backup og meta

हेल्थ कैटेगरीज

Diabetes English

Diabetes English

English

Weight Management English

अच्छी आदतें

अच्छी आदतें

आंखों की देखभाल

आंखों की देखभाल

आहार और पोषण

आहार और पोषण

क्रॉनिक डिजीजेस : गहराई से समझें एशिया की स्थिति को

क्रॉनिक डिजीजेस : गहराई से समझें एशिया की स्थिति को

स्वास्थ्य उपकरण

एडल्ट वैक्सिनेशन टूल

एडल्ट वैक्सिनेशन टूल

लिवर कैंसर रिस्क स्क्रीनर

लिवर कैंसर रिस्क स्क्रीनर

कोलोरेक्टल कैंसर रिस्क स्क्रीनर

कोलोरेक्टल कैंसर रिस्क स्क्रीनर

लंग कैंसर रिस्क स्क्रीनर

लंग कैंसर रिस्क स्क्रीनर

ओवेरियन कैंसर रिस्क स्क्रीनर

ओवेरियन कैंसर रिस्क स्क्रीनर

ब्रेस्ट कैंसर रिस्क स्क्रीनर

ब्रेस्ट कैंसर रिस्क स्क्रीनर

Favorite Tools

बी एम आई कैलक्युलेटर

आपका बी एम आई कैलक्यूलेट करें सिर्फ 3 स्टेप्स में

बी एम आई कैलक्युलेटर

बी एम आर कैलक्युलेटर

आपका बी एम आर कैलक्यूलेट करें सिर्फ 3 स्टेप्स में

बी एम आर कैलक्युलेटर

ड्यू डेट कैलक्युलेटर

आपका डिलीवरी डेट आसानी से इस टूल से कैलकुलेट करें।

ड्यू डेट कैलक्युलेटर

क्या है सीपीआर (CPR) तकनीक?

cpr assignment in hindi

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya

Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 12/03/2021

क्या है सीपीआर (CPR) तकनीक?

क्या है सीपीआर? (What is CPR?)

सीपीआर को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन   (Cardiopulmonary Resuscitation [CPR]) कहते हैं। अगर किसी कारण कोई व्यक्ति बेहोश हो गया हो, दिल की धड़कन बंद हो गई हो या पल्स नहीं चल रहा हो, तो ऐसी स्थिति में सीपीआर ही दी जाती है। इसकी मदद से पेशेंट को सांस लेने में सहायता मिलती है। दरअसल सीपीआर (CPR) देने के दौरान हार्ट और ब्रेन में ब्लड सर्क्युलेशन (Blood circulation) में सहायता मिलती है। सीपीआर की मदद से व्यक्ति को एक नया जीवन भी मिल सकता है। कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) से जुड़ी कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में जानेंगे, जो इस प्रकार हैं:

  • क्या है सीपीआर तकनीक?
  • सीपीआर कैसे दिया जाता है?
  • बच्चों और बड़ों को सीपीआर देना का क्या है तरीका?
  • सीपीआर देने की जरूरत कब पड़ती है?
  • सीपीआर के दौरान किस तरह की गलतियां हो जाती हैं, जिन्हें नहीं करना चाहिए?

और पढ़ें : सीने में दर्द, पैरों में सूजन और थकावट कहीं आपको दिल से बीमार न बना दे!

क्या है सीपीआर तकनीक (What Is CPR Technique?)

रिसर्च के अनुसार कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) एक लाइफ सेविंग टेक्निक है, जो हार्ट अटैक (Heart attack) जैसी मेडिकल इमरजेंसी के दौरान अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है। अगर किसी व्यक्ति का हृदय गति रुक जाए और घर से हॉस्पिटल पहुंचने के दौरान सीपीर जीवन रक्षक की तरह काम करता है। इसलिए हाल ही के दिनों में देखा गया है कि एम्बुलेंस में काम करने वाले कर्मचारियों को भी सीपीआर की ट्रेनिंग (CPR Training) दी जाती है। आर्टिकल में आगे समझेंगे  कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) देने की तकनीक क्या है।

और पढ़ें : फाइब्रोमस्कुलर डिसप्लेसिया और स्ट्रोक का क्या संबंध है?

सीपीआर कैसे दिया जाता है? (Methods for giving CPR)

सीपीआर देने के 2 अलग-अलग तरीके होते हैं और दोनों ही तरीके अलग-अलग तरह से काम करते हैं। जैसे:

1. एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति (पेशेंट) को दिया जाता है।

2. मेडिकल इक्विपमेंट की मदद से भी सीपीआर दी जाती है।

सीपीआर देने का तरीका (Tips to give CPR)

सीपीआर उम्र के अनुसार अलग-अलग तरीकों से दिया जाता है। बच्चों और बड़ों में सीपीआर देने का तरीका अलग होता है। यहां जानते हैं सीपीआर देने का सही तरीका क्या है।

और पढ़ें :  जानें महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों की तुलना में कैसे अलग होते हैं?

बच्चों को सीपीआर देना का क्या है तरीका?

सीपीआर-CPR

सीपीआर देने के दौरान इन निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करें। जैसे:

स्टेप 1: सबसे पहले बच्चे के पास घुटने के बल बैठ जाएं।

स्टेप 2: अगर नवजात शिशु को सीपीआर देने की नौवत आ पड़ी हो, तो हाथों की हथेलियों की बजाए उंगलियों का इस्तेमाल करें।

स्टेप 3: चेस्ट पर दवाब डालने के दौरान 1/2 से 2 इंच तक ही प्रेशर डालें।

अब इस स्टेप को दोहराएं और जल्द से जल्द बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंचे और डॉक्टर को जानकारी दें की आपने बच्चे को सीपीआर दिया है।

और पढ़ें :  कार्डिएक अरेस्ट से बचने के लिए रखें इन बातों का खास ख्याल

बड़ों को सीपीआर देने का क्या है तरीका?

सीपीआर (Cardiopulmonary Resuscitation) देने के दौरान इन निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करें। जैसे:

स्टेप 1: व्यक्ति को सबसे पहले सीधा लिटा दें। ध्यान रखें कि शरीर का कोई अंग मुरा हुआ ना हो।

स्टेप 2: अब हाथों की हथेलियों को एक दूसरे के ऊपर रखते हुए सीने को दबाएं। चेस्ट पर प्रेशर डालने के दौरान ध्यान रखें कि दो या ढ़ाई इंच से ज्यादा दवाब ना डालें।

हाथों के अलावा आप मुंह से भी सीपीआर दे सकते हैं। मुंह से सीपीआर देने के दौरान निम्नलिखित स्टेप्स फॉलो करें। जैसे:

सटेप 1: पेशेंट को मुंह से सीपीआर देने वाले व्यक्ति को अपना मुंह इस प्रकार लॉक करना होगा, जिससे माउथ टू माउथ ऑक्सिजन सप्लाई ठीक तरह से हो सके।

स्टेप 2: अब आप पेशेंट को मुंह से ऑक्सिजन देना शुरू करें।

इन दो अलग-अलग तरीकों से वयस्कों को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) दिया जा सकता है।

और पढ़ें : Cholesterol Injection: कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने का इंजेक्शन कम करेगा हार्ट अटैक का खतरा

सीपीआर देने की जरूरत कब पड़ती है? (When CPR is required?)

कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (Cardiopulmonary Resuscitation) निम्नलिखित स्थितियों में दिया जाना चाहिए। जैसे:

  • कोई व्यक्ति अचानक से बेहोश हो जाए और वह सांस लेने में सक्षम ना हो पाए ।
  • एक रिसर्च के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को बिजली का करेंट लगा हो और वो बेहोश होने लगे तो ऐसी स्थिति में भी सीपीआर दिया जा सकता है।
  • किसी एक्सीडेंट के दौरान व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ (Breathing problem) हो रही हो, तो ऐसी स्थिति में माउथ टू माउथ (Mouth to mouth) ऑक्सिजन दिया जा सकता है।
  • अगर कोई व्यक्ति तैरने के दौरान डूब गया हो, तो उसे पानी से बाहर निकालने के बाद सबसे पहले माउथ टू माउथ ऑक्सिजन दें और इलाज के लिए हॉस्पिटल ले जाएं।

इन स्थितियों में सीपीआर दिया जा सकता है। लेकिन ध्यान रखें इसके साथ-साथ पेशेंट को लेकर हॉस्पिटल भी जल्द पहुंचें।

और पढ़ें : खतरा! वजन नहीं किया कम तो हो सकते हैं हृदय रोग के शिकार

सीपीआर देने के दौरान किन-किन बातों का ध्यान रखें? (Things to remember for CPR)

कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (Cardiopulmonary Resuscitation) के दौरान निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें। जैसे:

  • सीपीआर देने के दौरान अपनी कोहनी को सीधा रखें और दोनों हाथों को भी सीधा रखें।
  • सीपीआर देने के दौरान जिस व्यक्ति को या बच्चे को सीपीआर देना है, उन्हें फ्लोर पर पीठ के बल लेटाकर दें।
  • पेशेंट के शरीर को सीधा रखें और हाथ या पैर मुरे हुए नहीं होने चाहिए।

सीपीआर देने के दौरान इन ऊपर बताये 3 प्रमुख बातों को ध्यान में रखकर ही सीपीआर दें।

नोट: प्रत्येक वर्ष 17.9 मिलियन लोगों की मौत कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular Disease) की वजह से होती है, जिनमें हार्ट एवं स्ट्रोक (Strok) की बीमारी सबसे ज्यादा देखी जाती है। एक रिसर्च के अनुसार भारत में तकरीबन 20 प्रतिशत लोगों की मौत का कारण कॉरोनरी हार्ट डिजीज (Coronary Heart Disease) है। साल 2020 में अगर कोरोना वायरस से डेथ रेट छोड़कर देखा जाए, तो भारत में ज्यादातर लोगों की मौत हार्ट से जुड़ी बीमारियों की वजह से हुई।

और पढ़ें :  Atrial Flutter : एट्रियल फ्लटर क्या है? जानिए इसके कारण, लक्षण और उपाय

कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) के दौरान किस तरह की गलतियां हो जाती हैं, जिन्हें नहीं करना चाहिए?

  • घबराहट में डॉक्टर या ऐम्ब्युलन्स को कॉल ना करना।
  • सीने (Chest) को ठीक तरह से नहीं दबाना।
  • माउथ टू माउथ ऑक्सिजन सप्लाई (Mouth to mouth oxygen supply) ठीक से नहीं होना।
  • सीपीआर देने के दौरान कोहनी की पुजिशन ठीक नहीं होना।
  • पेशेंट की बॉडी को स्ट्रेट नहीं रखना।

ये ऊपर बताई गलतियां प्रायः लोग घबराहट में कर देते हैं, जबकि अगर ऐसी गलती ना की जाए, तो पेशेंट बचाया जा सकता है। इसलिए इस दौरान परेशानी या घबराहट को अपने से दूर रखते हुए सबसे पहले पेशेंट को पीसीआर ठीक तरह से दें। अगर आप कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।

आप अपने दिल को कितने अच्छे से जानते हैं? जानने के लिए खेलें ये क्विज

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Recommendations on cardiopulmonary resuscitation in patients with suspected or confirmed SARS-CoV-2 infection (COVID-19). Executive summary/ https://www.medintensiva.org/en-recommendations-on-cardiopulmonary-resuscitation-in-articulo-S2173572720302071 /Accessed on 10/03/2021

What is CPR?/ https://cpr.heart.org/en/resources/what-is-cpr /Accessed on 10/03/2021

Cardiopulmonary resuscitation (CPR): First aid/ https://www.mayoclinic.org/first-aid/first-aid-cpr/basics/art-20056600 /Accessed on 10/03/2021

Cardiac Arrest and Cardiopulmonary Resuscitation Outcome Reports/ https://www.ahajournals.org/doi/full/10.1161/01.cir.0000147236.85306.15 /Accessed on 10/03/2021

Heart attack Print/ https://www.mayoclinic.org/first-aid/first-aid-heart-attack/basics/art-20056679 /Accessed on 10/03/2021

Current Version

Nidhi Sinha द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Toshini Rathod

संबंधित पोस्ट

हार्ट अटैक के बाद डायट का रखें खास ख्याल! जानें क्या खाएं और क्या न खाएं

जानें हृदय स्वास्थ्य से जुड़े मिथक को लेकर क्या कहते हैं एक्सपर्ट.

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya

Was this article helpful?

Lybrate Logo

सीपीआर क्या है और कैसे देते हैं

cpr assignment in hindi

सीपीआर का मतलब है कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन। यह भी एक तरह की प्राथमिक चिकित्सा यानी फर्स्ट एड है। जब किसी पीड़ित को सांस लेने में दिक्कत हो या फिर वो सांस न ले पा रहा हो और  बेहोश जो जाए तो सीपीआर से उसकी जान बचाई जा सकती है।  बिजली का झटका लगने पर, पानी में डूबने पर और दम घुटने पर सीपीआर  से पीड़ित को आराम पहुंचाया जा सकता है। हार्ट अटैक यानी दिल का दौरा पड़ने पर तो सबसे पहले और समय पर सीपीआर दे दिया जाय तो पीड़ित की जान बचाने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।  

अगर किसी पीड़ित को दिल का दौरा पड़ जाय तो सबसे महत्वपूर्ण है कि प्राथमिक चिकित्सा देने वाला व्यक्ति खुद ना घबराए और पूरा धैर्य रखे। किसी भी तरह की फर्स्ट एड देने से पहले  एंबुलेंस  को कॉल करे  या फिर हॉस्पिटल को सूचित करे की आप बहुत ही कम समय में हार्ट अटैक के मरीज को लेकर वहां पहुंचने वाले हैं।

पीड़ित के हाल की जांच तुरंत करें। ये देखने की कोशिश करें कि मरीज होश में है कि नहीं। उसकी सांस चल रही है कि नहीं। अगर उसकी सांस चल रही है तो मरीज को आराम से बिठायें और उसे रिलैक्स  कराएं। मरीज के कपड़ो को ढीला कर दे। अगर मरीज को पहले से ही हार्ट की समस्या है और वो कोई दवाएं लेता हो , तो पहले उसे वही दवा दें जो वो लेता रहा है।

यदि मरीज को होश नहीं आ रहा हो, उसके दिल की धड़कने बंद हो गयी हो या साँस नहीं चल रही हो तो सीपीआर प्रक्रिया अपनाएं।

कैसे देते हैं सीपीआर

सीपीआर क्रिया करने में सबसे पहले पीड़ित को किसी ठोस जगह पर लिटा दिया जाता है और प्राथमिक उपचार देने वाला व्यक्ति उसके पास घुटनों के बल बैठ जाता है।

उसकी नाक और गला चेक कर ये सुनिश्चित किया जाता है कि उसे सांस लेने में कोई रुकावट तो नहीं है। जीभ अगर पलट गयी है तो उसे सही जगह पर उंगलियों के सहारे लाया जाता है।

सीपीआर में मुख्य रुप से दो काम किए जाते हैं। पहला छाती को दबाना और दूसरा  मुँह से सांस देना जिसे माउथ टु माउथ रेस्पिरेशन कहते हैं। पहली प्रक्रिया में पीड़ित के सीने के बीचोबीच हथेली रखकर पंपिंग करते हुए दबाया जाता है।  एक से दो बार ऐसा करने से धड़कनें फिर से शुरू हो जाएंगी। पंपिंग करते समय दूसरे हाथ को पहले हाथ के ऊपर रख कर उंगलियो से बांध लें अपने हाथ और कोहनी को सीधा रखें।

अगर पम्पिंग करने से भी सांस नहीं आती और धड़कने शुरू नहीं होतीं तो पम्पिंग के साथ मरीज को कृत्रिम सांस देने की कोशिश की जाती है।

ऐसा करने के लिए हथेली से छाती को 1 -2 इंच दबाएं, ऐसा प्रति मिनट में 100 बार करें। सीपीआर में दबाव और कृत्रिम सांस का एक खास अनुपात होता है। 30 बार छाती पर दबाव बनाया जाता है तो दो बार कृत्रिम साँस दी जाती है। छाती पर दबाव और कृत्रिम साँस देने का अनुपात 30 :02  का होना चाहिए। कृत्रिम सांस देते समय मरीज की नाक को दो उंगलियों से दबाकर मुंह से साँस दी जाती है। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि नाक बंद होने पर ही मुंह से दी गयी सांस फेफड़ों तक पहुंच पाती है।

सांस देते समय ये ध्यान रखना है कि फर्स्ट एड देने वाला व्यक्ति लंबी सांस लेकर मरीज के मुंह से मुंह चिपकाए और धीरे धीरे सांस छोड़ें। ऐसा करने से मरीज के फेफड़ों में हवा भर जाएगी। इस प्रक्रिया में इस बात का भी ध्यान रखना होता है कि जब कृत्रिम सांस दी जा रही है तो मरीज की छाती ऊपर नीचे हो रही है या नहीं। ये प्रक्रिया तब तक चलने देनी है जब तक पीड़ित खुद से सांस न लेने लगे। जब मरीज खुद से साँस लेने लगे, तब ये प्रकिया रोकनी होती है।

सीपीआर अगर किसी बच्चे को देनी है तो विधि में थोड़ा सा बदलाव होता है। बच्चों की हड्डियों की शक्ति बहुत कम होती है इसलिए दबाव का विशेष ध्यान रखा जाता है। अगर 1 साल से कम बच्चों के लिए सीपीआर देना हो तो सीपीआर देते वक़्त ध्यान रखे 2 या 3 उंगलियों से ही छाती पर दबाव डालें और छाती पर दबाव और कृत्रिम सांस देंने का अनुपात 30 :02 ही रखें।

सीपीआर 10 है विकसित तकनीक

सीपीआर से भी नई तकनीक सीपीआर 10 आज देश में उपलब्ध है। इस तकनीक का अविष्कार भारत में ही किया गया है। भारत के ही डाक्टर पद्मश्री डॉक्टर के.के अग्रवाल ने इस तकनीक का आविष्कार किया है। ये तकनीक परंपरागत सीपीआर से कहीं ज्यादा प्रभावी और व्यवहारिक मानी जाती है। इस तकनीक की सबसे खास बात ये है कि इसमें मुंह से कृत्रिम सांस देने के बजाय सिर्फ उंगलियों के दबाव के माध्यम से सीपीआर दिया जाता है।

इस प्रक्रिया को दिल का दौरा पड़ने के पहले 10 मिनट में ही किया जाता है। इस प्रक्रिया में हाथ से इस तरह से छाती पर दबाव बनाया जाता है कि दिल सीने की हड्डियों और रीढ़ की हड्डी के बीच दबे । ये तबतक किया जाता है जब तक चिकित्सकीय सुविधा न मिल जाय या फिर व्यक्ति जिंदा हो जाय या फिर इलेक्ट्रिक शॉक देने वाले यंत्र तक पीड़ित पहुंच न जाय।

 इसके लिए सिर्फ छाती पर दबाव बनाना है पर ये 100 दबाव प्रति मिनट की रफ्तार से करना होता है। दबाव बनाने के लिए तकनीक वही है जो सीपीआर में है बस मुंह से मुंह को सांस नहीं देनी है। कई बार सीपीआर 10 से पहले पीड़ित की छाती पर एक फिट की दूरी से दो मुक्के मारने की भी सलाह दी जाती है। उसके बाद सीपीआर 10 शुरु किया जाता है।

क्या है सीपीआर का महत्व

दिल का दौरा पड़ने पर पहले एक घंटे को गोल्डन ऑवर माना जाता है।  इसी गोल्डन ऑवर में हम मरीज की जान बचा सकते है।  कभी कभी एंबुलेंस या मेडिकल सुविधा किसी कारण उपलब्ध नहीं होती है। ऐसे समय में सीपीआर किसी भी पीड़ित के लिए संजीवनी का काम कर सकता है।

दरअसल सीपीआर में हम सांस चलाने के काम और खून के बहाव को लगातार जारी रखने की कोशिश करते हैं। अगर किसी पीड़ित को 3-5 मिनट तक सांस नहीं आती तो उसके ब्रेन सेल मृत होना शुरु हो जाते हैं। अगर किसी पीड़ित को  10 मिनट तक सांस नहीं आ रही हो और प्राथमिक उपचार के तहत हम उसे कृत्रिम साँस न दे पाएं तो मरीज के बचने की संभावना बहुत कम हो जाती है।

इस तरह आप किसी ऐसे व्यक्ति की जान बचा सकते हैं जो दम घुटने, पानी में डूबने, दिल का दौरा पड़ने की वजह से अपनी धड़कने खो चुका है। इस दौरान कुछ सावधानियां भी बरतनी है। जैसे इस दौरान मरीज को अकेला बिल्कुल नहीं छोडना चाहिए। और डाक्टर के द्वारा निर्देशित दवा के आलावा मरीज को दूसरी कोई दवा नहीं दी जानी चाहिए। 

whatsapp

RELATED ISSUES

  • Allergic Conjunctivitis
  • Delayed Tooth Formation
  • Heart Disease
  • Healthy Heart Diet

RELATED SPECIALITIES

  • General Physician
  • Ayurvedic Doctor
  • Yoga & Naturopathy Specialist
  • Homeopathy Doctor

Ask a free question

Get FREE multiple opinions from Doctors

RELATED QUESTIONS

Hi, I am 24 unmarried boy. Basically when we r nervous and tense then the way our heartbeats increases fast. Similar sorts of feeling like quick pu...

Hi, My mother met with an accident yesterday. Her L1 spinal bone got a small crack. Now the doctor (Neurosurgeon) is insisting for a surgery. He sa...

Health tips Image

My mother is diabetic and BP patient and she is undergoing allopathic medicine for diabetic and BP control. Her current ECG report showing as "susp...

Health tips Image

Acupressure can be helpful for blocking lower limb The blocking of both legs around 80% Please suggest.

Health tips Image

TOP HEALTH TIPS

Treatment of E. coli!

Spermatocele - Causes, Symptoms Diagonis & Treatments

Health tips Image

Treatment with Acupuncture

Health tips Image

Treatment of Eye Floaters!

Health tips Image

Book appointment with top doctors for Cardiopulmonary Rehabilitation treatment

Treatment enquiry.

Vedopchar

A upchar for everything

CPR in Hindi

CPR in Hindi:सीपीआर क्या है और यह कैसे देते हैं?सम्पूर्ण जानकारी

सीपीआर क्या होता है: what is cpr-cpr in hindi.

  • CPR का फ़ुल फ़ॉर्म  कार्डीओ पल्मनेरी रेससिटेशन (Cardio Pulmonary Resuscitation) होता है। यह किसी रोगी या घायल इंसान को दिया जाता है।-CPR in Hindi
  • इसे सही देना सीखना चाहिए, पर सीखने के बाद भी कुछ लोग इसे समय आने पर ठीक से दे नहीं पाते। तो उसे याद रखना ज़रूरी होता है।
  • तो आइए इस लेख में हम जानते हैं सी पी आर की और जानकारी विस्तार से।
  • जब भी कोई इंसान बेहोश होता है, हमारी पूरी कोशिश होनी चाहिए, उसे ज़िंदा करवाने की। बेहोश होने के कयी कारण हो सकते हैं, जैसे की आग लगना, ऊँचाई से गिर जाना, बिजली लगना और सबसे ज़रूरी होता है कार्डीऐक अरेस्ट या दिल का दौरा पड़ना।
  • इसे संजीवनी क्रिया भी कहा जाता हैं।

सीपीआर कब देना चाहिए: When should CPR be given

दिल का दौरा या कार्डीऐक अरेस्ट में: cpr in heart attack.

जब दिल का दौरा पढ़ता है, तो पहले घंटे को गोल्डन हूर कहा जाता है। इस समय में जीवन को बचाने की कोशिश की जा सकती है। गोल्डन हावर में  हर आधे घंटे में जीने की आशा दस प्रतिशत कम हो जाती है, तो हमें जल्दी काम करना पड़ता है।-CPR in Hindi

सबसे पहले, आपको घबराना नहीं है और धैर्य रखना है। सबसे पहले आप किसी डॉक्टर या ऐम्ब्युलन्स की माँग करें की आपके सामने एक दिल का दौरे का केस हुआ है। कयी बार ऐम्ब्युलन्स को आने में देर हो सकती है। ऐसी स्थिति में लोगों को पता नहीं होता की CPR कैसे दिया जाता है।

  • आपको इस समय में धैर्य रखना है और जीवन बचाना है। सबसे पहली बात, आप मरीज़ को रिलाक्ष कराएँ। उसके तंग कपड़े ढीले  कराएँ, जिससे कि वो साँस ले सके। इसका मतलब है की आपको विस्तार से उसके सारे बटन खोलने है, जिससे कि वह साँस ले सकें।
  • इससे उसे ‘फ़्रेश-ऐर’ मिलेगी, जिससे उसमें ज़िंदगी वापस मिलने की आशंका होगी।

अगर वह होश में है और वह मरीज़ पहले से ही हार्ट अटैक की कोई दवा लेता है, तो उसे वो दवा खिलाएँ।

अगर वह होश में नहीं है तो उसे ज़मीन पर सीधा लेटाएँ। पहले उसकी साँस सुनकर चेक करें। अगर वह साँस ले रहे हैं तो उनके दिल की धड़कन की जाँच करें।

  • अगर दिल की धड़कन बंद हो गयी हैं तो उनको CPR देना शुरू करें।

बिजली का झटका या किसी भी बेहोशी में: CPR in Electric shock or any fainting

  • आप को पहले यह देखने है की वो होश में है या नहीं। अगर वह होश में नहीं है तो उसे ज़मीन पर सीधा लेटाएँ। पहले उसकी साँस सुनकर चेक करें। अगर वह साँस ले रहे हैं तो उनके दिल की धड़कन की जाँच करें।

सीपीआर किस प्रकार देना चाहिए: How to Give CPR- CPR in Hindi

C PR एक ऐसी क्रिया है, जिसे देने के दो मुख्य तरीक़े  होते हैं। यह रही वो क्रियाएँ या तरीक़े :

मुँह से साँस देना : Mouth breathing in cpr

  • अगर मरीज़ को साँस नहीं मिलती, तो उसका मस्तिष्क और हृदय काम करना बंद कर सकते हैं। उसके लिए हमें ये क्रिया करनी पद सकती है:
  • मरीज़ के नाक को अपनी दो उँगलियों से बंद करें और उसके मुँह में साँस फूंके। जब हवा मुँह से जाती है तो वह सीधा फेफड़ों तक जाती है।
  • एक लम्बी साँस लें, और अपने मुँह को मरीज़ के मुँह से चिपकाएँ धीरे-धीरे साँस छोड़ें, जो कि उसके फेफड़ों तक साँस जाए।
  • इस प्रक्रिया के लगातार करने से फेफड़ों में हवा भरेगी ही और साँस वापस शुरु हो सकेगी।
  • जब आप यह साँस दे रहे हों, तो ध्यान दीजिए की मरीज़ की छाती ऊपर-नीचे हो रही है की नहीं।
  • जैसे ही मरीज़ में जान वापस आएगी, तो वो कूद के साँस लेने लगेगा। ऐसा होते ही आप साँस देना बंद कर दें।

छाती को दबाना:  Chest clamp

  • मरीज़ को किसी ठोस सतह पर पहले लेटाएँ। ध्यान दें की आप उस मरीज़ को ऐसी जगह रखें जहाँ धुआँ जैसी चीज़ ना हो। उसके आस पास लोगों की भीड़ भी ना हो, इससे मरीज़ को साँस लेने में दिक्कत हो सकती है।
  • उनके बग़ल में अपने घुटनों पर बैठ जाएँ।
  • स्वसनलिका बेहोश हालत में सिकुड़ जाती है, इसीलिए, पहले उनके नाक और गला ज़रूर चेक कर लें, उसमें कुछ फँसा तो नहीं है।
  • फिर हम ध्यान दें की हम तीन चीज़ें सबसे पहले साफ़ करें। वो तीन चीज़ें होती हैं, A, B और C।।।यह एक फ़ॉर्म्युला होता है, CPR से पहले चेक करने का। वह फ़ॉर्म्युला ऐसा होता है:
  • A- ऐरवे, यानी की हम सबसे पहले साफ़ करेंगे हवा के रास्ते को। यह मुँह, नाक और गले से गुज़रती हुयी स्वासनली को साफ़ करना होता है। एक बात का ध्यान दें की उनकी दाढ़ी ऊपर हो जिससे की स्वास नली सीधी हो जाए।
  • B – ब्रीथिंग, यानी को कान लगाकर सन्न है की मरीज़ साँस ले रहा है की नहीं। जब आपको पक्का पता चल जाए की वो साँस नहीं ले रहा, तब आप अगला स्टेप लीजिए।
  • C- करकीयक, यानी की यह चेक करना की उसके दिल की धड़कन चल रही है की नहीं। आप उसके छाती को छो सकते हैं, या उसकी नैब्ज़ से ये जाँच कर सकते है। अगर यह भी बंध है, तो आप CPR शुरू करेंगे।
  • अपने दोनो हाथों को एकदम सीधा रखे, कोनियों से भी और अपनी उँगलियों को बाँध लें। वह मरीज़ के सीने के बीचोबेच पम्प करना शुरू करें।
  • यदि पम्पिंग करते समय साँस आने लगती है, तो पम्पिंग के साथ, मुँह से साँस देने की भी कोशिश करें।
  • ऐसा पम्प आपको प्रति मिनट में सौ बार करना होगा।
  • जब आप तीस बार दबाएँ तो दो बार, सांसें दे।
  • इससे छाती पर दबाने का और मुँह से साँस देने का राशन ३०:०२ हो जाएगा। यही सही तरीक़ा है।

सीपीआर को देते समय क्या ना करें? -What not to do while giving CPR-CPR in Hindi

  • मरीज़ को बिलकुल अकेले ना छोड़ें।
  • नियमित दवाई के अलावा कोई और दवाई ना खिलाएँ।
  • समय बर्बाद ना करें।

सीपीआर देते समय लोगों की आम ग़लतियाँ यह होती हैं:Common mistakes people make while giving CPR are

  • वह समय रहते डॉक्टर या ऐम्ब्युलन्स को सूचित नहीं करते हैं।
  • वह छाती को पम्प करने की टेन्शन में, ‘माउथ तो माउथ’ या मुँह से साँस देना भूल जाते हैं।
  • छाती को पम्प करने की रफ़्तार या तो डर से बहोत धीरे या बहोत तेज़ होती है। सही डर है एक सौ प्रति मिनट।
  • उँगलियों की को ग़लत तरीक़े से रखते हैं, जिससे कि सही छाती पर सही दबाव नहीं पड़ता है
  • छाती पर CPR देते समय हाथ कोनियों से सीधे नहीं होते। यदि वो सीधे नहीं होते, तो आपके शरीर का सही दबाव मरीज़ के छाती पर नहीं पड़ता।
  • उँगलियों को ऐसे ग़लत फँसा देना, की मरीज़ के छाती से सीधा सम्पर्क नहीं बन पाता है। इससे सही दबाव नहीं पड़ता है। 
  • CPR देने वाला सही तरीक़े से घुटनों के बल नहीं बैठता है। यदि इसमें छोटी सी भी चूक हो, तो उसके पूरे वज़न का दबाव मरीज़ के छाती पर नहीं पड़ता है, और CPR ग़लत होता है। इससे कयी जानें बच नहीं पाते हैं।

सीपीआर ट्रेनिंग :CPR Training

अगर किसी को CPR ट्रेनिंग सही मिल पाती  है, तो वक़्त आते ही  वो सिर्फ़ अपने दोस्तों या माता-पिता की ही नहीं, बल्कि कयी अजंबियों की भी भी जान बचा पाता है।

कुछ और मेडिसिन की जानकारिया आपकी दैनिक दिनचर्या के लिए जो आपकी लाइफ को आसान बनाएगी

  • नॉरफ्लोक्स 400 mg टेबलेट के बारे में सम्पूर्ण जानकारी
  • लुकोटस एच डी टैबलेट के बारे में सम्पूर्ण जानकारी
  • हेम अप सिरप के लाभ,उपयोग, सावधानियां और नुकसान
  • एसमीज प्लस टेबलेट के बारे में सम्पूर्ण जानकारी
  • अस्थालीन क्या होता है? अस्थालीन के बारे में सम्पूर्ण जानकारी
  • अन्वॉंटेड 21 टैब्लेट के बारे में सम्पूर्ण जानकारी

' src=

Ruchi Kumar

Leave a reply cancel reply.

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Post Comment

Related Posts

Gelusil MPS Syrup in Hindi:जेलुसिल एम पी एस सिरप क्या है इसके फायदे और नुकसान

Gelusil MPS Syrup in Hindi:जेलुसिल एम पी एस सिरप क्या है इसके फायदे और नुकसान

Second month pregnancy in hindi:गर्भावस्था का दूसरा महीना

Second month pregnancy in hindi:गर्भावस्था का दूसरा महीना

Diverticulitis in hindi:डाइवर्टिक्युलाइटिस क्या है, लक्षण,कारण,इलाज

Diverticulitis in hindi:डाइवर्टिक्युलाइटिस क्या है, लक्षण,कारण,इलाज

Normal delivery in pregnancy in hindi-:सामान्य प्रसव लक्षण, प्रक्रिया,सुझाव और व्यायाम

Normal delivery in pregnancy in hindi-:सामान्य प्रसव लक्षण, प्रक्रिया,सुझाव और व्यायाम

Begin typing your search term above and press enter to search. Press ESC to cancel.

  • फॉन्‍ट बदलें A A
  • Change Language हिंदी | Hindi বাঙালি | Bengali தமிழ் | Tamil
  • डार्क थीम लाइट थीम
  • मराठी बातम्या
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्य प्रदेश
  • टीवी पर क्या देखें
  • #T20 वर्ल्ड कप
  • #दिल्ली में रिकॉर्ड बारिश
  • #NEET पेपर लीक

CPR Importance: सीपीआर क्या है? इन 5 कारणों से हम सभी को पता होना चाहिए कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन के बारे में सब कुछ

Cardiopulmonary resuscitation: सडन कार्डिएक अरेस्ट की स्थिति में सीपीआर देकर लोगों की जान बचाई जा सकती है. जैसा कि कई मामलों में देखने को भी मिला. क्या आप जानते हैं कि सीपीआर क्या है अगर नहीं तो यहां डिटेल में बताया गया है..

CPR Importance: सीपीआर क्या है? इन 5 कारणों से हम सभी को पता होना चाहिए कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन के बारे में सब कुछ

Why CPR Is Important: अचानक कार्डियक अरेस्ट के बढ़ते मामलों के मद्देनजर कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) काफी चर्चा में है. अचानक गिरकर मौत की हफ्तेभर में 4 घटनाओं ने सभी का चौंका दिया है. सोशल मीडिया पर देखा गया कि तेलंगाना में अपने रिश्तेदार की शादी में नाचते समय गिर गया और उसकी मौत हो गई. इससे पहले हैदराबाद में एक मजदूर जो बस पकड़ने की तलाश में था, शुक्रवार को उसे अचानक दर्द हुआ और वह सड़क पर गिर गया. हालांकि, एक ऑन-ड्यूटी ट्रैफिक सिपाही ने उन्हें कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) देकर उनकी जान बचाई. 20 फरवरी को हैदराबाद में एक हल्दी समारोह में भाग लेने वाला एक व्यक्ति अचानक गिर गया और उसकी मृत्यु हो गई. माना जा रहा है कि उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया था. 23 फरवरी को एक 24 वर्षीय पुलिस कांस्टेबल की हैदराबाद में एक जिम में कसरत के दौरान कथित तौर पर दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई.

इन 5 कारणों से होती है शरीर में सूजन, न्यूट्रिशनिष्ट से जानें आसान भाषा में

इस तरह की घटनाओं को देखते हुए एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसी कंडिशन में सीपीआर देकर लोगों की जान बचाई जा सकती है. जैसा कि कई मामलों में देखने को भी मिला. क्या आप जानते हैं कि सीपीआर क्या है? अगर नहीं तो यहां डिटेल में बताया गया है.

सीपीआर क्या है? | What Is CPR?

सीपीआर की फुल फॉर्म कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन होती है. सीपीआर एक इमरजेंसी लाइफ सेवर प्रक्रिया है जिसे तब किया जाता है जब दिल धड़कना बंद कर देता है. हार्ट ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, कार्डिएक अरेस्ट के बाद तत्काल सीपीआर देने से बचने की संभावना दोगुनी या तिगुनी हो सकती है. ब्लड फ्लो को एक्टिव रखना एक सफल पुनर्जीवन के अवसर को बढ़ाता है.

आपने अगर सिद्दत से फॉलो किए ये टिप्स, तो Weak Gums बन जाएंगे मजबूत, कभी नहीं सताएगा Toothache

8sk8pi58

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, शोध से पता चलता है कि प्रत्येक मिनट सीपीआर में देरी होने से जीवित रहने की संभावना लगभग 10 प्रतिशत कम हो जाती है.

सीपीआर के बारे में आपको क्यों जानना चाहिए? | Why You Should Know About CPR?

आपको सीपीआर क्यों सीखना चाहिए और इसके बारे में जानकारी क्यों होनी चाहिए यहां 10 कारण दिए गए हैं:

1) अमेरिका में हार्ट डिजीज से मौत का प्रमुख कारण है

सीडीसी के अनुसार, अमेरिका में हृदय रोग मौत का प्रमुख कारण है, हर साल हार्ट डिजीज से लगभग 600,000 से अधिक लोगों अपनी जान गवां बैठते हैं.

2) सीपीआर जीवन बचाता है

हार्ट डिजीज की घटनाएं बढ़ रही हैं, सीपीआर जीवन बचाने में मदद कर सकता है. हाल ही में हैदराबाद में सामने आई घटनाओं से सभी हैरान हैं. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, 2016 में 350,000 से अधिक अस्पताल के बाहर कार्डियक अरेस्ट हुआ. अफसोस की बात है कि अस्पताल के बाहर कार्डियक अरेस्ट से पीड़ित 88 प्रतिशत लोग मर जाते हैं.

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर शरीर देने लगता है ये संकेत, जानें टेस्ट के लिए कब जाना चाहिए और इसे कंट्रोल करने के उपाय

3) कोई भी सीपीआर सीख सकता है

सीपीआर कोई भी सीख सकता है और सभी को लेना चाहिए. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की रिपोर्ट है कि 70 प्रतिशत अमेरिकी कार्डियक इमरजेंसी की स्थिति में असहाय महसूस करते हैं क्योंकि वे नहीं जानते कि सीपीआर को प्रभावी ढंग से कैसे किया जाए.

4) ब्रेन डेथ को रोकें

हार्ट के जरिए सांस लेना बंद करने के चार से छह मिनट बाद मस्तिष्क की मृत्यु हो जाती है. सीपीआर प्रभावी ढंग से ब्लड फ्लो को बनाए रखता है और मस्तिष्क और अन्य जरूरी अंगों को ऑक्सीजन प्रदान करता है, जिससे पीड़ित को पूरी तरह से ठीक होने का बेहतर मौका मिलता है. हेल्थ रिपोर्ट्स बताती हैं कि अगर कार्डियक अरेस्ट के पहले दो मिनट के भीतर सीपीआर दिया जाता है, तो बचने की संभावना बढ़ जाती है.

5) सीपीआर आपको स्मार्ट बनाता है

जब तक आप सीपीआर ट्रेनिंग पूरी करते हैं, तब तक आपको कुछ ऐसा पता चल जाएगा जिसे आप शुरू करने से पहले नहीं जानते थे!

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

  • Notifications

CPR Importance: सीपीआर क्या है? इन 5 कारणों से हम सभी को पता होना चाहिए कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन के बारे में सब कुछ

  • En - English
  • తె - తెలుగు
  • यौन स्वास्थ्य
  • स्व-मूल्यांकन
  • कामेच्छा की कमी
  • महिला स्वास्थ्य
  • अनियमित पीरियड्स
  • पीसीओएस और पीसीओडी
  • बेहतर प्रजनन क्षमता
  • पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग
  • त्वचा की समस्या
  • मुंहासों का इलाज
  • फंगल इंफेक्शन
  • बालों की समस्या
  • बालों का विकास
  • बालों में रूसी
  • पुरानी बीमारी
  • शुगर (डायबिटीज)
  • अनिद्रा की समस्या
  • तनाव और चिंता

cpr assignment in hindi

  • डॉक्टर से सलाह लें
  • दवाइयाँ A-Z
  • अस्पताल खोजें
  • डॉक्टर खोजें
  • हेल्थ टी.वी.
  • वेब स्टोरीज
  • घरेलू नुस्खे
  • योग और फिटनेस
  • बच्चों की सेहत
  • बच्चों के नाम
  • स्वस्थ भोजन
  • स्वास्थ्य समाचार
  • पशु स्वास्थ्य
  • पुरुष स्वास्थ्य
  • मेडिकल कैनबिस
  • लॉग इन / साइन अप करें
  • यौन समस्याएं
  • बालों का विश्लेषण करें
  • तनाव से राहत

98% बचत - मात्र 9 रु में Urjas Massage Oil खरीदें X

  • प्राथमिक चिकित्सा

प्राथमिक चिकित्सा - First Aid in hindi

प्राथमिक चिकित्सा - First Aid in hindi

किसी की जान बचाने के लिए प्राथमिक चिकित्सा एक एहम कदम हो सकता है। प्राथमिक चिकित्सा को अंग्रेजी में फर्स्ट ऐड (First Aid) कहा जाता है। एक्सीडेंट या चोट लगने के बाद तुरंत फर्स्ट ऐड देने से घायल व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है।

प्राथमिक चिकित्सा में सामान्य चोट के लिए पट्टी करना से लेकर सीपीआर (CPR) देने की प्रक्रिया तक शामिल हो सकती हैं। हर व्यक्ति को फर्स्ट ऐड देना आना चाहिए ताकि वह ज़रूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल कर सके।

इस लेख में आप प्राथमिक चिकित्सा का मतलब, उसका महत्व, उद्देश्य, सिद्धांत और प्राथमिक चिकित्सा देने के तरीके जैसी बातों के बारे में जानेंगे।

प्राथमिक चिकित्सा (फर्स्ट ऐड) क्या है - Prathmik chikitsa (first aid) kya hai

प्राथमिक चिकित्सा का महत्व - prathmik chikitsa (first aid) ka mahatva, प्राथमिक चिकित्सा का उद्देश्य - prathmik chikitsa ke uddeshya, प्राथमिक चिकित्सा के सिद्धांत - prathmik chikitsa ke siddhant, प्राथमिक चिकित्सा देने के नियम - prathmik chikitsa ke niyam, प्राथमिक चिकित्सा कैसे करते हैं - prathmik chikitsa kaise karte hain.

चोट लगने के बाद व्यक्ति को अस्पताल ले जाने से पहले किए जाने वाले सहायक इलाज को प्राथमिक चिकित्सा या फर्स्ट ऐड कहते हैं। बीमार व्यक्ति की स्थिति को सुधारने के लिए भी फर्स्ट ऐड का प्रयोग किया जाता है।

फर्स्ट ऐड पूर्ण चिकित्सा नहीं होती, लेकिन इससे अस्पताल ले जाने के लिए रोगी की स्थिति को बेहतर किया जा सकता है। अस्पताल ले जाते समय या मदद का इंतज़ार करते समय किसी व्यक्ति को प्राथमिक चिकित्सा देने से उसकी जान बच सकती है।

आपातकालीन स्थिति में कुछ आसान तकनीकों और बहुत कम उपकरणों का इस्तेमाल करके किसी को प्राथमिक चिकित्सा देने के लिए आपको विशेष ट्रेनिंग की आवश्यकता नहीं है। यह आसानी से सीखा जा सकता है।

अगर आपको कभी आपातकालीन स्थिति में किसी को फर्स्ट ऐड देने की आवश्यकता पड़ती है, तो हो सके तो घायल व्यक्ति के खून, लार और अन्य शारीरिक तरल पदार्थों से दूर रहें। अगर ऐसा संभव न हो, तो अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए दस्ताने पहनें। प्राथमिक चिकित्सा देने के बाद, हमेशा अपने हाथ अच्छी तरह से धोएं और अपनी आंखों, नाक या मुंह को हाथ न लगाएं। इसके साथ-साथ प्राथमिक चिकित्सा देने के बाद बिना हाथ धोए खान-पान न करें।

cpr assignment in hindi

प्राथमिक चिकित्सा से केवल जान ही नहीं बचाई जाती, इससे व्यक्ति के ठीक होने का समय भी कम होता है और व्यक्ति को कोई बड़ा शारीरिक नुक्सान होने से भी बचाया जा सकता है। प्राथमिक चिकित्सा करना सीखने से आप आपातकालीन स्थिति में शांत रहना और प्राथमिक चिकित्सा की आवश्यक प्रक्रियाओं के बारे में सीख सकते हैं। इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और आपातकालीन स्थिति में आप अधिक प्रभावपूर्ण चिकित्सा कर पाएंगे।

निम्नलिखित बातों से आपको प्राथमिक चिकित्सा का महत्व समझ आ जाएगा -

  • हर बार एक्सीडेंट होने पर या चोट लगने पर अस्पताल जाने की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि घायल व्यक्ति को दर्द या परेशानी नहीं हो रही। अगर एक बच्चा बुखार या चोट के कारण रो रहा है, तो इसका मतलब है कि उसे परेशानी हो रही है। सही तरह से पट्टी करने या ठंडी सिकाई करने से आप उस बच्चे की समस्या को कम कर सकते हैं। आप शांत रहकर बच्चे को भावनात्मक सहानुभूति भी दे सकते हैं, जिससे वह सुरक्षित महसूस करेगा और उसकी परेशानी भी कम होगी। (और पढ़ें - बच्चे को बुखार )
  • अगर पीड़ित व्यक्ति को सही समय पर प्राथमिक चिकित्सा न दी जाए तो उसकी स्थिति अधिक बिगड़ सकती है। मदद का इंतज़ार करते समय आप उस व्यक्ति को प्राथमिक चिकित्सा देकर उसकी स्थिति बेहतर कर सकते हैं। अगर फर्स्ट ऐड बॉक्स उपलब्ध नहीं है, तो आप आपातकालीन स्थिति में घर में मौजूद अन्य चीज़ों का इस्तेमाल करना सीख सकते हैं।
  • अगर आपको घायल व्यक्ति की स्थिति का सही आंकलन करना आता है, तो आप डॉक्टर को पीड़ित व्यक्ति की सही स्थिति के बारे में बता पाएंगे जिससे वक्त बचेगा।
  • प्राथमिक चिकित्सा की सही जानकारी होने से आप घायल व्यक्ति की मदद करने के साथ-साथ अपनी भी सुरक्षा करेंगे ताकि घायल व्यक्ति के साथ आपको भी मदद की आवश्यकता न पड़े।

(और पढ़ें -  चोट का इलाज )

प्राथमिक चिकित्सा के निम्नलिखित तीन मुख्य उद्देश्य होते हैं -

  • जान बचाना प्राथमिक चिकित्सा का सबसे मुख्य उद्देश्य होता है घायल या पीड़ित व्यक्ति की जान बचाना। किसी की जान बचने के लिए आप हमेशा डॉक्टर पर निर्भर नहीं रह सकते हैं। ऐसा संभव नहीं है कि घटनास्थल पर हमेशा कोई डॉक्टर मौजूद हो, इसीलिए सही तरीके से प्राथमिक चिकित्सा देने से घायल व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है।  
  • स्थिति बिगड़ने से बचाना प्राथमिक चिकित्सा का उद्देशय होता है घायल व्यक्ति की स्थिति और घावों को बिगड़ने व बढ़ने से रोकना। किसी को प्राथमिक चिकित्सा देने का मतलब है कि आप उस व्यक्ति को खतरे से बचा रहे हैं या उसका खतरा कम कर रहे हैं। जैसे, आग से जल रहे व्यक्ति के ऊपर कंबल देना उसे आग से बचाएगा और उसके लिए फर्स्ट ऐड का काम करेगा।  
  • ठीक होने में मदद करना कुछ मामलों में, प्राथमिक चिकित्सा रोगी के ठीक होने की प्रक्रिया में मदद करती है। जिन लोगों को प्राथमिक चिकित्सा करनी आती है, उन्हें छोटे से कट से लेकर फ्रैक्चर की स्थिति में किए जाने वाले इलाज के बारे में पता होता है।

(और पढ़ें - घाव ठीक करने के घरेलू उपाय )

cpr assignment in hindi

प्राथमिक चिकित्सा के सिद्धांत निम्नलिखित हैं -

  • घायल व्यक्ति की हालत बदतर बनाए बिना जल्द से जल्द एक्सीडेंट के बाद प्राथमिक चिकित्सा देना।
  • केवल आवश्यक प्राथमिक चिकित्सा ही देना।
  • रक्तस्त्राव को तुरंत ठीक करना।
  • श्वसन और परिसंचरण को सही करना।
  • व्यक्ति को सदमा लगने से बचाना और अगर वह पहले से ही सदमे में है, तो उसका इलाज करना।
  • फ्रैक्चर या जोड़ हिलने की स्थिति में प्रभावित क्षेत्र को हिलने-डुलने न देना।
  • आसान प्रक्रियाओं और दवाओं से दर्द को ठीक करना।
  • घायल व्यक्ति को जल्दी ठीक होने का आश्वासन देना और उसका हौंसला बढ़ाना।

घटना होने के बाद अगर व्यक्ति बेहोश है, तो उसे सही करने के लिए आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। इन्हें प्राथमिक चिकित्सा की "ए-बी-सी" भी कहा जाता है।

  • ए - एयरवे (Airway: श्वसन नली की जाँच) सबसे पहले इस बात की जांच करें कि व्यक्ति की श्वसन नली खुली है या नहीं। श्वसन नली एक ट्यूब होती है, जिससे हवा फेफड़ों में जाती है और बाहर आती है। अगर यह ट्यूब बंद हो जाए, तो सांस लेना असंभव हो जाता है। अगर यह नली बंद है, तो व्यक्ति की ठोड़ी उठाएं जिससे उसका सिर पीछे की तरफ झुक जाए। (और पढ़ें - सांस फूलने का इलाज )  
  • बी - ब्रीथिंग (Breathing: सांस की जाँच) एयरवे के बाद  5 से 10 सेकंड के लिए व्यक्ति की सांस की जाँच करें। उसके मुंह के पास अपना कान लगाकर उसकी सांसों को सुनें और यह देखें कि उसकी छाती ऊपर-नीचे हो रही है या नहीं। अगर आपको लगता है कि व्यक्ति हांफ रहा है, इसका मतलब है कि वह सामान्य तरीके से सांस नहीं ले रहा। (और पढ़ें - हांफने के लक्षण )  
  • सी - सर्कुलेशन (Circulation: परिसंचरण की जाँच) परिसंचरण की जांच करने के लिए रक्तस्त्राव और शॉक के लक्षणों (जैसे, फीकी, नम व ठंडी त्वचा) के लिए व्यक्ति की जांच करें। रक्तस्त्राव को तुरंत रोकना चाहिए और जल्दी से व्यक्ति के पूरे शरीर की जांच करनी चाहिए।

cpr assignment in hindi

आपातकालीन स्थिति में सही फर्स्ट ऐड करने से आप किसी की जान बचा सकते हैं। हालांकि, इसकी ट्रेनिंग लेने के बाद भी प्राथमिक चिकित्सा का तरीका याद रखना मुश्किल हो सकता है। प्राथमिक चिकित्सा करने का सही तरीका निम्नलिखित है -

  • घायल या बीमार व्यक्ति को चिकित्सा देने से पहले पूरी स्थिति और व्यक्ति की जांच कर लें व नीचे दी गई बातों का ध्यान रखें -
  • क्या स्थिति व माहौल सुरक्षित है?
  • दुर्घटना या समस्या क्या है व कैसे हुई है?
  • इसमें कितने लोग शामिल हैं?
  • घायल व्यक्ति की चोट या बीमारी की स्थिति क्या है?
  • क्या व्यक्ति किसी ऐसी स्थिति में है जिससे उसकी जान को खतरा है?
  • क्या मदद के लिए कोई और उपस्थित है?
  • अगर व्यक्ति होश में है और जवाब दे रहा है, तो -
  • व्यक्ति तो अपना नाम बताएं, अपने हिसाब से समस्या का कारण व उसके लिए चिकित्सा समझाएं और चिकित्सा करने के लिए उसकी अनुमति लें।
  • पास खड़े किसी व्यक्ति को डिफिब्रिलेटर (Defibrillator:   हृदय की अनियमित धड़कन को सही करने वाला एक उपकरण) और फर्स्ट ऐड बॉक्स लाने को कहें।
  • अगर उपलब्ध हो तो दस्ताने व अन्य सुरक्षा करने वाले उपकरण पहनें।
  • व्यक्ति से उसके लक्षण, एलर्जी , दवाएं, अन्य चिकित्सा समस्याएं, आखिरी आहार और घटना की वजह के बारे में पूछें।
  • व्यक्ति के पूरे शरीर पर चोट के लिए जांच करें।
  • पूरी समझदारी और सूझ-बूझ के साथ समस्या के मुताबिक प्राथमिक चिकित्सा करें।
  • अगर व्यक्ति जवाब नहीं दे रहा है, तो - व्यक्ति का नाम लेकर उसे बुलाने का प्रयास करें। अगर व्यक्ति जवाब नहीं देता है, तो उसके कंधे को हिलाकर (अगर पीड़ित बच्चा या व्यस्क है) या पैर को हिलाकर (अगर पीड़ित बहुत छोटा बच्चा है) फिर से उसे बुलाएं और उसकी साँस की जांच करें। 5 से 10 सेकंड से ज़्यादा यह जांच न करें। ​
  • अगर व्यक्ति सांस ले रहा है, तो -
  • किसी को एम्बुलेंस बुलाने के लिए कहें और फर्स्ट ऐड किट मांगें।
  • अास-पास खड़े लोगों से घटना के बारे में पूछताछ करें।
  • व्यक्ति के पूरे शरीर की जांच करें।
  • अगर व्यक्ति को चोट नहीं लगी है, तो उसे रिकवरी पोजीशन (Recovery position) में रखें।
  • ​अगर व्यक्ति सांस नहीं ले रहा है, तो -
  • ​किसी को एम्बुलेंस बुलाने के लिए कहें और फर्स्ट ऐड किट मांगें।
  • यह सुनिश्चित करें कि घायल व्यक्ति एक समतल जगह पर सीधा लेटा हो।
  • व्यक्ति को सीपीआर (CPR) देना शुरू करें या अगर उपलब्ध है तो डिफिब्रिलेटर का उपयोग करें। ऐसा तभी करें जब आपको सीपीआर देना आता हो या डिफिब्रिलेटर का उपयोग करना आता हो।
  • सीपीआर तब तक दें जब तक व्यक्ति सांस न लेने लगे या मदद न मिल जाए। 

नोट - अगर माहौल सुरक्षित न रहे या आप थक जाएं, तो सीपीआर देना बंद कर दें।

cpr assignment in hindi

हार्ट रेट व पल्स रेट में क्य...

cpr assignment in hindi

कुत्ते के काटने के कितने दिन...

cpr assignment in hindi

कुत्ते के काटने से कौन से रो...

श्वसन दर किसे कहते हैं, नार्...

जानवर के काटने या खरोंच लगने...

cpr assignment in hindi

लगातार कम हो रहा हमारे शरीर ...

अगर आपके पास ये सब नहीं हैं,...

गर्दन में चोट लगने पर क्या क...

cpr assignment in hindi

केमिकल से जलने पर क्या करें

cpr assignment in hindi

कुत्ते का काटना ही नहीं, चाट...

नाखून में खून जमना

cpr assignment in hindi

मलाशय में कुछ फंस जाना

नाक में कुछ फंस जाना

दूध के दांतों में कीड़ा लगने ...

रोड एक्सीडेंट में प्राथमिक उ...

हार्ट रेट से जुड़े 5 भ्रम

कांटा (फांस) निकालने का घरेल...

गले में मछली का कांटा फंसने...

कान में पानी जाने पर क्या करें

मुंह में बदबू आए तो क्या करन...

ब्लड शुगर कम होने पर क्या करे

  • » Next

cpr assignment in hindi

अपनी भाषा चुनिए

CPR और BLS में क्या अंतर है?

आपने देखा होगा कि चिकित्सा क्षेत्र में दो शब्द सीपीआर और बीएलएस (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन एंड बेसिक लाइफ सपोर्ट) का परस्पर उपयोग किया जाता है। लेकिन क्या उनके बीच कोई अंतर है.

बिल्कुल। सीपीआर और BLS समान चीजें नहीं हैं। हालांकि दोनों निकटता से संबंधित हैं और कई समानताएं हैं, फिर भी कुछ प्रमुख अंतर हैं जिनका उपयोग उनके बीच अंतर करने के लिए किया जा सकता है। हम इस लेख की मदद से आपको बेहतर ढंग से समझने में मदद करने के लिए यहां हैं।

सीपीआर और बीएलएस: बुनियादी जीवन समर्थन प्रशिक्षण कवर क्या करता है

बेसिक लाइफ सपोर्ट वह कोर्स है जो एक छत्र है जिसके तहत सीपीआर को वर्गीकृत किया जा सकता है। इस पाठ्यक्रम में, छात्र निम्नलिखित सीखते हैं:

  • स्वचालित बाहरी का उपयोग कैसे करें defibrillator
  • वेंटिलेशन की सहायता के लिए बैग-मास्क तंत्र का उपयोग कैसे करें
  • पूरा बचाव श्वास तकनीक कैसे करें
  • चोकिंग के कारण एक मरीज का वायुमार्ग अवरुद्ध हो गया
  • तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए एक व्यापक टीम के रूप में कार्य करें

CPR प्रमाणन पाठ्यक्रम क्या कवर करता है

कई बार, सीपीआर पाठ्यक्रम में ऐसे विषय होते हैं जो बीएलएस प्रशिक्षण स्पर्श नहीं करता है, जैसे:

  • प्राथमिक चिकित्सा उपचार
  • AED का मूल उपयोग
  • रक्त रोगजनकों
  • बीएलएस बनाम सीपीआर स्पष्ट

इसे सीधे शब्दों में कहें, तो बीएलएस सीपीआर प्रमाणन कक्षाओं की तुलना में बहुत अधिक जमीन को कवर करता है। एक और उल्लेखनीय अंतर यह है कि बीएलएस अधिक सफल होता है जब एक टीम में प्रदर्शन किया जाता है, एक अस्पताल के भीतर ही है क्योंकि वहाँ उन्नत चिकित्सा है उपकरण उपयोग करने के लिए नवीनतम तकनीक उपलब्ध है। यदि प्रसूति वार्ड से एक शिशु सांस लेना बंद कर देता है या चोक हो जाता है, तो बीएलएस जरूरी है क्योंकि पुनरुद्धार की प्रक्रिया में तकनीकी और बाँझ चिकित्सा उपकरणों की आवश्यकता होगी।

हालाँकि, CPR का प्रदर्शन किसी व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि आपने किसी व्यक्ति को पार्क में घुसते हुए देखा है, तो पहला कदम जिसके बारे में आप सोचते हैं कि वह 911 कह रहा है और यदि वे गिरते हैं तो CPR का प्रदर्शन करते हैं। ऐसे समय में, केवल आपकी उपस्थिति, पुनर्जीवन का ज्ञान और नंगे हाथ व्यक्ति को पुनर्जीवित करने के लिए उपयोग में आते हैं।

हेल्थकेयर क्षेत्र में प्रमाणीकरण आवश्यक शर्तें

यदि आप चिकित्सा क्षेत्र में नौकरी के लिए आवेदन करने की योजना बना रहे हैं, तो आपके पास बीएलएस प्रशिक्षण प्रमाणन होना आवश्यक है। यह सीपीआर प्रशिक्षण और प्रमाणन का एक उन्नत रूप माना जाता है और इस तरह के पाठ्यक्रमों के लिए अधिकांश निजी या सार्वजनिक चिकित्सा संस्थानों में अनिवार्य है:

  • बोर्ड -प्रमाणित चिकित्सक
  • फार्मासिस्टों

सीपीआर और बीएलएस: उदाहरण

अस्पताल में, बीएलएस को सहायता की आवश्यकता वाले व्यक्ति के आधार पर जीवन-रक्षक तकनीकों का प्रदर्शन करने के लिए एक मानक प्रक्रिया शामिल है। शिशुओं, बच्चों, किशोरों और वयस्कों में प्रक्रियाएं भिन्न होती हैं।

एक सीपीआर कोर्स लोगों को सिखाता है कि जब किसी को किसी भी जगह पर कार्डियक अरेस्ट से गुजरना हो तो चेस्ट कंप्रेस कैसे करें। एक व्यवस्थित लय में छाती के संकुचन का उपयोग हृदय के सामान्य लय को गति देने के लिए किया जाता है ताकि सभी महत्वपूर्ण अंगों के माध्यम से रक्त को पंप किया जा सके जब तक कि ईएमटी न आ जाए और हृदय को पुनर्जीवित करने के लिए डिफाइब्रिलेटर का उपयोग न करे।

बीएलएस सीपीआर तकनीक का एक उन्नत संकर है जिसमें अस्पताल उपकरण का उपयोग शामिल है। हालाँकि, CPR के दिशानिर्देशों के अनुसार प्रदर्शन किया जाता है अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन .

प्रेम का विज्ञान: वैलेंटाइन डे पर क्या होता है?

नाई-सर्जनों का उत्थान और पतन

वैश्विक सहायता: मानवीय संगठनों के सामने आने वाली चुनौतियाँ

प्राकृतिक आपदाओं पर इटली की प्रतिक्रिया: एक जटिल प्रणाली

संयुक्त राज्य अमेरिका में स्वास्थ्य सेवा में आर्थिक असमानताएँ

अंतरिक्ष बचाव: आईएसएस पर हस्तक्षेप

cpr assignment in hindi

  • Short Videos
  • वेब स्टोरीज
  • बीएमआई जांचें
  • Poshan 2024
  • स्वास्थ्य और बीमारियां
  • डाइट और फिटनेस
  • ग्रूमिंग टिप्स
  • बच्चों के नाम
  • हेल्थ डिसीज़

कई गंभीर मरीजों की जान बचा सकती है सीपीआर (CPR) तकनीक, डॉक्टर से जानें इसे करने का सही तरीका

Satish Singh

  • Written by : Satish Singh
  • Updated at: Sep 14, 2021 16:56 IST

कई गंभीर मरीजों की जान बचा सकती है सीपीआर (CPR) तकनीक, डॉक्टर से जानें इसे करने का सही तरीका

अस्पताल के बाहर भी बचा सकते हैं जान

डॉ. संतोष बताते हैं कि वैसा व्यक्ति जो सीपीआर यानि कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन (Cardiopulmonary resuscitation) की प्रक्रिया में ट्रेंड है वो अस्पताल ही नहीं अस्पताल के बाहर भी किसी भी जरूरतमंद की जान बचा सकता है। क्योंकि कार्डिएक अरेस्ट किसी को कहीं भी आ सकता है। हार्ट अटैक, बिजली का करंट लगने से या फिर पानी में डूबने की वजह से किसी की हृदय की गति रूक गई हो। ऐसे में इस तकनीक को आजमाकर आम व्यक्ति भी मेडिकल एक्सपर्ट की तरह दूसरों की जान बचा सकता है। क्योंकि कई केस में हम यह देखते हैं कि यदि किसी को तुरंत इमरजेंसी में मेडिकल ट्रीटमेंट न दिया जाए तो उसकी जान चली जाती है। ऐसा पानी से डूबने या करंट, हार्ट अटैक के केस में ज्यादा होता है। ऐसे मरीजों को सीपीआर देकर उनकी जान बचाई जा सकती है। 

Cardiopulmonary resuscitation

स्टेप बाई स्टेप जानें कैसे दिया जाता है सीपीआर

1. पल्स चल रहा है या नहीं यह पता कर लें,  इन चेकलिस्ट को ध्यान दें.

  • मरीज सांस ले रहा है या नहीं देखें
  • इमरजेंसी सेवा के लिए फोन करें, एंबुलेंस बुलाएं
  • सीपीआर देना शुरू करें

2. मरीज को रिस्पांस करने के लिए उससे बातें करें

3. कोई भी दे सकता है कार्डिएक मसाज.

डॉक्टर बताते हैं कि छोटी कद कांठी का व्यक्ति भी किसी भारी भरकम बाडी बिल्डर की तुलना में अच्छा मसाज दे सकता है। इसलिए इमरजेंसी के समय में बिना समय गंवाए कार्डिएक मसाज को शुरू कर देना चाहिए । जरूरी यह है कि आपकी टेक्निक सही होनी चाहिए। यदि आप सही टेक्निक से इसे करेंगे तो नतीजे भी आपको साफ तौर पर दिखाई देंगे। यदि आप अकेले हैं और सही हाथों व मुंह की मदद से सही तकनीक से सीपीआर दे रहे हैं तो 20 मिनटों तक देते रहें इस बीच आप एंबुलेंस में मरीज को अस्पताल ले जाते रहें। 

4. यदि आप सिंगल रेस्कुअर हैं तो 30 बार दें कार्डिएक कंप्रेशन

ऐसे दें कार्डिएक कंप्रेशन.

  • हाथों को सीधे 90 डिग्री पर रखें, ध्यान रहे कोहनियां मुड़ी हुई न हो
  • पंजे के ऊपर दूसरा हाथ रखकर मजबूती से पकड़ बनाए
  • फिर कंप्रेस करें यह पांच सेंटीमीटर तक कंप्रेशन जरूरी होता है, इस दौरान आप गिनती भी करते रहें 
  • इस प्रक्रिया को तबतक करें जब तक आप 30 कंप्रेशन न कर लें

Cardiopulmonary resuscitation Steps

5. माउथ टू माउथ वेंटीलेशन करें

ऐसे करें माउथ टू माउथ वेंटीलेशन की प्रक्रिया.

  • सांस देने के पहले खुद गहरी सांस लें व रोकें
  • मरीज की नाक को अपनी अंगुलियों से बंद करें
  • इसे करते वक्त शर्माएं नहीं
  • आपको मरीज के मुंह में फूकना नहीं है, बल्कि लंग्स तक ऑक्सीजन पहुंचाना है
  • मरीज के मुंह से मुंह सटाकर पूरा ऑक्सीजन उसके मुंह में डालें ताकि वो सीधे लंग्स तक पहुंचे
  • अब आप देखें फिर छाती के बीचोंबीच हाथों से कंप्रेशन देने वाली प्रक्रिया को दोहराएं ऐसा 30 बार कंप्रेशन देने के बाद फिर माउथ टू माउथ वेंटीलेशन दें
  • कंप्रेशन फिर वेंटीलेशन, कंप्रेशन फिर वेंटीलेशन की प्रक्रिया को पांच मिनटों तक दोहराएं
  • आप ब्रेक ले भी रहे हैं तो पांच से 10 सेकंड तक ब्रेक न लें

इस प्रक्रिया को आजमाकर बचा सकते हैं जान

इस पूरे प्रक्रिया को आजमाकर मरीज की जान बचाई जा सकती है। आज के समय में अस्पतालों के साथ सेना में, स्कूलों में, कॉलेजों में स्टूडेंट्स को प्रशिक्षण दिया जाता है। ताकि जरूरत के समय में किसी को सीपीआर की आवश्यकता हो तो उसकी जान बचाई जा सके। डॉक्टर हर समय हर जगह पर नहीं हो सकता। लेकिन इमरजेंसी के समय में सीपीआर को आम व्यक्ति भी आसानी से दे सकता है। यदि सही टेक्निक से किसी जरूरतमंद मरीज को सीपीआर दिया जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है।

पेट (पाचनतंत्र) कितना स्वस्थ है बताती है आपकी जीभ, इन 7 संकेतों से पहचानें पेट की समस्याएं

इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।

  • # Cardiopulmonary resuscitation
  • # CPR Steps
  • # CPR means
  • # Doctor Verified
  • # सीपीआर प्रक्रिया
  • # सीपीआर स्टेप्स
  • # डॉक्टर की राय

You are currently viewing CPR क्या होता है? कब देना चाहिए और देते समय कुछ जरूरी बातें

CPR क्या होता है? कब देना चाहिए और देते समय कुछ जरूरी बातें

    आपने कई बार देख होगा कि इमरजेंसी में मरीज़ की जान बचाने और ह्रदय गति को सामान्य करने के लिए डॉक्टर सीपीआर प्रक्रिया का इस्तेमाल करते हैं। इस मेडिकल थेरेपी की मदद से ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की मदद करने के लिए आम व्यक्तियों, नर्सों और रेस्क्यू दल आदि को सीपीआर देने की पूरी ट्रेनिंग दी जाती है। यह एक आसान प्रक्रिया है जिससे अनेकों लोगों की इमरजेंसी में जान बचाई जा सकती है। अगर आप भी जानना चाहते है कि सीपीआर क्या होता है, सीपीआर का पूरा नाम क्या है (cpr full form in hindi) सीपीआर कैसे दिया जाता है और इसे किन हालातों में मरीज़ को दिया जाता है, तो यह पोस्ट आपके बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है। यहाँ इस पोस्ट में हम आपको सीपीआर से जुड़ी सभी जानकारी देने वाले है इसलिए इसे अंत तक पढ़े।

Table of Contents

सीपीआर क्या होता है ?

सीपीआर का फुलफॉर्म होता है Cardiopulmonary Resuscitation जिसका हिंदी में पूरा नाम (cpr full form in hindi) कार्डियोपल्मोनरी पुनर्जीवन होता है । यह एक तरह की मेडिकल प्रक्रिया है जो आपातकालीन स्थिति में मरीज के साथ इस्तेमाल की जाती है। इस प्रकिया से कई बार लोगों की जान बचाई गयी है। लेकिन इसे सही ढंग से करने के लिए उचित ट्रेनिंग की ज़रूरत होती है।

इसका फुल फॉर्म कई शब्दों को मिला कर बनाया गया है जैसे की Cardio का मतलब होता है दिल या हार्ट Pulmonary फेफड़ों से सम्बन्ध रखता है और Resuscitation एक मेडिकल में उपयोग होने वाला शब्द होता है जिसका मतलब होता फिर से जीवित करना

सीपीआर का उपयोग मेडिकल में इमरजेंसी में जीवन को बचाने का एक बेहतरीन और सबसे अच्छा तरीका होता है। इसका उपयोग डॉक्टरों या फिर पूर्णरूप से प्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा किया जाता है

डॉक्टर्स के अलावा नर्स और रेस्क्यू दल को सीपीआर की ट्रेनिंग दी जाती है। इसका अधिकतर इस्तेमाल अचानक सांस न ले पाने , ह्रदय गति रुक जाने की स्थिति में किया जाता है इसके आलावा इसे करंट लगने पर या पानी में डूबने जैसे स्थिति में भी सीपीआर देकर मरीज़ की स्थिति को सामान्य किया जा सकता है।   

सीपीआर कैसे देते है ?

सीपीआर देने की प्रक्रिया थोड़ी मुश्किल होती है और इसे करने के लिए व्यक्ति को सही प्रशिक्षण और हिम्मत की जरुरत होती है ।  इस प्रक्रिया में व्यक्ति को मरीज़ की नाक को बंद कर के छाती को बार-बार दबाते हुए , मरीज़ के मुँह में अपने मुँह से सांस देता होता है। एक साल से कम के बच्चों और व्यस्क लोगों को सीपीआर देने की प्रक्रिया अलग-अलग होती है।

अगर आपके आस पास , कही भी किसी तरह कि मेडिकल इमरजेंसी होती है और एम्बुलेंस को आने में समय लग रहा है तो मरीज़ की जान बचने के लिए इसे प्रारम्भिक चिकित्सा के रूप में मरीज को सीपीआर देना चाहिए। अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि सीपीआर कैसे देना चाहिए और इसका सही तरीका क्या होता है तो आइये हम आपको इसका तरीका बताते हैं।    

छाती दबाकर सीपीआर देने का तरीका 

  • सबसे पहले मरीज़ को समतल जगह पर लिटा दें और खुद उसके नज़दीक घुटनों के बल बैठें।
  • अब आप अपने दोनों हाथों को एक दूसरे के ऊपर रखते हुए उंगलियों को आपस में फंसा कर लॉक कर लें।
  • फिर मरीज़ के हार्ट के पास छाती के बीच में थोड़ा नीचे की तरफ आपको अपने शरीर का भार डालते हुए पूरी ताकत के साथ 2 इंच तक ज़ोर से दबाना है।
  • इस तरह से आपको एक मिनट में तकरीबन 120 बार छाती पर दबाव डालना है और छोड़ना है।
  • ऐसा आपको लगातार लगभग 30 बार बहुत जल्दी-जल्दी करना होगा ताकि हार्ट में खून की दौड़ान जल्दी सामान्य हो सके ।
  • जैसे ही आपको मरीज़ की नब्ज़ महसूस हो, उसके सिर को पीछे की ओर झुका दें ताकि उसकी सांस की नली खुल जाए और उसमें ऑक्सीजन का प्रवाह होने लगे ।
  • अगर ऑक्सीजन पंप आपके पास मौजूद है तो आप उसे फ़ौरन मरीज़ को लगा दें। अगर नहीं है तो स्वयं मरीज के मुंह में अपने मुंह से ऑक्सीजन दें।

मुँह से सांस देकर सीपीआर देने का तरीका 

  • मुँह से ऑक्सीजन देने यानि सांस देने के दो तरीके होते हैं। अपने मुँह से मरीज़ के मुँह में सीधे ऑक्सीजन पहुँचाना या फिर अपने मुँह से उसकी नाक में सांस देकर लंग्स में ऑक्सीजन देना। मरीज़ स्थिति के अनुसार आप कोई भी तरीका चुन सकते हैं।
  • सबसे पहले मरीज़ को समतल जगह पर लिटा दें और खुद उसके नज़दीक घुटनों के बल बैठ जाएं।
  • अब मरीज़ के मुँह को थोड़ा ऊँचा कर लें और सिर पीछे की ओर दें ताकि सांस की नली पूरी तरह से खुल जाए।
  • फिर मरीज़ की नाक को अपनी उँगलियों से दबा कर बंद कर दें ताकि जब आप सांस दें तो वह बाहर न निकल जाए।
  • अब आप पूरी सांस भर कर लगातार 2 बार सांस दें और ध्यान दें कि मरीज़ का सीना फूल रहा है या नहीं।
  • अगर आपके सांस देने से मरीज़ का सीना उठ रहा है तो छाती को दबा कर सीपीआर प्रक्रिया करें।
  • ये प्रक्रिया आपको तब तक जारी रखनी है जब तक आपको मरीज़ में कुछ हरकत महसूस न हो या उसकी नब्ज़ चलने न लगे।
  • मरीज़ की जान बचाने के लिए आपको ऑक्सीजन देने और सीने को दबाने के काम को सही तरीके से करते रहना है।

छोटे बच्चो को सीपीआर देने का तरीका 

  • सबसे पहले बच्चे की हालत को समझें और अगर वो बेहोश हो गया है तो सीपीआर दें।  
  • बच्चे को समतल और सुरक्षित जगह पर लिटा दें, उसे ज़्यादा हिलाएं नहीं।  
  • फिर अपनी दो उँगलियों से उसकी छाती को 30 बार 1.5 इंच तक दबाएं और छोड़ें।  
  • फिर उसके मुँह में अपने मुँह से सांस दें।
  • यही प्रक्रिया बार बार दोहराएं जब तक डॉक्टर और एक्सपर्ट टीम का सपोर्ट न मिले या बच्चे की स्थिति सुधर न जाए।  

याद रखें कि सीपीआर देने पर मरीज़ की हालत ठीक हो जाए तो भी उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं और जाँच कराएं।   

सीपीआर कब देना चाहिए ?

अभी तक आपने जाना की सीपीआर क्या होता है , सीपीआर फुल फॉर्म क्या है (cpr full form in hindi) . लेकिन क्या आपको पता है सीपीआर हार्ट अटैक के अलावा अन्य स्थितियों में किस तरह मददगार साबित होता है और इससे व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। निम्नलिखित हालतों में मरीज़ को सीपीआर देना कारगर होता है।  

हार्ट अटैक आने पर – हार्ट अटैक की स्थिति में सीपीआर व्यक्ति की जान बचा सकता है। यदि व्यक्ति को अचनाक हार्ड अटैक या साँस लेने में तकलीफ होने पर प्रांरभिक उपचार के रूप में सीपीआर करना चाहिए।  

  बेहोश होने पर – यदि कोई व्यक्ति अचानक बेहोश हो गया है और उसे साँस लेने में तकलीफ महसूस हो रही है तो स्थित को समझते हुए सीपीआर दिया जा सकता है। अगर व्यक्ति होश में नहीं है तो डिफीब्रिलेटर से व्यक्ति के हार्ट को करंट का झटका देंकर सीपीआर दें यह कार्य मुख्यतः डॉक्टर , नर्स या एक्सपर्ट टीम के द्वारा दिया जाता है।  

करंट लगने पर – व्यक्ति को हाई वाल्ट का करंट लग जाता है तो ब्लड और हार्ट रेट औसत से अधिक बड़ जाती है ऐसी स्थिति में व्यक्ति को हाथ लगाने से पहले करंट को बंद करें और कुछ पल रुककर , उसे होश में लाने के लिए बात करे , जोर से चिल्लाये जिससे अन्य लोग मदद के लिए आ सके , हिलाये डुलाये और यदि साँस लेने में तकलीफ हो रही है तो सीपीआर दे और तुरंत हॉस्पिटल ले जाये

धुंए के सांस रुकना –  यदि व्यक्ति किसी कारण बहुत समय तक धुएं में फस जाये तो उसके स्वसन नली में धुआँ जाने से साँस लेने में तकलीफ हो सकती है, व्यक्ति बेहोश हो सकता है। इस तरह की स्थित में व्यक्ति को होश में लाने का प्रयास करे और स्थित को जांचते हुए सीपीआर की मदद दे

पानी से डूबे व्यक्ति को : जब कभी व्यक्ति पानी में डूबने से बचा लिया जाता है तो उसके स्वसन नलिका , लंग्स में पानी भर जाता है जिससे उसे साँस लेने में तकलीफ होती है। पानी में डूबे व्यक्ती को बहार सुरक्षित और समतल स्थान पर लेकर छाती दबा कर और मुँह से साँस देकर सीपीआर देने की कोशिश करना चाहिए।

सीपीआर देने से पहले जाँच करें

सीपीआर देने से पहले आपको जांच कर लेनी चाहिए कि सीपीआर देना उपयुक्त है या नहीं। निम्नलिखित हालातों में आप मरीज़ को सीपीआर दे सकते हैं।  

  • सबसे पहले मरीज़ की नब्ज़ चेक करें। 
  • अगर व्यक्ति एक्सीडेंट का शिकार हुआ है तो सबसे पहले ध्यान दें कि व्यक्ति होश में या नहीं और सीपीआर लेने के लिए छाती और मुँह में चोट न लगी हो।
  • अगर व्यक्ति बेहोश है तो उसे हिलाएं और आवाज़ दें। इस तरह उसे थोड़ा होश में लाने की कोशिश करें।  
  • हिलाने और आवाज देने पर व्यक्ति कुछ हरकत में न आए तो सबसे पहले एम्बुलेंस और फ़ैमिली को कांटेक्ट करे। 
  • डिफीब्रिलेटर मिल जाने पर व्यक्ति को करंट का झटका दें और सीपीआर देने की प्रक्रिया शुरू करें।  
  • एम्बुलेंस आने तक या व्यक्ति के होश में आने तक सीपीआर देते रहे।

सीपीआर देने के लिए आपको हिम्मत , मरीज की सही और सामान्य स्थित , सुरक्षित स्थान को ध्यान में रखते हुए करना है। सीपीआर देने के लिए व्यक्ति को सही प्रशिक्षण होना चाहिए , सीपीआर देने वाले को सही प्रशिक्षण न होने पर मरीज को अधिक नुकसान और उसकी जान भी जा सकती है जिसका कथित इलजाम सीपीआर देने वाले पर आ सकता है। सीपीआर एक प्रकार का मेडिकल क्षेत्र इस्तेमाल किया जाने वाला प्रारंभिक उपचार है

उम्मीद करते हैं कि इस पोस्ट से आपके सभी सवाल जैसे की सीपीआर फुल फॉर्म (cpr full form in hindi) , सीपीआर क्या है, कैसे और कब देना चाहिए मिल गयी होगी तो अब अगर कभी आपके सामने ऐसी इमरजेंसी की स्थिति आती है तो मानवता दिखाएं और मरीज़ की जान बचाने के लिए आप सीपीआर देने की कोशिश कर सकते है ।

  • वायु प्रदुषण क्या है , दुष्परिणाम और बचाव
  • लोगो से बातचीत करने का सही तरीका क्या होना चाहिए
  • 1000 हज़ार में सबसे अच्छे स्मार्टफोन
  • Out Patient Department क्या होता है और OPD में रोगियों के प्रकार
  • 10 तरीके जिससे आप सबसे अच्छा और महँगा राइटर बन सकते
  • WhatsApp से पैसे कमाने के 14 नए और आसान तरीक़े
  • Facebook से Paise कमाने के 10 सबसे आसान तरीके
  • बैंक में नौकरी के लिए बेस्ट कंप्यूटर कोर्स
  • ChatGPT क्या है? किसने बनाया , कैसे काम करता है और इस्तेमाल कैसे करे

Please Share This Share this content

  • Opens in a new window

Post author avatar

You Might Also Like

Read more about the article IFSC Full Form क्या होता है और किसी भी बैंक का IFSC कोड कैसे पता करें

IFSC Full Form क्या होता है और किसी भी बैंक का IFSC कोड कैसे पता करें

Read more about the article HR क्या होता है इसके कार्य और योग्यताये के बारे में  जाने

HR क्या होता है इसके कार्य और योग्यताये के बारे में जाने

Read more about the article शेयर मार्केट  क्या है इसमें कैसे सीखे और  इन्वेस्ट कैरे

शेयर मार्केट क्या है इसमें कैसे सीखे और इन्वेस्ट कैरे

Leave a reply cancel reply.

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

प्राथमिक चिकित्सा की पूरी जानकारी हिन्दी में First Aid in Hindi (Complete Guide)

प्राथमिक चिकित्सा की पूरी जानकारी हिन्दी में First Aid in Hindi (Complete Guide)

इस लेख में आप प्राथमिक चिकित्सा की पूरी जानकारी हिन्दी में (First Aid in Hindi) प्राप्त कर सकते हैं। इसमें हमने फर्स्ट ऐड के नियम, उद्देश्य, सिद्धांत, फर्स्ट ऐड किट, ज़रूरी दवाईयों की मूल जानकारी दी है।

Table of Content

फर्स्ट ऐड ट्रेनिंग Introduction

अगर आप प्राथमिक चिकित्सा के लिए किताब (First Aid Book) ढूंढ रहे हैं तो यह आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है। इस अनुच्छेद में हमने कई प्रकार के परिस्तिथि में प्राथमिक चिकित्सा के उपचार (First Aid Treatment) बताये हैं जैसे – कट जाने या चोट लगने पर, हड्डी में फ्रैक्चर होने पर, करंट लगने पर, आग से जल जाने पर, और कुत्ते के काटने पर दुर्घटना क्षेत्र पर क्या करें? यह BFNA Course का भी एक मुख्य भाग है।

प्राथमिक चिकित्सा की परिभाषा क्या है ? What is Definition of First Aid in Hindi?

इमरजेंसी के समय क्या करना चाहिए उससे ज्यादा महत्वपूर्ण यह जानना  है कि क्या नहीं करना चाहिए? क्योंकि,गलत चिकित्सा से उस व्यक्ति विशेष की जान जाने का खतरा बढ़ सकता है।

प्राथमिक चिकित्सा के उदेश्य Aim of First Aid in Hindi

प्राथमिक चिकित्सा के स्वर्ण नियम golden rules of first aid in hindi, प्राथमिक चिकित्सा के सिद्धांत principle of first aid in hindi, प्राथमिक चिकित्सा में abc क्या है ‘abc’ of first aid in hindi, 1. a (airway) श्वासनली की जाँच.

श्वासनली की जाँच करने के लिए सबसे पहले अपनी उँगलियों की मदद से जीभ को उसकी जगह पर खिंच लायें। आप उसके पश्चात यह सुनिश्चित कर लें की श्वासनली में किसी भी प्रकार का रुकाव ना हो।

2. B (Breathing) सांस की जाँच

3. c (circulation) रक्तसंचार की जाँच.

इसमें एक बार मुहँ से हवा देने बाद मरीज़ के दिल के ऊपर एक हाँथ के ऊपर दूसरा हाँथ रख कर ज़ोर-ज़ोर से चार बार दबाएँ। जब तक घायल व्यक्ति अपने आप सांस नहीं लेता।  यह काम दो व्यक्ति होने पर और भी सही प्रकार से होता है क्योंकि इससे एक व्यक्ति Mouth to Mouth Respiration करता है तो दूसरा Cardiopulmonary Resuscitation(CPR) करता है।

प्राथमिक चिकित्सा के समय इन्फेक्शन से कैसे बचें? How to protect yourself from infection during giving First Aid in Hindi?

प्राथमिक चिकित्सा की पेटी what is first aid kit in hindi.

आईये आपको बताते हैं प्राथमिक चिकित्सा की पेटी (First Aid Kit) में किन चीजों का होना बहुत ही आवश्यक है।

1. श्वासनली की जाँच, साँस से जुडी और रक्तसंचार के जाँच के लिए प्राथमिक चिकित्सा पेटी सामग्री  Airway, Breathing and Circulation Equipment Kit

घरेलु प्राथमिक चिकित्सा के किट या पेटी में ये चीजें भी होनी चाहिए : स्पिरिट या अल्कोहल, बैंड ऐड, रुई, रुई के स्वब, आयोडीन लोशन, बैंडेज, H2O2 हाइड्रोजन पेरोक्साइड।

2. आघात या चोटों के लिए पेटी सामग्री  Trauma injuries Kit

3. प्राथमिक चिकित्सा किट के लिए ज़रूरी दवाइयाँ important medicines to keep in first aid box.

प्राथमिक चिकत्सा किट में कुछ जरूरी दवाइयाँ भी होनी चाहिए, जैसे –

प्राथमिक चिकित्सा के प्रकार उपचार सहित Types of First Aid with Treatment in Hindi

1. घाव या चोट लगने पर प्राथमिक चिकित्सा first aid for injury and bleeding in hindi, 2. हड्डी टूटने पर प्राथमिक चिकित्सा first aid for fracture (broken bone) in hindi, हड्डी के टूटने के लक्षण, हड्डी टूटने पर प्राथमिक चिकित्सा के स्टेप्स, 3. करंट (बिजली का झटका) लगने पर प्राथमिक चिकित्सा first aid for electric shock in hindi.

इलेक्ट्रिक शॉक के लगने पर खतरा कर्रेंट के वोल्टेज के हिसाब से होता है । इलेक्ट्रिक शॉक इतना खतरनाक हो सकता है कि इसमें अंदरूनी शारीर जल भी सकता है। यह पूरी तरीके से जानलेवा है।

इलेक्ट्रिक शॉक लगने पर इस प्रकार के लक्षण आप देख सकते हैं

इलेक्ट्रिक शॉक लगने पर प्राथमिक चिकित्सा के स्टेप्स, 4. जल जाने पर प्राथमिक चिकित्सा first aid for burn in hindi, जल जाने पर प्राथमिक चिकित्सा के स्टेप्स.

सेकंड डिग्री बर्न होने पर प्राथमिक चिकित्सा कैसे करें?

5. सांप काटने पर प्राथमिक चिकित्सा First Aid for Snake Bite in Hindi

जहरीले सांप के काटने पर लक्षण सांप की प्रजाति के अनुसार होता है। कोबरा या  क्रेट प्रजाति के सांप के काटने पर न्यूरोलॉजिकल/मस्तिक्ष सम्बन्धी लक्षण दीखते हैं जबकि वाईपर के काटने पर रक्त वाहिकाएं नस्ट हो जाती हैं।

सांप काटने पर लक्षण

सांप के काटने पर प्राथमिक चिकित्सा के स्टेप्स, 6. कुत्ते के काटने पर प्राथमिक चिकित्सा first aid for dog bite in hindi, कुत्ते के काटने पर प्राथमिक चिकित्सा के स्टेप्स.

Shri. Ratnakara Sahu, Ex-AMC(Army Medical Core) for Helping me for Writing this Post

cpr assignment in hindi

Similar Posts

गर्मियों में स्वस्थ रहने के लिए 10 टिप्स best summer tips for health in hindi, चेचक के लिए रोकथाम लक्षण कारण उपचार chickenpox prevention symptom cause treatment in hindi, घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे करें how to use prega news kit in hindi for doing pregnancy test, महत्वपूर्ण एक्यूप्रेशर पॉइंट्स important acupressure points in hindi, छाछ पीने के फायदे और नुकसान buttermilk health benefits side-effects in hindi, सूर्य नमस्कार, फायदा और कैसे करे surya namaskar benefits and steps in hindi, leave a reply cancel reply, 40 comments.

cpr assignment in hindi

45,000+ students realised their study abroad dream with us. Take the first step today

Here’s your new year gift, one app for all your, study abroad needs, start your journey, track your progress, grow with the community and so much more.

cpr assignment in hindi

Verification Code

An OTP has been sent to your registered mobile no. Please verify

cpr assignment in hindi

Thanks for your comment !

Our team will review it before it's shown to our readers.

cpr assignment in hindi

  • General Knowledge /

CPR Full Form in Hindi : जानिए सीपीआर फुल फॉर्म से जुड़ी मुख्य जानकारी  

' src=

  • Updated on  
  • फरवरी 28, 2024

CPR Full Form Hindi

सीपीआर का फुल फॉर्म कार्डियो-पल्मोनरी रिससिटेशन (Cardio-Pulmonary Resuscitation) होता है। यह एक आपातकालीन तकनीक है जिसका उपयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को दिल का दौरा या कार्डियक अरेस्ट का सामना करना पड़ता है। हृदय गति रुकना, दम घुटना, डूबना, बिजली का झटका और अन्य स्थितियाँ हृदय गति रुकने का कारण बन सकती हैं। सीपीआर प्रक्रिया में छाती को दबाना और मुंह से मुंह से सांस लेना दोनों शामिल होना चाहिए। जिसके बारे में स्टूडेंट्स को पता होना चाहिए। इसलिए आज के इस ब्लॉग में हम CPR Full Form in Hindi के बारे में जानेंगे। 

CPR Full Form in Hindi

सीपीआर का फुल फॉर्म यहाँ दिया गया है : 

सीपीआर (CPR)कार्डियो-पल्मोनरी रिससिटेशन (Cardio-Pulmonary Resuscitation)

CPR क्यों महत्वपूर्ण है?

CPR Full Form in Hindi के महत्व के बारे में यहाँ बताया गया है : 

  • जब रक्त प्रवाह रुक जाता है, तो यह शीघ्र ही मस्तिष्क क्षति या मृत्यु का कारण बन सकता है। इसलिए, पेशेवर चिकित्सा सहायता आने तक रक्त परिसंचरण और सांस को बनाए रखना महत्वपूर्ण है, और इसे सीपीआर के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।
  • प्रशिक्षित कोई भी व्यक्ति सीपीआर कर सकता है, जिसमें बाहरी छाती को दबाना और सांसों को बचाना शामिल है।
  • सीपीआर, यदि कार्डियक अरेस्ट के पहले छह मिनट के भीतर किया जाता है, तो किसी व्यक्ति को चिकित्सा उपचार मिलने तक जीवित रखा जा सकता है।
  • सीपीआर तब तक जारी रखा जाना चाहिए जब तक कि हृदय की लय सामान्य न हो जाए या व्यक्ति को मृत घोषित न कर दिया जाए।

CPR सीखने के कारण

CPR सीखने के कारण यहाँ बताए गए हैं : 

  • एक गैर-चिकित्सक व्यक्ति भी सीपीआर सीख सकता है। इस प्रक्रिया को कोई भी व्यक्ति किसी मान्यता प्राप्त संस्थान या किसी मेडिकल विशेषज्ञ से आसानी से सीख सकता है। 
  • आप अपने प्रियजनों को बचा सकते हैं, छाती को दबाने और मुंह से मुंह में सीपीआर देने का ज्ञान होने से, परिवार के किसी सदस्य को संभावित दिल के दौरे से बचाया जा सकता है। 
  • सीपीआर जानने से मस्तिष्क क्षति को रोकने में भी मदद मिल सकती है। 

 संबंधित आर्टिकल
















उम्मीद है, CPR Full Form in Hindi के बारे में आपको समझ आया होगा। फुल फॉर्म के अन्य ब्लॉग्स को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

' src=

सीखने का नया ठिकाना स्टडी अब्राॅड प्लेटफाॅर्म Leverage Edu. खुशी को 1 वर्ष का अनुभव है। पूर्व में वह न्यूज टुडे नेटर्वक, जागृत जनता न्यूज (JJN) में कंटेंट राइटर और स्क्रिप्ट राइटर रह चुकी हैं। खुशी ने पत्रकारिता में स्नातक कंप्लीट किया है। उन्हें एजुकेशनल ब्लाॅग्स लिखने के अलावा रिसर्च बेस्ड स्टोरीज करना पसंद हैं।

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

अगली बार जब मैं टिप्पणी करूँ, तो इस ब्राउज़र में मेरा नाम, ईमेल और वेबसाइट सहेजें।

Contact no. *

browse success stories

Leaving already?

8 Universities with higher ROI than IITs and IIMs

Grab this one-time opportunity to download this ebook

Connect With Us

45,000+ students realised their study abroad dream with us. take the first step today..

cpr assignment in hindi

Resend OTP in

cpr assignment in hindi

Need help with?

Study abroad.

UK, Canada, US & More

IELTS, GRE, GMAT & More

Scholarship, Loans & Forex

Country Preference

New Zealand

Which English test are you planning to take?

Which academic test are you planning to take.

Not Sure yet

When are you planning to take the exam?

Already booked my exam slot

Within 2 Months

Want to learn about the test

Which Degree do you wish to pursue?

When do you want to start studying abroad.

September 2024

January 2025

What is your budget to study abroad?

cpr assignment in hindi

How would you describe this article ?

Please rate this article

We would like to hear more.

Hindi Grammar

cpr assignment in hindi

How To Give Cpr Step By Step

How To Give Cpr Step By Step: CPR, or cardiopulmonary resuscitation, is an emergency first aid technique that is a combination of chest compressions and artificial ventilation (mouth-to-mouth). It is a life-saving procedure that can help keep someone’s blood flowing after their heart stops beating, as well as double or triple the chances of survival after cardiac arrest.

The American Heart Association (AHA) recommends the use of the letters CAB to help you remember the order of CPR steps:

According to the American Red Cross, here are the 7 steps for performing CPR:

  • Assess the situation
  • Make sure the person is on a firm surface
  • Tap the person on the shoulder and confirm that they need help.
  • Call for help
  • Look for someone who can get an automated external defibrillator (AED) if available at the nearest emergency medical care center.
  • If there is no AED available, stay with the victim and call 911.
  • Open the airway
  • Lay the person on their back, and tilt their head back to lift their chin.
  • Remove any obvious blockages in the mouth or nose, such as vomit, blood, food, or loose teeth.
  • Check for breathing
  • Listen carefully for breathing sounds for at least 10 seconds (except for occasional gasping sounds).
  • If you cannot hear breathing sounds, begin CPR.
  • Start chest compressions
  • Kneel next to the person’s neck and shoulders.
  • Position both of your hands (lower palms) on top of each other in the middle of the person’s chest.
  • Compress (push straight down) the chest at least 2 inches (5 cm) but no more than 2.4 inches (6 cm).
  • Use your entire body weight (not just your arms) to deliver pressure at a rate of at least 100 compressions per minute.
  • Push hard and fast.
  • Allow a few seconds after each push so that the chest springs back.
  • Deliver rescue breaths
  • Tilt the person’s head back, lift their chin, pinch their nose shut, and place your mouth over their mouth to make a complete seal.
  • After mouth-to-mouth contact, blow to make the person’s chest rise.
  • If the chest rises, deliver a second breath.
  • Deliver at least two rescue breaths first, then continue compressions.
  • Continue CPR steps
  • Continue with the chest compressions cycles and breathing until:
  • The person exhibits signs of life, such as breathing or movement.
  • An AED becomes available.
  • Emergency medical services or a trained medical responder arrives on the scene and takes over.

What is the most common reason CPR is needed?

CPR is needed if a person is unconscious, not breathing, or breathing abnormally

Critical components of a high-quality CPR include the following

–Minimize interruptions in chest compressions -Provide chest compressions of adequate depth and rate -Do not lean on the victim between compressions -Ensure proper hand placement -Avoid excessive ventilation

Important link

Thanks for visiting this useful post, Stay connected with us for more Posts. Visit every day for the latest offers of various brands and other technology updates.

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed .

IMAGES

  1. How to do CPR

    cpr assignment in hindi

  2. CPR training in hindi।। CPR कैसे देते है। cardio pulmonary resuscitation 2019

    cpr assignment in hindi

  3. Cardiopulmonary Resuscitation || Part-1 || Basic Life Support || CPR in Hindi || Knowledge Sathi

    cpr assignment in hindi

  4. Learn CPR

    cpr assignment in hindi

  5. Neonatal CPR ( Cardiopulmonary Resuscitation ) in Hindi

    cpr assignment in hindi

  6. CBSE Class 12 Yoga

    cpr assignment in hindi

VIDEO

  1. Basic First Aid Part

  2. CPR module || wait till end😂 #shorts

  3. Assignment on CPR in Pregnancy. ........B.Sc. Nursing 2nd semester

  4. Explanation of how CPR works in Hindi: #shorts

  5. CPR (Cardiopulmonary resuscitation )in hindi # By dr kapinder yadav #

  6. How to Perform CPR!

COMMENTS

  1. सीपीआर क्या है और Cpr देने के दौरान किन-किन बातों का रखें ध्यान

    सीपीआर क्या है और CPR देने के दौरान किन-किन बातों का रखें ध्यान - हैलो स्वास्थ्य. अच्छी आदतें फर्स्ट एड/ प्राथमिक चिकित्सा.

  2. CPR Technique in Hindi: क्या है सीपीआर तकनीक, कार्डियक अरेस्ट में

    CPR Technique, क्या है सीपीआर तकनीक, कार्डियक अरेस्ट होने पर सीपीआर देना का तरीका, What ...

  3. सीपीआर क्या है और कैसे देते हैं

    सीपीआर का मतलब है कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन। यह भी एक तरह की ...

  4. CPR in Hindi:सीपीआर क्या है और ...

    1. सीपीआर क्या होता है:What is CPR-CPR in Hindi. 2. सीपीआर कब देना चाहिए:When should CPR be given. 3. दिल का दौरा या कार्डीऐक अरेस्ट में:CPR in heart attack. 4. बिजली का झटका या किसी भी ...

  5. CPR Cardiopulmonary Resuscitation in Hindi || DR ABC Process

    #hsestudyguide

  6. How to Give CPR

    How to Give CPR | Cardiopulmonary Resuscitation | CPR in Hindi (कैसे देते हैं सीपीआर) ScienceGenomeCardiopulmonary resuscitation (CPR) in Hindi | कैसे ...

  7. सीपीआर क्या है?

    Cardiopulmonary Resuscitation: सडन कार्डिएक अरेस्ट की स्थिति में सीपीआर देकर लोगों की जान बचाई जा सकती है. जैसा कि कई मामलों में देखने को भी मिला. क्या आप जानते हैं कि ...

  8. CPR Training In Hindi

    CPR Training In Hindi | Cardiopulmonary Resuscitation In Hindi | How To Give CPR | Life Support | Hello Friend,I'm sarla Om Dewangan Register NurseWelcome to...

  9. प्राथमिक चिकित्सा

    प्राथमिक चिकित्सा - First Aid in hindi. ... सामान्य चोट के लिए पट्टी करना से लेकर सीपीआर (CPR) देने की प्रक्रिया तक शामिल हो सकती हैं। हर व्यक्ति को ...

  10. Cpr और Bls में क्या अंतर है?

    हालाँकि, cpr का प्रदर्शन किसी व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि आपने किसी व्यक्ति को पार्क में घुसते हुए देखा है, तो पहला कदम जिसके बारे ...

  11. First AID in hindi

    First AID in hindi - Download as a PDF or view online for free ... Key skills include CPR, splinting, and wound treatment. A first aid kit should contain dressings, bandages, gloves, and other supplies. The principles of first aid are to preserve life, prevent further injury, promote recovery, take immediate action, and call for help. ...

  12. Cardiac Arrest in Hindi: कार्डियक अरेस्ट के लक्षण, कारण और सीपीआर

    Cardiac Arrest in Hindi, कार्डियक अरेस्ट के लक्षण, कारण और सीपीआर ट्रीटमेंट से इलाज, CPR in cardiac ...

  13. कई गंभीर मरीजों की जान बचा सकती है सीपीआर (Cpr) तकनीक, डॉक्टर से जानें

    कई गंभीर मरीजों की जान बचा सकती है सीपीआर (cpr) तकनीक, डॉक्टर से जानें इसे करने ...

  14. Cpr क्या होता है? कब देना चाहिए और देते समय कुछ जरूरी बातें

    उम्मीद करते हैं कि इस पोस्ट से आपके सभी सवाल जैसे की सीपीआर फुल फॉर्म (cpr full form in hindi) , सीपीआर क्या है, कैसे और कब देना चाहिए मिल गयी होगी तो ...

  15. How to do CPR

    Do you know how to save a life with CPR? Watch this video to learn the basics of cardiopulmonary resuscitation in Hindi, and the DR ABC process to follow in an emergency. This video is part of the ...

  16. अभी CPR सिख लें / How to do CPR animation (Hindi) on Vimeo

    Learn CPR right now. Watch this short animation in Hindi so you know how to help someone who has collapsed and stopped breathing normally. Without quick action, the person will die. By learning CPR and using your skills in an emergency, you'll give someone who has had a cardiac arrest their best chance of survival.

  17. CPR

    115 likes • 84,598 views. Abhay Rajpoot. Cardiopulmonary resuscitation (CPR) is a procedure to support and maintain breathing and circulation for an infant, child, or adolescent who has stopped breathing (respiratory arrest) and/or whose heart has stopped (cardiac arrest). Education. 1 of 21. CPR - Download as a PDF or view online for free.

  18. Cardiopulmonary resuscitation ppt

    1 of 34. Download now. 1. 2. • Cardiopulmonary resuscitation (CPR) is a lifesaving technique useful in many emergencies, including heart attack or near drowning, in which someone's breathing or heartbeat has stopped. 3. 4. 5. • Cardio Pulmonary Resuscitation is a technique of basic life support for oxygenating the brain and heart until ...

  19. प्राथमिक चिकित्सा की पूरी जानकारी हिन्दी में First Aid in Hindi

    प्राथमिक चिकित्सा की पेटी/किट Kit for First Aid in Hindi. 1. श्वासनली की जाँच, साँस से जुडी और रक्तसंचार के जाँच के लिए प्राथमिक चिकित्सा पेटी सामग्री ...

  20. CPR Full Form in Hindi

    CPR Full Form in Hindi के महत्व के बारे में यहाँ बताया गया है : जब रक्त प्रवाह रुक जाता है, तो यह शीघ्र ही मस्तिष्क क्षति या मृत्यु का कारण बन सकता है ...

  21. CPR training in hindi।। CPR कैसे देते है। cardio pulmonary

    #Cardiopulmonary resuscitation (CPR) is an emergency procedure that combines chest compressions often with artificial ventilation in an effort to manually pr...

  22. PDF ISA Cardiopulmonary Resuscitation Guidelines

    A Cardiopulmonary Resuscitation GuidelinesFirst Indian CPR Guidelines formulated by ISA has been published in November issue of peer reviewed I. xed Journal Indian Journal of Anaesthesia. These contain three se. arate stand alone guidelines related to CPR.Compression-only Life Support (COLS ) for cardiopulmonary resu.

  23. How To Give Cpr Step By Step

    How To Give Cpr Step By Step: CPR, or cardiopulmonary resuscitation, is an emergency first aid technique that is a combination of chest compressions and artificial ventilation (mouth-to-mouth).It is a life-saving procedure that can help keep someone's blood flowing after their heart stops beating, as well as double or triple the chances of survival after cardiac arrest.