, आप हैं तो दुनिया की सारी ताकत मेरे हाथों मैं है| मैं कभी गरीब नहीं हो सकता जब तक आप मेरे साथ हो|

“माँ” मुझे अँधेरे से डर लगता है, मगर जब आप साथ होती हो तो मैं हमेशा बिना डरे सो जाता हूँ| “माँ”, माँ मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ और आपके लिए दुनिया की हर ख़ुशी आपके चरणों में रखता हूँ.

धन्यवाद माँ मुझे इस दुनिया में लाने के लिए मैं कसम खाता हूँ… की आपकी आँखों में कोई आंसू नहीं आने दूंगा.

वो बहुत अमिर होते है जिनकी माँ होती है| बिना माँ के ये दुनिया उजड़ी उजड़ी सी लगती है| मैं कभी कभी सोचता हूँ की माँ अगर तुम न होती तो मेरा क्या होता इस जालिम दुनिया में मुझे कोन लाड प्यार करता, मुझे कोन खाने के लिए बार-बार पूछता…

जब कोई मुझे पिटता तो कोन मेरे लिए उनसे लड़ने जाता और मुझे अपनी गोद में रख कर लाड दुलार करता….. i love you so much maa….

लेखक: Shanu Gupta (शानू गुप्ता)

माँ पर निबंध का यह लेख अगर आपको अच्छा लगा हो तो कृपया करके जितना हो सके माँ के इस लेख को फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप्प इत्यादि पर शेयर जरुर करें और कमेंट के माध्यम से कुछ शब्द अपनी माँ के लिए लिखे| धन्यवाद ..!

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10 Comments

Sir yah apka post bahut hi achha laga. Maa pr Nibandh aapne achha likaha hain sach me Maa to Maa Hoti hain. Sir is post ke liye bahut – bahut dhnyabad.

Thank God bless you ?❤️??

sir its so nice eassy for mom

Mom is best to all world

Mom is the medicine for me

आप हमेशा ही बहुत अच्छी जानकारी शेयर करते है यह जानकारी मेरे लिए बहुत ही फायदेमंद है इसके लिए आपका बहुत बहुत आभार है

Sir i am a content writer now I am looking for new work if u have any work for me in content writing I am interested in that Waiting for ur reply

yes can you please email me regarding this

निबंध पढ़ने के बाद मुझे मां पर कुछ पंक्तियां याद आ गई, तो सुनिए : “माँ वह है जो हमारे सुख-दुःख की साथी होती है और हमेशा हमें पूरी दुनियां में सबसे अधिक प्यार करती है” 🥺. भाई आपके निबंध ने दिल छू लिया यार ♥️.

Regards, Jyotish

best ever this is a lot of thanks for this om

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मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay in Hindi)

मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay in Hindi)

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मेरी माँ पर 10 लाइन (10 Lines On My Mother In Hindi)

मेरी माँ पर छोटा निबंध 200-300 शब्दों में (short essay on my mother in hindi 200-300 words), मेरी माँ पर निबंध 400-600 शब्दों में (essay on my mother in hindi 400-600 words), मेरी माँ के इस निबंध से हमें क्या सीख मिलती है (what will your child learn from a my mother essay), अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (faqs).

माँ शब्द अपने आप में ही एक संपूर्ण शब्द है। माँ शब्द में सारी दुनिया समा जाती है लेकिन माँ की सारी दुनिया उसका बच्चा होता है और शायद इसलिए एक माँ का दर्जा भगवान जैसा माना जाता है। जैसे किसी भी हाल में भगवान अपने बच्चों का साथ नहीं छोड़ते वैसे ही एक माँ किसी भी हाल में अपने बच्चे का साथ नहीं छोड़ती है। यह सफर तब से शुरू हो जाता है जब बच्चा माँ के गर्भ में आता है। एक माँ गर्भावस्था के दौरान हर हुई परेशानी को एक पल में भूल जाती है जब पहली बार वो अपने बच्चे को स्पर्श करती है, मानो वो दुनिया की सबसे संपूर्ण औरत है और यह अहसास उसका बच्चा उसे कराता है। माँ वो जज्बात है जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है। लेकिन बच्चे के जीवन में माँ की क्या भूमिका होती है, उसका बच्चे के जीवन में होने से कितना प्रभाव पड़ता है यह हम माँ पर निबंध के इस आर्टिकल में जानेंगे।

माँ पर तो एक किताब लिखी जा सकती है पर यहाँ हम मेरी माता पर 10 आसान वाक्य लिखकर बातएंगे। नीचे दी गई लाइन्स मेरी माँ पर 100 शब्दों के एक संक्षिप्त निबंध की तरह भी लिखा जा सकता है। आइए देखे हैं:

  • मेरी माँ मेरी प्रथम गुरु है।
  • वो रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान और पूजा पाठ करती है।
  • वह घर के सभी लोगों का बहुत ध्यान रखती है।
  • मेरी माँ बहुत पढ़ी-लिखी है और वही मेरी पढ़ाई में मदद करती है।
  • मेरी माँ अक्सर मेरे लिए नए-नए पकवान बनाती है।
  • मुझसे कोई गलती होने पर माँ मुझे प्यार से समझाती है।
  • मेरी माँ मेरे स्वास्थ्य का भी खास ध्यान रखती है।
  • माँ रोजाना रात में सोने से पहले मुझे एक कहानी सुनाती है।
  • मेरी माँ मुझे हमेशा सच बोलने और अनुशासन के साथ जीना सिखाती है।
  • मेरी माँ दुनिया की सबसे प्यारी माँ है।

बच्चे का सबसे ज्यादा समय अपनी माँ के साथ ही बीतता है इसलिए खासकर छोटी कक्षा जैसे क्लास 1, 2, 3, 4 और 5 तक के बच्चों को अक्सर ‘मेरी माँ’ विषय पर निबंध लिखने को कहा जाता है। ऐसे में यह निबंध किस प्रकार लिखना है इसके लिए नीचे एक सैंपल दिया गया है। यह निबंध मेरी माँ पर पैराग्राफ के रूप में लिखा जा सकता है। आइए देखते हैं:

माँ को भगवान का दर्जा दिया जाता है। वो इसलिए क्योंकि एक माँ ही होती है जो सबकी खुशियों के आगे अपने गम को भुला देती है। वह बच्चे की खुशी के लिए कड़ी मेहनत करती है, परिवार को संभालती है। परिवार की जान होती है ‘माँ’। अगर माँ घर पर न हो तो घर की चीजों को संभालना मुश्किल हो जाता है। माँ परिवार में सभी का ध्यान रखती है। सबके लिए स्वादिष्ट खाना बनाती है। सबकी जरूरतों का ध्यान रखती है। माँ अपने सभी बच्चों को एक समान प्यार करती है और भेदभाव नहीं करती है। माँ, अपने बच्चे की गलती करने पर उसे डांटती है लेकिन बाद में दुलार भी दिखाती है। बच्चे की परीक्षा हो तो वह ज्यादा परेशान होती है। बच्चे के विकास में माँ का बहुत बड़ा योगदान होता है। वह माँ तो होती ही है लेकिन अपने बच्चे के लिए जरूरत पड़ने पर शिक्षक और उसकी अच्छी दोस्त भी बन जाती है। माँ चाहे गृहिणी हो या कामकाजी, वह अपने बच्चे और परिवार का खयाल रखना कभी नहीं भूलती। बच्चे के बीमार पड़ जाने पर दिन-रात वह उसका ख्याल रखती है। माँ के प्यार को समझाना मुश्किल है क्योंकि वह अपने बच्चे से नि:स्वार्थ प्रेम करती है और हर सुख-दु:ख में उसके साथ खड़ी रहती है।

 बच्चे की पढ़ाई में मदद करती मां

जिनके साथ हमारा समय अधिक बीतता है अगर उनके लिए आपको कुछ लिखने के लिए कहा जाए तो यह एक चुनौती जैसा लगने लगता है कि आखिर इस विषय क्या लिखें और कैसे लिखें? आपके इसी सवाल का उत्तर देते हुए नीचे यहाँ हिंदी में मेरी माँ पर लॉन्ग एस्से लिखने के लिए एक उदाहरण दिया गया है।

माँ कौन होती है? (Who Is Mother?)

माँ, वो है जो बच्चे का खयाल खुद से ज्यादा रखती है। माँ को परिवार की नींव माना जाता है, उसके बिना घर अधूरा और सूना-सूना लगता है। माँ बच्चे को स्कूल के लिए तैयार करती है। उसके लिए स्वादिष्ट खाना बनाती है। पढ़ाई में मदद करती है। माँ अपने बच्चे लिए जरूरत पड़ने पर उसकी टीचर बन जाती है और उसे उसकी गलती या फिर कमी पर समझाती है। वहीं कभी वह उसके लिए वो दोस्त बन जाती है, जो उसको समझ सके। माँ वो है जो अपने दु:ख और तकलीफ को भुलाकर बच्चे के लिए दिन रात एक कर देती है। किसी बच्चे को संभालना कितन मुश्किल होता है यह बात तो हर कोई जानता है, लेकिन माँ ये सारी मुसीबतें हंसते-हंसते झेल जाती है। बीमार पड़ने पर भी वह अपने बच्चे का खयाल रखना नहीं भूलती। माँ वो है, जिसके बिना बच्चे की जिंदगी अधूरी है।

माँ के गुण (Qualities Of Mother)

माँ के गुणों की गिनती करना वैसे तो संभव नहीं है, लेकिन उसके कुछ खास गुणों के बारे में हमनें उल्लेख किया है।

  • माँ परिवार में सबका खयाल रखती है।
  • माँ आपके लिए स्वादिष्ट खाना बनाती है।
  • मुसीबत के समय में माँ हमेशा साथ देती है।
  • माँ बच्चों के लिए अपने सुखों को त्याग देती है।
  • बच्चे से गलती होने पर उसे प्यार से समझाती है।
  • एक माँ अपने बच्चे के लिए सारी दुनिया से लड़ सकती है।
  • माँ हमारे अच्छे कार्य की सबसे ज्यादा प्रशंसा करती है।
  • माँ पूरे परिवार को एक साथ जोड़कर रखती है।

माँ का महत्व (Importance Of Mother)

माँ के होने से घर घर लगता है, माँ परिवार का सबसे खास हिस्सा है। माँ के बिना बच्चों का जीवन अधूरा है। माँ का प्यार डांट, हौसला, संस्कार, मिलकर एक बच्चे के चरित्र का निर्माण करते हैं। माँ बच्चे की हर जरूरत को उसके बिना कहे ही समझ जाती है, इसलिए माँ को एक बच्चे के जीवन में सबसे बुलंद दर्जा दिया गया है। बच्चे के जीवन में माँ का स्थान कोई भी नहीं ले सकता है। माँ आपके खाने, कपड़े से लेकर हर बात का खयाल रखती है। माँ वो छायादार पेड़ है जो बच्चे को हर मुश्किल और परेशानी से दूर रखती है।

मेरी माँ मेरी शिक्षक (My Mother My Teacher)

मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि मेरी माँ ही मेरी सबसे अच्छी शिक्षक है। उसने मुझे जीवन में वह हर बात सिखाई है, जो जरूरी और आदर्श है। उसने मुझे सच बोलना, ईमानदारी और आत्मविश्वास के साथ जीना सिखाया। अगर मैं कभी किसी काम में असफल हुआ तो उसने मेरा हौसला बढ़ाकर और बेहतर करने के लिए प्रेरित किया। उसने अपने जीवन के अनुभवों से सीख लेते हुए मेरे लिए रास्ता आसान बनाया। उसने मुझे सिर्फ हाथ में कलम लेकर लिखना ही नहीं सिखाया बल्कि यह भी बताया कि आपका व्यवहार और आचार-विचार किस तरह के होने चाहिए। उसने मुझे दुःख में संभाला, तकलीफों में सहारा दिया और खुशी व सफलता के समय भी अपने पाँव जमीन पर ही रहें, ऐसे शिक्षा दी है। यहीं कारण है कि मैं अपनी माँ को मेरे जीवन का आदर्श मानता हूं।

मेरी माँ निबंध से बच्चा अपनी माँ के अस्तित्व व उनकी बातों को गौर से समझने का प्रयास कर सकेगा। बच्चा यह समझ सकेगा कि उसकी माँ उसके लिए कितनी खास है। ऐसे निबंध बच्चे को अपनों के अधिक करीब आने और उन्हें समझने का मौका देते हैं। इसके अलावा बच्चा अपने हिंदी लेखन में सुधार करेगा और सही तरह से निबंध लिखना सीखेगा।

1. माँ शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई?

बच्चा जन्म लेने के बाद जब पहली बार रोता है तो उसके मुख से निकलने वाली ध्वनि को अगर आप ध्यान से सुनें तो माँ सुनाई देता है। इस प्रकार लोगों का मानना है माँ शब्द प्राकृतिक रूप से नवजात के मुख से निकलने वाला पहले शब्द है। हालांकि इस विषय पर लोगों की राय अलग हो सकती है। लेकिन दुनिया की लगभग हर भाषा में माता के लिए संबोधन वाले माँ, अम्मा, मॉम, मम्मी, ममा जैसे शब्द इस बात की पुष्टि करते हैं।

2. संस्कृत में माँ को क्या कहते हैं?

संस्कृत में माँ को ‘मातृ’ कहते हैं, लेकिन आमतौर पर लोग ‘माँ’ या ‘माता’ शब्द का प्रयोग ज्यादा करते हैं।

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