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एपीजे अब्दुल कलाम पर भाषण

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, जिन्हें ‘मिसाइल मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से भी जाना जाता है, उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। डॉ. कलाम का जीवन कई लोगों के लिए विशेष रूप से युवा छात्रों के लिए प्रेरणा दायक है। आपको विभिन्न अवसरों पर एपीजे अब्दुल कलाम के जीवनी पर भाषण देने की आवश्यकता पड़ सकती है, यहां कुछ भाषण आपकी सहायता के लिए दिये है।

एपीजे अब्दुल कलाम पर लम्बे तथा छोटे भाषण (Long and Short Speech on A.P.J. Abdul Kalam in Hindi)

भाषण – 1 (छोटे बच्चो के लिए छोटा भाषण).

सभी को सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, शिक्षकगण, और मेरे प्यारे दोस्तों। इस अवसर पर उपस्थित रहने के लिए मैं आप सभी का धन्यवाद करता हूं और एपीजे अब्दुल कलाम पर कुछ शब्द कहने का अवसर देने के लिए मैं अपने कक्षा शिक्षक को भी धन्यवाद देना चाहता हूं।

मैं थोड़ा उलझन में हूं कि कहां से शुरू करूं क्योंकि श्री अब्दुल कलाम एक बहुमुखी चरित्र थे। उन्होंने कभी सिनेमा में काम नहीं किया लेकिन असल जिंदगी में वे हीरो थे। इंटरनेट पर हजारों प्रेरणादायक उद्धरण हैं और वास्तव में सभी के लिए एक जीवंत प्रेरणा थी।

श्री कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उनका जन्म एक औसत परिवार में हुआ था और वो भारत के 11वां राष्ट्रपति बने। एक राष्ट्रपति के अलावा, वह एक महान वैज्ञानिक भी थे जिन्होंने भारत में मिसाइलों को पेश किया और “भारत के मिसाइल मैन” की उपाधि प्राप्त की।

वह दयालु, विनम्र, प्रतिभाशाली, मददगार, एक महान नेता आदि थे। मुझे नहीं लगता कि कोई ऐसा क्षेत्र था जिसमें वह विशेषज्ञ नहीं थे। उनका पूरा जीवन एक प्रेरणा है और सीखने के लिए बहुत कुछ है, जिस तरह से उन्होंने व्यवहार किया लोग वास्तव में उल्लेखनीय थे। वह शून्य नफरत वाले व्यक्ति थे और जब उन्होंने हमें छोड़ा तो पूरा देश रोया। मैं उनके एक सुंदर विचार के साथ अपना भाषण समाप्त करना चाहूंगा:

“हम सभी के पास समान प्रतिभा नहीं है। लेकिन, हम सभी के पास अपनी प्रतिभा को विकसित करने का समान अवसर है।”

भाषण – 2 (अब्दुल कलाम के जन्मदिन के लिए भाषण)

प्रिय दर्शको

आज 15 अक्टूबर, विश्व प्रसिद्ध ‘मिसाइल मैन ऑफ इंडिया’ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म दिवस है। वे डीआरडीओ ( रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) के सबसे प्रसिद्ध व्यक्तियों में से एक रहे और यही कारण है कि हम डीआरडीओ में उनके जन्मदिवस को बहुत उत्साह से मनाते हैं। डॉ. कलाम की पूरी जीवन यात्रा हर किसी के लिए और खासकर डीआरडीओ में काम करने वाले लोगों के लिए सदैव ही प्रेरणा दायक रहा है।

अब्दुल कलाम एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक और इंजीनियर थे। उन्होंने वर्ष 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति के रूप में भी कार्य किया। वर्ष 2002 में राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने से पहले ही, वे एक बहुत सफल और लोकप्रिय व्यक्ति थे।

डॉ. कलाम ने डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) और इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) जैसे विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों में विज्ञान प्रशासक और वैज्ञानिक के रूप में चार दशकों से अधिक समय व्यतीत किया।

डॉ. कलाम तमिलनाडु के एक बहुत साधरण दक्षिण भारतीय परिवार में पैदा हुए थे। उनके पिता नाव का निर्माण करते थे तथा तट पर काम कर रहे मछुआरों को नाव किराए पर दिया करते थे। बच्चे के रूप में, डॉ. कलाम एक बेहद होनहार छात्र थे; उनका उड़ान के प्रति आकर्षण बहुत अधिक था औऱ उसके अध्ययन के लिए उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में अपनी डिग्री प्राप्त की। हालांकि वह एक लड़ाकू पायलट में बनना चाहते थे लेकिन वे आईएएफ (भारतीय वायुसेना) द्वारा उसके लिए दक्षता प्राप्त नहीं कर पाये थे।

उसके बाद वे एक वैज्ञानिक के रूप में डीआरडीओ में शामिल हो गए और बाद में उन्हें इसरो में स्थानांतरित कर दिया गया, अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के कारण, वे अंततः तत्कालीन प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार बने। एक राष्ट्रीय सलाहकार के रूप में, उन्होंने विश्व प्रसिद्ध परमाणु परीक्षणों में पोखरण II में एक प्रमुख भूमिका निभाई।

डॉ. कलाम पीपुल्स प्रेसिडेंट के रूप में जाने जाते है, डॉ. कलाम ने एक अवधि की सेवा के बाद राष्ट्रपति पद छोड़ दिया। बाद में वे अन्ना विश्वविद्यालय में प्राचार्य बन गए और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग पढ़ाने लगे। वह एक विजिटिंग प्रोफेसर भी थे और वे अलग-अलग संस्थानों में जाके वहां के युवा छात्रों और लोगों को प्रेरित करते थे।

डॉ. कलाम की जीवन यात्रा हम सब के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत है। वे एक प्रसिद्ध राष्ट्रवादी थे और दुनिया उन्हें “मिसाइल मैन ऑफ इंडिया” के उपनाम से जानती है।

हालांकि एक व्यावहारिक मुसलमान होकर भी उन्होंने खुद को भारत की व्यापक संस्कृति में शामिल किया। अपने खाली समय में, वे भारतीय शास्त्रीय संगीत सुनते थे और हिंदू धर्म के सबसे पवित्र ग्रंथों में से एक भगवत गीता का अध्ययन करते थे।

डॉ. कलाम ने 40 से अधिक विश्वविद्यालयों से कई पुरस्कार और मानद उपाधि अर्जित की। उन्हें 1981 में पद्म भूषण पुरस्कार, वर्ष 1909 में पद्म विभूषण और भारत की रक्षा प्रौद्योगिकी का आधुनिकीकरण करने तथा उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए वर्ष 1997 में भारत ‘भारत रत्न’ का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार प्रदान किया गया। एक महान वैज्ञानिक और एक महान व्यक्तित्व होने के अलावा, वे एक उग्र लेखक भी थे। उन्होंने 1999 में अपनी आत्मकथा “विंग्स ऑफ फायर” समेत कई किताबें लिखीं, जो भारत के युवाओं के लिए प्रेरणा दायक है।

डॉ. कलाम हमेशा एक साधारण जीवन जीते थे और वह एक उदार व्यक्तित्व के व्यक्ति थे। वे भारत के गौरव के लिए सदैव कुछ न कुछ करना चाहते थे और करते भी थे। उन्होंने वर्ष 2011 में “वॉट कैन आई गीव मुवमेंट” का सृजन किया, यह एक दयालु समाज के विकास के उद्देश्य से बनाया गया था।

दिल का दौरे पड़ने के कारण डॉ. कलाम का 27 जुलाई, 2015 को निधन हो गया। अपनी आखिरी यात्रा के दौरान, वह आईआईएम (भारतीय प्रबंधन संस्थान), शिलांग में एक भाषण दे रहे थे।

जिसने राष्ट्र के सैन्य आधार को मजबूत करने और अपने बौद्धिक तथा नैतिक विचारों के माध्यम से दुनिया को प्रबुद्ध करने के लिए भारतीय राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कड़ी मेहनत की।

मुझे ऐसे महान व्यक्तित्व के बारे में बस इतना ही कहना था।

भाषण – 3 (शिक्षक द्वारा कक्षा में बोलने के लिए डॉ कलाम पर भाषण)

प्रिय छात्रो – आप सभी को सुप्रभात!

आज की कक्षा बाकी कक्षाओं से थोड़ी अलग होने जा रही है, क्योंकि आज मैं आपके पाठ्यपुस्तक से जुड़े किसी भी विषय पर चर्चा करने नहीं जा रहा हूं, बल्कि मैं आपको एक प्रतिष्ठित व्यक्ति के व्यक्तित्व के बारे में बातने जा रहा हूँ जिसकी प्रशंसा हर कोई करता है वो है हमारे आदरणीय डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जिन्हें लोग अपनी प्रेरणा मानते है और उन्हें मिसाइल मैन ऑफ इंडिया का शीर्षक भी प्रदान किया गया, वे हमारे भारत के 11वें राष्ट्रपति भी रहे, परन्तु हमे खेद है कि आज ये प्रतिष्ठित व्यक्ति हमारे बीच नहीं रहे। वे एक महान वैज्ञानिक, गहन विचारक और प्रेरक वक्ता भी थे।

हम सभी के लिए वास्तव में एक प्रेरणादायक व्यक्ति डॉ. कलाम जिन्होंने भारत के एक दूर-दराज के रामेश्वरम नामक दक्षिणी भारतीय गांव में एक बहुत ही सामान्य पृष्ठभूमि वाले परिवार में जन्म लिया था। यह वह स्थान था, जहां उन्हें एक चलती ट्रेन से फेंके जाने वाले समाचार पत्रो के बंडलों को इकट्ठा करने का पहला काम मिला। उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों को हर किसी, खासतौर से बच्चों के साथ साझा किया और बताया है कि, कैसे वे अपनी पहली कमाई और काम करने के उन दिनों को याद करके कीतना गर्व महसूस करते है।

लेकिन ये महान व्यक्ति जिसने लाखों लोगों को प्रेरित किया, उन्होंने भी कई प्रतिष्ठित लोगों से प्रेरणा ली जिनसे उन्हें भारत के मिसाइल मैन की उपाधि प्राप्त करने में मदद मिली। आइए उन व्यक्तित्वों में से एक के बारे में जानें जिन्होंने डॉ. कलाम के व्यक्तित्व को आकार देने में मदद की। सबसे पहले, इयादुराई सुलैमान जो कलाम के अध्यापक थे और जिससे कलाम को बहुत लगाव था। इयादुराई सुलैमान के सोच प्रक्रिया से कलाम बहुत प्रभावित हुए औऱ उन्होंने उन्हें एक मंत्र दिया, वह यह था कि  “जीवन में सफल होने और परिणामों को प्राप्त करने के लिए, आपको तीन शक्तिशाली शक्तियों, इच्छा, विश्वास और अपेक्षाओं को समझना चाहिए।”

इयादुराई सुलैमान वास्तव में एक महान शिक्षक थे, क्योंकि उन्होंने अपने छात्रों के व्यक्तित्व को आकार देने और उनके अन्दर आत्मनिर्भरता की भावना ढूंढने में उनकी सदैव मदद किया करते थे। उन्होंने अब्दुल कलाम को बताया कि “विश्वास के साथ, आप अपना भाग्य भी बदल सकते हैं।” यहीं से कलाम की वास्तविक यात्रा शुरू हुई औऱ उन्होंने लोगो को प्रेरणा दी और उनकी भलाई के लिए अनेक काम किए।

उन्हें इस बात पर दृढ़ विश्वास था कि, भले ही उनके माता-पिता अशिक्षित है फिर भी वह संसार में अपने कार्यो से एक अमिट छाप छोड़ सकते है। बचपन के दिनों में डॉ अब्दुल कलाम आकाश में पक्षियों को उड़ते देख उनसे बहुत ही प्रभावित रहते थे। इसके अलावा दिलचस्प बात यह भी थी कि वे रामेश्वरम से विमान यात्रा करने वाले पहले व्यक्ति बने।

कई सालों बाद जब अब्दुल कलाम मदुरै कामराज विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के कार्यक्रम में गये तो उन्होंने अपने सबसे पसंदीदा शिक्षक रेव इयादुराई सुलैमान को मंच पर देखा। जब उन्होंने अपना भाषण समाप्त किया तो, डॉ अब्दुल कलाम उनके आगे सिर झुकाया और कहा, “सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पुरे हो जाते हैं”।

उसके शिक्षक ने बदले में उनसे दबे हुए स्वर में कहा, “आपने न केवल अपने लक्ष्यों को प्राप्त किया है, कलाम, बल्कि आपने उन्हें ग्रहण किया है”। डॉ कलाम ने हर काम में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और अपने कार्यो से न केवल अपने शिक्षक बल्कि पूरे देश को गर्व महसूस कराया। इसलिए छात्रों आप सभी उनके द्वारा बताये गये नक्शेकदम का पालन करे और ईमानदारी से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में कार्य करे।

भाषण – 4 (शिक्षक दिवस पर बोलने के लिए अब्दुल कलाम पर भाषण)

आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षकगण और मेरे प्रिय छात्रों!

आज 5 सितंबर है और हर साल की तरह हम शिक्षक दिवस मनाने के लिए यहां इकट्ठे हुए हैं। इस अवसर पर इस कार्यक्रम की मेजबानी करते हुए मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूँ। आज शिक्षक दिवस के दिन, मैं उन महान व्यक्तित्वों में से एक के बारे में बात करना चाहता हूं। जो है डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, जिनकी मैं सदैव प्रशंसा करता हूं औऱ मुझे यकीन है कि उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए हर कोई इस महान मिसाइल मैन की प्रशंसा करता है।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मेरे लिए एक महान प्रेरणा स्त्रोत रहे है और उनकी पूरी जीवन यात्रा ने मेरे जीवन को सकारात्मक रुप से परिवर्तित करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

हम सभी जानते हैं कि डॉ. कलाम एक भारतीय वैज्ञानिक और एक उदार राजनेता थे। जिन्होंने 2002 से 2007 तक राष्ट्रपति के रूप में भारत की सेवा की। डॉ. कलाम 15 अक्टूबर, 1931 को एक मुस्लिम परिवार में पैदा हुए थे। उनका पूरा नाम अवल पाकिर जैनुलबदीन अब्दुल कलाम है। डॉ कलाम एक तेज छात्र और आज्ञाकारी बालक थे, जिन्होंने आजीविका अर्जित करने में अपने परिवार की मदद की। उनका जन्म भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित धनुष्कोदी में हुआ था। एक बच्चे के रूप में डॉ. कलाम ने जब आकाश में पक्षियों को उड़ते देखा तब उनके मन में हवाई यात्रा के प्रति आकर्षण पैदा हुआ। डॉ. कलाम के विमान उड़ाने का शौक और भी दृढ हो गया, जब उन्होंने समाचार पत्र में ब्रिटिश लड़ाकू विमान के बारे में एक लेख देखा।

उनके पिता का पेशा नाव बनाने और उसे किराए पर देने का था। कलाम एक बहुत ही उज्ज्वल और मेहनती छात्र थे। अपने पिता का आर्थिक रुप से समर्थन करने के लिए वे अपने इलाके में समाचार पत्र वितरित किया करते थे, लेकिन वे हमेशा अध्ययन के प्रति रुचि रखते थे; वे बहुत ही होनहार छात्र थे, उन्हें विज्ञान और गणित में अधिक रुचि थी। स्कूल खत्म होने के बाद डॉ. कलाम सेंट जोसेफ कॉलेज गए और एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिग्री अर्जित करने के लिए उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाखिल लिया।

वे हमेशा से एक होनहार छात्र थे और उन्होंने अपने स्कूल तथा कॉलेज में जितना संभव हो सके उतना ज्ञान हासिल किया। डॉ. कलाम स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद भारत के रक्षा विभाग में भर्ती हो गए। भारत की परमाणु क्षमता के विकास में वे प्रमुख व्यक्तियों में से एक थे। उन्होंने अपने योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान अर्जित किया। 1998 में विभिन्न सफल परीक्षणों के लिए राष्ट्रीय नायक कलाम को ‘मिसाइल मैन’ का खिताब दिया गया था। डॉ. कलाम मई 1998 में शुरू किए गए पोखरण-द्वितीय परीक्षणों में एक प्रमुख व्यक्ति थे। पोखरण-2 परीक्षण के समय राजस्थान के रेगिस्तान में कुल 5 परमाणु उपकरणों का विस्फोट हुआ था।

हालांकि 2002 में राजनीति ने कभी भी डॉ. कलाम को लुभाया नहीं, फिर भी भारत की सत्ताधारी पार्टी नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस ने उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए खुद को नामित करने का अनुरोध किया। एनडीए के समर्थन से, डॉ कलाम ने चुनाव जीता और भारत के 11वें राष्ट्रपति बन गये। एक राष्ट्रपति के रूप में, डॉ कलाम एक बहुत ही सरल जीवन जीते थे और युवा छात्रों को सफल जीवन जीने और देश की सेवा करने के लिए सदैव प्रेरित करते थे। लोगों के राष्ट्रपति के रूप में सम्मानित, डॉ कलाम ने अपने पांच साल के राष्ट्रपति पद के दौरान युवा छात्रों और देश भर के लोगों के साथ 500,000 से अधिक बैठकें आयोजित की। डॉ. कलाम की इस लोकप्रियता ने उन्हें वर्ष 2003 और 2006 के लिए एमटीवी द्वारा आयोजित ‘युवा चिह्न’ का पुरस्कार प्रदान किया।

डॉ. कलाम ने भारत को 1 सत्र तक राष्ट्रपति के रूप में सेवा दी और 27 जुलाई, 2015 को हार्ट अटैक  के कारण उनकी मृत्यु हो गई। वे कई विश्वविद्यालयों में एक अतिथि प्राध्यापक तथा प्रेरक शिक्षक की भूमिका निभाते थे।

डॉ. कलाम सभी के लिए एक आदर्श रहे और प्रत्येक व्यक्ति उनकी इन उपलब्धि, योगदान और सादगी के लिए उनका सम्मान करते है। मैं हर छात्र को डॉ कलाम के मार्ग का पालन पर चलने और पूरे सम्मान से जीवन जीने के लिए, अपील करता हूं।

यहाँ आने के लिये मैं आप सब का हार्दिक अभिवादन करता हुँ – और मुझे आशा है कि आप सब सकुशल होंगे।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के जीवनी पर अपने भाषण को शुरू करने से पहले, मैं इस महान व्यक्तित्व को श्रद्धांजलि अर्पित करने आए आप सभी को धन्यवाद करना चाहता हूं। भारत के एक नागरिक के रूप में, हमें अपनी भूमि पर पैदा हुए उन महान व्यक्तित्वों के योगदान को कभी नहीं भूलना चाहिए और हमें सदैव हमारे देश के विकास में योगदान देना चाहिए। यह बताने की जरुरत नहीं की ऐसे एक व्यक्तित्व वाले व्यक्ति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भी थे, जिन्हें भारत के मिसाइल मैन के रुप में याद किया जाता हैं।

भारत रत्न से सम्मानित, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवल पाकिर जैनुलबदीन अब्दुल कलाम है और वह भारत के 11वें राष्ट्रपति थे, उन्होंने वर्ष 2002 से 2007 तक राष्ट्र की सेवा की। उन्हें वर्ष 2002 में लक्ष्मी सहगल के खिलाफ चुना गया था और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के साथ-साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस – जैसे दो प्रमुख भारतीय राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त था। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि पेशे से वह एक वैज्ञानिक और साथ ही साथ एक भारतीय प्रशासक भी थे।भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में चुने, जाने से पहले उन्होंने इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) और डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) में एक एयरोस्पेस इंजीनियर के रूप में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन में काम किया।

प्रक्षेपण यान के विकास तथा बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी के कारण उन्हें मिसाइल मैन ऑफ इंडिया की उपाधि मिली। इसके अलावा, 1998 में भारत में पोखरण-द्वितीय परमाणु परीक्षण किए गए, वास्तव में 1974 के परमाणु परीक्षण ने उन्हें एक महत्वपूर्ण राजनीतिक, तकनीकी और संगठनात्मक भूमिका प्रदान किया था।छात्रों के समुदाय के साथ उनके परस्पर क्रियाओं औऱ बातचीत ने उन्हें युवा आइकन बना दिया। वास्तव में, उन्होंने वर्ष 2011 में ‘व्हाट कैन आई गीव मूवमेंट’ नामक एक मिशन लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य देश में भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ना था।

लेकिन क्या आप जानते है डॉ कलाम जिनसे लाखों लोग आज प्रेरित हैं, उन्हें किसने प्रेरित किया? हालांकि, ऐसे बहुत सारे थे, लेकिन अगर मुझे एक नाम का उल्लेख करना हो तो मैं डॉ. विक्रम साराभाई का नाम लूंगा।

रॉकेट इंजीनियर के पद के लिए अब्दुल कलाम का साक्षात्कार करते समय डॉ. विक्रम साराभाई, डॉ. अब्दुल कलाम के अन्तर्निहित शक्ति को महसूस करने वाले पहले व्यक्ति थे। अब्दुल कलाम से पहले ही, साराभाई को उनकी क्षमताओ का एहसास हो गया था और साराभाई ने उन्हें एक बड़े योजना में शामिल करने की कल्पना भी कर ली थी।

साक्षात्कार का पूरा क्षण अब्दुल कलाम के लिए एक यादगार लम्हा था, जहां उनके आकाश में उड़ने का सपना सच होने जा रहा था। शेष कहानी इस बारे में है कि वे भारत के मिसाइल मैन कैसे बन गये जिसका जुनून महान दूरदर्शी वैज्ञानिक डॉ विक्रम साराभाई ने देखा था। महान अब्दुल कलाम के बारे में सबसे अच्छी बात यह थी कि वे अपनी सारी ज़िंदगी अपने देश के लिए समर्पित कर दिए और कभी भी अपने  स्वार्थी कारणों के लिए अपने लक्ष्य को हासिल करने की कोशिश नहीं की। उन्होंने अपनी आखिरी सांस तक अपने पूरे जीवन को सक्रिय बनाए रखा और मानव जाति के लिए जो भी वो कर सकते थे उन्होंने उसमे अपना योगदान दिया।

इस महान और नम्र व्यक्तित्व के बारे में मुझे बस इतना ही कहना था।

आप सभी का धन्यवाद!

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speech on abdul kalam in hindi

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डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पर भाषण | Speech On Dr APJ Abdul Kalam

APJ Abdul Kalam Speech For Students: डॉ एपीजे अब्दुल कलाम युवाओं से लेकर सभी उम्र के लोगों के लिए प्रेरणा के श्रोत रहे हैं। इस वर्ष 15 अक्टूबर 2022 को डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की 91वीं जयंती मनाई जा रही है।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पर भाषण | Speech On Dr APJ Abdul Kalam

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का बचपन बड़ी कठनाइयों, चुनौतीपूर्ण और संघर्षों भरा रहा था। विपरीत परिसतिथियों के बावजूद डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने सपनों को पूरा किया। भारत को परमाणु सम्पन्न देश बनाया और वर्ष 2002 में देश के 11वें राष्ट्रपति बनें। भारत को प्रगतिशील बनाने और देश को कई मिसाइल देने के लिए उन्हें 1997 में उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

इसके अलावा उन्हें, पद्म भूषण और पद्म विभूषण समेत कई पुरस्कार प्रदान किए गया। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती और पुण्यतिथि पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। ऐसे में यदि आपको भी डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पर भाषण लिखना या पढ़ना है तो करियर इंडिया आपके लिए डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन पर आधारित सबसे बेस्ट भाषण लेकर आया है। जिसकी मदद से आप आसानी से डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पर भाषण लिख व पढ़ सकते हैं।

छात्रों के लिए एपीजे अब्दुल कलाम पर भाषण (Speech On APJ Abdul Kalam Idea 1)

सबसे पहले मंच पर पहुचें, वहां मौजूद मुख्य अतिथि को प्रणाम करें और फिर सभी लोगों का अभिवादन करें। उसके बाद अपना भाषण शुरू करें। अपना परिचय दें, मेरा नाम लविश संवारिया है, मैं कक्षा 10वीं का छात्र हूं। आज हम सब यहां दुनिया के सबसे महान वैज्ञानिक और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती के अवसर पर उपस्तिथ हुए हैं। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर ज़ैनुलदेबेन अब्दुल कलाम था, बहुत कम लोग उन्हें उनके पूरे नाम से जानते हैं क्योंकि उन्हें ज्यादातर 'भारत के मिसाइल मैन' और 'पीपुल्स प्रेसिडेंट' के रूप में संबोधित किया जाता था।

उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में एक बेहद गरीब परिवार में हुआ था। बचपन से ही उन्हें रॉकेट उड़ाने का शौक था। कलाम को बचपन से ही यह जानने की उत्सुकता थी कि पक्षी हवा में कैसे उड़ते हैं? वह बहुत बुद्धिमान थे और पढ़ने के शौकीन थे। लेकिन उनके परिवार के पास उसकी स्कूल फीस के लिए पर्याप्त आय नहीं थी, इसलिए अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए वह सुबह जल्दी उठते और घर से 3 किलोमीटर की दूरी पर साइकिल की सवारी करके अखबार बेचने जाते थे।

उन्हेंने सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली में एडमिशन लिया और 1954 में भौतिकी में डिग्री पूरी की। इसके बाद उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अध्ययन किया और 1955 में वैमानिकी इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। बचपन से डॉ अब्दुल कलाम चाहते थे कि वह पायलट बनें। लेकिन वह अपने सपने को साकार नहीं कर सके। उन्होंने अपनी गलतियों से सीखा और अपने जीवन में कई उपलब्धियां हासिल कीं। अपनी डिग्री पूरी करने के बाद अब्दुल कलाम भारत के रक्षा विभाग से जुड़े।

वह भारत की परमाणु क्षमताओं के निर्माण में प्रमुख शख्सियतों में से एक रहे हैं। एपीजे अब्दुल कलाम को 1992 में भारतीय रक्षा मंत्रालय में तकनीकी सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था, जिसके बाद उन्होंने देश के सबसे बड़े संगठन डीआरडीओ और इसरो के साथ काम किया। 1998 में सफल परमाणु परीक्षणों के लिए एक राष्ट्रीय नायक माने जाने वाले, उसी वर्ष पोखरण में उनकी देखरेख में दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया गया, जिसके बाद भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल किया गया।

अब्दुल कलाम एक वैज्ञानिक के रूप में भारत में सभी अंतरिक्ष कार्यक्रमों और विकास कार्यक्रमों में सक्रिय रहे हैं। भारत की अग्नि मिसाइल के विकास के लिए कलाम को 'मिसाइल मैन' कहा जाता था। अब्दुल कलाम ने एक विशेष तकनीकी और वैज्ञानिक योगदान दिया, जिसके लिए उन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न के साथ-साथ पद्म भूषण, पदम विभूषण आदि से सम्मानित किया गया। उसी के लिए दुनिया के 30 से अधिक विश्वविद्यालयों द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से भी सम्मानित किया गया। वर्ष 2002 में वह भारत के राष्ट्रपति चुने गए और देश के पहले वैज्ञानिक और गैर-राजनीतिक राष्ट्रपति थे।

उन्होंने राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कई देशों का दौरा किया और अपने व्याख्यानों के माध्यम से भारत के युवाओं का नेतृत्व किया और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। 'माई विजन फॉर इंडिया' 2011 में आईआईटी हैदराबाद में दिया गया एपीजे अब्दुल कलाम का एक प्रसिद्ध भाषण था। उनकी दूरगामी सोच ने भारत के विकास को नई राह दी और युवाओं की प्रेरणा बने। डॉ अब्दुल कलाम का 83 वर्ष की आयु में आईआईएम शिलांग में व्याख्यान देते समय एक स्पष्ट हृदय गति रुकने से 27 जुलाई 2015 को निधन हो गया। उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्र और युवाओं की सेवा और प्रेरणा में बिताया और उनकी मृत्यु भी इसी समय हुई है। युवाओं को संबोधित करते हुए। उनका निधन देश के लिए कभी न खत्म होने वाली क्षति है।

छात्रों के लिए एपीजे अब्दुल कलाम पर भाषण (Speech On APJ Abdul Kalam Idea 2)

आज मैं यहां डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पर भाषण देने आया हूं। एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को जैनुलाबदीन और आशिअम्मा के घर हुआ था। उनके पिता एक नाव के मालिक थे और उनकी मां एक गृहिणी थीं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं थी, इसलिए कम उम्र में ही उन्होंने अपने परिवार की आर्थिक मदद करना शुरू कर दिया। उन्होंने 1955 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद एक मुख्य वैज्ञानिक के रूप में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) वैमानिकी विकास आधार में शामिल हो गए।

उन्होंने भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह (SLV III) रॉकेट बनाने के लिए परियोजना महानिदेशक के रूप में श्रेय प्राप्त किया। उन्होंने भारत को परमाणु शक्ति प्रदान की। जुलाई 1992 में उन्हें भारतीय रक्षा मंत्रालय का वैज्ञानिक सलाहकार नियुक्त किया गया। एक राष्ट्रीय परामर्शदाता के रूप में उन्होंने पोखरण II में विश्व प्रसिद्ध परमाणु परीक्षणों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1981 में उन्हें भारत की रक्षा प्रौद्योगिकी के आधुनिकीकरण और उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए पद्म भूषण पुरस्कार 1909 में पद्म विभूषण और 1997 में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया। 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक उन्होंने भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।

भारतीयों के बीच प्रसिद्ध हुए और भारतीय युवाओं का बहुत ध्यान आकर्षित किया। वह पीपुल्स प्रेसिडेंट के रूप में लोकप्रिय हुए। कलाम ने पद छोड़ने के बाद कई संस्थानों में प्रोफेसर, चांसलर और सहायक के रूप में काम किया। 27 जुलाई 2015 की शाम को उन्हें गंभीर हृदय गति रुकने का अनुभव हुआ और वे बेहोश हो गए और 2 घंटे बाद उनकी मृत्यु हो गई। 1999 में कलाम ने अपनी आत्मकथा और द विंग्स ऑफ फायर नामक पुस्तक प्रकाशित की। उन्होंने कई अन्य पुस्तकें लिखी हैं जो हर पीढ़ी के लोगों के लिए उपयोगी हैं।

अब्दुल कलाम के भाषण के बारे में 10 लाइनें

यहां छात्रों के लिए अब्दुल कलाम प्रेरणादायक भाषण की 10 लाइनें साझा की जा रही हैं, ताकि कक्षा 1, 2 और 3 के बच्चे आसानी से याद कर सकें और अपने भाषणों को बना सकें और एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में जान सकें।

एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम है।

उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था।

कलाम अपने परिवार की आय का समर्थन करने के लिए समाचार पत्र बेच रहे थे।

1960 में, उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में वैमानिकी इंजीनियरिंग का अध्ययन किया।

बचपन में उनका सपना फाइटर पायलट बनने का था।

स्नातक होने के बाद, उन्होंने एक वैज्ञानिक के रूप में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में प्रवेश किया।

1969 में, वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में शामिल हुए।

कलाम सर ने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान III परियोजना निदेशक (PSLV III) के रूप में कार्य किया।

अंतरिक्ष विज्ञान में उनकी विशेषज्ञता ने उन्हें 'भारत के मिसाइल मैन' के रूप में जाना।

वे भारत के 11वें राष्ट्रपति थे। 27 जुलाई 2015 को उन्होंने अंतिम सांस ली।

Abdul Kalam Quotes 2022: डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के टॉप 10 कोट्स

QUIZ: अब्दुल कलाम को कितना जानते हैं आप, दीजिए इन सवालों के जवाब

एपीजे अब्दुल कलाम, पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम, एक प्रख्यात भारतीय वैज्ञानिक और भारत के 11वें राष्ट्रपति थे, जिन्हें "भारत के मिसाइल मैन" के रूप में जाना जाता है।

अब्दुल कलाम ने भारत के नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम और सैन्य मिसाइल विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने सफल पोखरण-द्वितीय परमाणु परीक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारत के उपग्रह प्रक्षेपण वाहन कार्यक्रम में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

एपीजे अब्दुल कलाम ने 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया और देश के इतिहास में सबसे प्रिय और सम्मानित राष्ट्रपतियों में से एक बन गए।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने 2020 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र के रूप में देखने की कल्पना की और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के साधन के रूप में शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी की सक्रिय रूप से वकालत की और अपने दृष्टिकोण से लाखों लोगों को प्रेरित किया।

हाँ, भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान और रक्षा प्रौद्योगिकी के आधुनिकीकरण में उनके असाधारण योगदान के लिए उन्हें 1997 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न सहित कई पुरस्कार प्राप्त हुए।

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डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पर भाषण

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By विकास सिंह

speech on apj abdul kalam in hindi

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम , जिन्हें ‘मिसाइल मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से जाना जाता है, का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम, तमिलनाडु में हुआ था। डॉ. कलाम का जीवन कई लोगों के लिए विशेष रूप से युवा छात्रों के लिए एक महान प्रेरणा है। आपको विभिन्न अवसरों पर एपीजे अब्दुल कलाम पर भाषण देने की आवश्यकता हो सकती है। हमने एपीजे अब्दुल कलाम पर कुछ भाषण साझा किए हैं जो आपकी मदद करेंगे।

लोगों के अध्यक्ष के रूप में भी, डॉ. कलाम भारत के 11 वें राष्ट्रपति थे और 2002 से 2007 तक एक कार्यकाल के लिए देश की सेवा की। उन्होंने भौतिकी और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग का अध्ययन किया और बाद में DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) और ISRO (भारतीय अंतरिक्ष में शामिल हो गए) अनुसंधान संगठन) पेशेवर के रूप में भी कार्य किया।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पर भाषण, short speech on apj abdul kalam in hindi -1

आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षकों और प्रिय छात्रों!

आज 5 सितंबर है और हर साल की तरह हम यहां शिक्षक दिवस मनाने के लिए इकट्ठे हुए हैं। मैं इस कार्यक्रम की मेजबानी करने का अवसर पाकर बेहद सम्मानित महसूस कर रहा हूं। शिक्षक दिवस के दिन, मैं सबसे महान व्यक्तित्वों में से एक के बारे में बात करना चाहूंगा, जिनकी मैं बहुत प्रशंसा करता हूं, डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम। मुझे यकीन है कि हर कोई हमारे देश में उल्लेखनीय योगदान के लिए महान मिसाइल मैन की प्रशंसा करता है।

डॉ. एपीजे कलाम मेरे लिए एक महान प्रेरणा रहे हैं और उनकी पूरी जीवन यात्रा ने मेरे जीवन को सकारात्मक रूप में बदलने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हम सभी जानते हैं कि डॉ. कलाम एक भारतीय वैज्ञानिक और परोपकारी राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने वर्ष 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। उनका पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम था।

15 अक्टूबर 1931 को एक मुस्लिम परिवार में जन्मे, डॉ. कलाम एक तेज छात्र और एक आज्ञाकारी बच्चे थे, जिन्होंने अपने परिवार को आजीविका कमाने में मदद की। उनका जन्म भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित धनुषकोडी में हुआ था। एक बच्चे के रूप में, डॉ. कलाम ने पक्षियों को देखकर हवाई यात्रा के साथ एक महान आकर्षण विकसित किया। कलाम का यह शौक बाद में वैमानिकी में शामिल होने के मिशन के रूप में विकसित हुआ; एक ब्रिटिश लड़ाकू विमान के बारे में अखबार में एक लेख देखने के बाद मिशन और मजबूत हो गया।

उनके पिता का पेशा नावों के निर्माण और किराए पर लेना था। कलाम बहुत ही उज्ज्वल और मेहनती छात्र थे। उन्होंने अपने पिता का समर्थन करने के लिए अपने इलाके में समाचार पत्र वितरित किए। लेकिन उन्हें हमेशा पढ़ाई के प्रति बड़ी रूचि थी; वह एक बहुत ही होनहार छात्र था और विज्ञान और गणित के प्रति बहुत अधिक पसंद करता था। डॉ. कलाम स्कूल से पास करने के बाद सेंट जोसेफ कॉलेज गए और मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में भाग लिया और वैमानिकी इंजीनियरिंग में अपनी डिग्री हासिल की।

वह हमेशा एक होनहार छात्र था और अपने स्कूल और कॉलेज में जितना संभव हो सके उतना ज्ञान प्राप्त करता था। डॉ. कलाम स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद भारत के रक्षा विभाग में शामिल हो गए। वह भारत की परमाणु क्षमताओं को विकसित करने के प्रमुख आंकड़ों में से एक था। उन्होंने अपने योगदान के लिए कई प्रशंसा और सम्मान अर्जित किए। 1998 में विभिन्न सफल परीक्षणों के लिए राष्ट्रीय नायक के रूप में माना जाता है, कलाम को ‘मिसाइल मैन’ का खिताब दिया गया था।

डॉ. कलाम मई 1998 में शुरू किए गए पोखरण -2 परीक्षणों में भी एक प्रमुख व्यक्ति थे। पोखरण- II परीक्षण में राजस्थान के रेगिस्तानों में कुल 5 परमाणु उपकरणों का विस्फोट किया गया था। हालांकि राजनीति ने डॉ. कलाम को कभी लुभाया नहीं, वर्ष 2002 में भारत की तत्कालीन सत्ताधारी पार्टी नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस ने उनसे खुद को राष्ट्रपति पद के लिए नामित करने का अनुरोध किया।

एनडीए के समर्थन से डॉ. कलाम चुनाव जीत गए और भारत के 11 वें राष्ट्रपति बने। राष्ट्रपति के रूप में भी, डॉ. कलाम बहुत ही सादा जीवन जीते थे और युवा छात्रों को सफल जीवन जीने और राष्ट्र की सेवा करने के लिए प्रेरित करते थे। लोगों के राष्ट्रपति के रूप में, डॉ. कलाम ने अपने पांच साल के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान पूरे देश में युवा छात्रों और लोगों के साथ 500,000 से अधिक एक-से-एक बैठकें कीं। डॉ. कलाम की इस अपार लोकप्रियता ने उन्हें वर्ष 2003 और 2006 के एमटीवी द्वारा होस्ट किए गए ’यूथ आइकन’ के पुरस्कार से नवाजा।

डॉ. कलाम ने 1 कार्यकाल के लिए भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया और 27 जुलाई, 2015 को कार्डियक अरेस्ट के कारण निधन हो गया। वह कई विश्वविद्यालयों में एक विजिटिंग प्रोफेसर और प्रेरक गुरु थे।

डॉ. कलाम एक किंवदंती रहे हैं और प्रत्येक व्यक्ति अपनी उपलब्धियों, योगदान और अपनी सादगी के लिए इस महान व्यक्तित्व का सम्मान करता है। मैं हर छात्र से अपील करता हूं कि डॉ. कलाम के रास्ते पर चलें और जीवन भर सम्मानजनक जीवन व्यतीत करें।

धन्यवाद!

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर भाषण, speech on apj abdul kalam in hindi – 2

apj abdul kalam

प्रिय आगंतुकों!

आज 15 अक्टूबर है, जो विश्व प्रसिद्ध मिसाइल मैन ऑफ इंडिया ’डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जन्म तिथि है। वह डीआरडीओ में सबसे प्रसिद्ध शख्सियतों में से एक रहे हैं और यही वजह है कि हम डीआरडीओ में उनका जन्मदिन बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं। डॉ. कलाम की पूरी जीवन यात्रा सभी के लिए और विशेष रूप से DRDO में काम करने वाले लोगों के लिए एक बहुत बड़ी प्रेरणा रही है।

अब्दुल कलाम एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक और एक प्रसिद्ध इंजीनियर थे। उन्होंने वर्ष 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति के रूप में भी कार्य किया। वर्ष 2002 में राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होने पर वह पहले से ही एक कुशल और बहुत पसंदीदा व्यक्ति थे। डॉ. कलाम ने डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) और इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) जैसे विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों में एक विज्ञान प्रशासक और वैज्ञानिक के रूप में चार दशक से अधिक समय बिताया था।

डॉ. कलाम का जन्म तमिलनाडु में एक बहुत ही विनम्र दक्षिण भारतीय परिवार में हुआ था। उनके पिता ने तट पर काम करने वाले मछुआरों को नावें किराए पर दीं। एक बच्चे के रूप में, डॉ. कलाम एक बहुत ही होनहार छात्र थे; उन्हें उड़ान के प्रति भारी आकर्षण था और बाद में वे वैमानिकी का अध्ययन करने चले गए।

उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में अपनी डिग्री पूरी की। हालांकि वह एक लड़ाकू पायलट में बदलना चाहता था लेकिन उसने भारतीय वायुसेना (भारतीय वायु सेना) के लिए अर्हता प्राप्त नहीं की। फिर वह एक वैज्ञानिक के रूप में डीआरडीओ में शामिल हो गए और बाद में उन्हें इसरो में स्थानांतरित कर दिया गया।

अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के कारण, वे अंततः तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार बने। एक राष्ट्रीय सलाहकार के रूप में भी, उन्होंने विश्व प्रसिद्ध परमाणु परीक्षणों में एक प्रमुख भूमिका निभाई: पोखरण II उनका एक मुख्य अभियान था।

जनवादी राष्ट्रपति के रूप में लोकप्रिय, डॉ कलाम ने एक कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति पद छोड़ दिया। बाद में वह अन्ना विश्वविद्यालय में प्रोफेसर बन गए और उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग सिखाई। वह एक विजिटिंग प्रोफेसर भी थे और कई युवा छात्रों और लोगों को कई अन्य संस्थानों में प्रेरित किया।

डॉ. कलाम की संपूर्ण जीवन यात्रा हममें से प्रत्येक के लिए एक महान प्रेरणा रही है। वह एक उत्साही राष्ट्रवादी थे और दुनिया उन्हें “भारत के मिसाइल मैन” उपनाम से जानती है। हालांकि वे एक अभ्यासशील मुस्लिम थे, फिर भी डॉ. कलाम ने भारत की व्यापक संस्कृति में खुद को शामिल किया। अपने खाली समय में, उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत और हिंदू धर्म के सबसे पवित्र ग्रंथों में से एक: भगवद गीता का अध्ययन किया।

डॉ. कलाम ने 40 से अधिक विश्वविद्यालयों से मानद डॉक्टरेट के साथ-साथ कई प्रशंसा अर्जित की। उन्हें वर्ष 1981 में पद्म भूषण पुरस्कार, वर्ष 1990 में पद्म विभूषण और भारत की रक्षा प्रौद्योगिकी को आधुनिक बनाने में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए वर्ष 1997 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न भी मिला।

एक महान वैज्ञानिक और एक महान व्यक्तित्व होने के अलावा, वे एक उत्साही लेखक भी थे। उन्होंने 1999 में अपनी आत्मकथा विंग्स ऑफ फायर सहित कई पुस्तकें लिखीं जो भारत के युवाओं के लिए एक बहुत बड़ी प्रेरणा है। डॉ. कलाम हमेशा सादा जीवन जीते थे और वे एक परोपकारी व्यक्तित्व थे।

वह भारत के लिए कुछ पहचानने के लिए हमेशा भावुक थे। उन्होंने वर्ष 2011 में “व्हाट कैन आई मूवमेंट” को बनाया; यह एक दयालु समाज के विकास के उद्देश्य से बनाया गया था। दिल का दौरा पड़ने के कारण 27 जुलाई, 2015 को डॉ. कलाम का निधन हो गया। अपनी अंतिम यात्रा के दौरान भी, वह शिलॉन्ग स्थित IIM (भारतीय प्रबंधन संस्थान) में व्याख्यान दे रहे थे।

इस महान व्यक्तित्व के बारे में मुझे बस इतना ही कहना है, जिन्होंने राष्ट्र के सैन्य आधार को मजबूत करने के लिए अपने भारतीय कार्यकाल के दौरान कड़ी मेहनत की और अपने ज्ञानवर्धक बौद्धिक और नैतिक विचारों के माध्यम से दुनिया को चमत्कृत किया।

डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम पर भाषण, speech on apj abdul kalam in hindi -3

प्रिय छात्रों – आप सभी को सुप्रभात!

आज की कक्षा बाकी लोगों से थोड़ी अलग है क्योंकि मैं आपकी पाठ्यपुस्तकों से कुछ भी चर्चा नहीं करने जा रहा हूं, लेकिन एक ऐसे प्रख्यात व्यक्तित्व के बारे में बात करना चाहता हूं, जो मुझे लगता है कि हर कोई प्रशंसा करता है और भले ही वह प्रेरणा के स्रोत के रूप में ना दिखता हो।

वह जीवित नहीं है। मैं जिस व्यक्तित्व की बात कर रहा हूं, वह डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम हैं। हाँ, छात्रों को वह भारत के मिसाइल मैन नामक एक शीर्षक से मान्यता प्राप्त है और भारत के 11 वें राष्ट्रपति थे। वह एक महान वैज्ञानिक, गहन विचारक और प्रेरक वक्ता भी थे।

वह वास्तव में हम सभी के लिए एक प्रेरणादायक आंकड़ा बनाता है कि वह रामेश्वरम कहे जाने वाले भारत के सुदूर दक्षिणी गाँव में बहुत विनम्र पृष्ठभूमि से है। यह वह जगह थी जहाँ उन्हें चलती ट्रेन से फेंके जाने वाले अखबार के बंडल इकट्ठा करने का पहला काम मिला। उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों को सभी के साथ साझा किया है, विशेष रूप से बच्चों के साथ और उल्लेख किया है कि कैसे वे पहली बार अपने दम पर पैसे कमाने के उन दिनों को याद करके गर्व से भर जाते थे।

लेकिन इस महान व्यक्ति ने, जिसने लाखों लोगों को प्रेरित किया है, ने कई लोगों से प्रेरणा प्राप्त की, जिन्होंने उसे वह बनने में मदद की, जो निश्चित रूप से वह था और निश्चित रूप से भारत के मिसाइल मैन का सम्मान करता था। आइए उन व्यक्तित्वों में से एक के बारे में जानें जिन्होंने उनके व्यक्तित्व को आकार दिया और उनका उल्लेख किया। सबसे पहले, वह इयादुरई सोलोमन थे जो कलाम के शिक्षक थे और कलाम ने उनके साथ एक महान बंधन साझा किया।

इस शिक्षक ने कलाम की विचार प्रक्रिया को बहुत प्रभावित किया क्योंकि उन्होंने उसे मंत्र दिया, “जीवन में सफल होने और परिणाम प्राप्त करने के लिए, आपको तीन शक्तिशाली शक्तियों-इच्छा, विश्वास और अपेक्षा को समझना और उसमें महारत हासिल करनी चाहिए।”

इयादुरई सोलोमन वास्तव में एक महान शिक्षक थे क्योंकि उन्होंने अपने छात्रों के व्यक्तित्व को आकार देने और आत्म-मूल्य की भावना खोजने में मदद की। उन्होंने अब्दुल कलाम से यह भी कहा कि “विश्वास के साथ, आप अपना भाग्य बदल सकते हैं।”

उन्हें यह भी विश्वास था कि वह इस तथ्य के बावजूद समाज पर अपनी छाप छोड़ सकते हैं। अब्दुल कलाम भी आकाश के रहस्यों से रूबरू होते थे और बचपन के दिनों से ही पक्षियों की उड़ान का निरीक्षण करते थे। दिलचस्प है, वह रामेश्वरम से उड़ान भरने वाला पहला बच्चा बन गया।

कई साल बाद जब अब्दुल कलाम मदुरै कामराज विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह का हिस्सा बनने के लिए अपने सबसे पसंदीदा शिक्षक रेव इयादुरई सोलोमन के दौरे पर आए थे। जब उन्होंने अपना व्याख्यान समाप्त किया, तो डॉ. अब्दुल कलाम उनके सामने झुक गए और कहा, “सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा प्रसारित होते हैं”।

बदले में उनके शिक्षक ने घुटी हुई आवाज़ में कहा, “आपने न केवल मेरे लक्ष्यों को प्राप्त किया है, कलाम, बल्कि आपने उन्हें ग्रहण किया है”। ऐसा शख्स कलाम था जिसने हर उस चीज में उत्कृष्टता हासिल की जो उसने की और अपने शिक्षक को ही नहीं बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया। इसलिए छात्र आपके नक्शेकदम पर चलने की कोशिश करते हैं और ईमानदारी से अपने लक्ष्यों को पाने की दिशा में काम करते हैं।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पर भाषण, speech on apj abdul kalam in hindi -4

हेलो फ्रेंड्स – कैसे हैं आप सब?

इससे पहले कि मैं डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर अपने भाषण की शुरुआत करूं, मैं इस महान व्यक्तित्व को श्रद्धांजलि देने के लिए आप सभी को इस छोटे एंडेवर में शामिल होने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। भारत के गर्वित नागरिकों के रूप में, हमें अपनी धरती पर पैदा होने वाली उन महान हस्तियों के योगदान को कभी नहीं भूलना चाहिए और हमारे राष्ट्र के विकास में योगदान देना चाहिए।

यह सिद्ध है कि ऐसा ही एक व्यक्तित्व डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम थे, जिन्हें भारत का मिसाइल मैन भी कहा जाता था। भारत रत्न से सम्मानित, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम है और वह 11 वें भारतीय राष्ट्रपति थे जिन्होंने वर्ष 2002 से 2007 तक देश की सेवा की।

उन्हें वर्ष 2002 में लक्ष्मी सहगल के खिलाफ चुना गया। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि पेशे से वह एक वैज्ञानिक होने के साथ-साथ एक भारतीय प्रशासक भी थे। उन्होंने 11 वें भारतीय राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने से पहले एक एयरोस्पेस इंजीनियर के रूप में ISRO, यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और DRDO, यानी रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के साथ काम किया।

उन्हें लॉन्च वाहन और बैलिस्टिक मिसाइल तकनीक का विकास करने के लिए उन्हें मिसाइल मन के नाम से सम्मान दिया गया। इसके अलावा, वर्ष 1998 में भारत में किए गए पोखरण- II परमाणु परीक्षण ने वास्तविक 1974 के परमाणु परीक्षण को एक महत्वपूर्ण राजनीतिक, तकनीकी और संगठनात्मक भूमिका में रखा।

छात्रों के समुदाय के साथ-साथ उनके सरगर्मी भाषणों के साथ उनकी लगातार बातचीत ने उन्हें युवा आइकन बना दिया। वास्तव में, उन्होंने वर्ष 2011 में व्हाट कैन आई गिव मूवमेंट ’नामक एक मिशन शुरू किया, जिसका उद्देश्य भारतीय युवाओं को प्रेरित करना था और देश में भ्रष्टाचार का मुकाबला करने पर जोर दिया।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि किसने उन्हें प्रेरित किया जिससे लाखों लोग प्रेरणा लेते हैं? खैर, कई थे, लेकिन अगर मुझे एक नाम का उल्लेख करना हुआ तो वह डॉ. विक्रम साराभाई थे। डॉ. विक्रम साराभाई ने जब रॉकेट इंजीनियर की स्थिति के लिए अब्दुल कलाम का साक्षात्कार लिया, तो वह पहले व्यक्तियों में से एक थे जिन्होंने डॉ. अब्दुल कलाम की छिपी क्षमता का एहसास किया था। उन्होंने अब्दुल कलाम की तुलना में खुद महसूस किया और साराभाई ने उन्हें एक बड़े कैनवास में फिट होने की परिकल्पना से पहले अपनी क्षमता का एहसास कराया।

कहानी इस बात की है कि कैसे वह भारत का मिसाइल मैन बन गया जिसका जुनून महान दूरदर्शी वैज्ञानिक डॉ. विक्रम साराभाई द्वारा जमकर प्रज्वलित किया गया था। महान अब्दुल कलाम के बारे में सबसे अच्छी बात यह थी कि उनका सारा जीवन भारत में बिताया और उन्होंने कभी भी स्वार्थी कारणों से अपने लक्ष्यों को पाने की कोशिश नहीं की, बल्कि वे अपनी सारी ज़िंदगी अपनी अंतिम सांस तक सक्रिय रहे और मानव जाति को जो कुछ भी हो सका उसे वापस दे दिया।

इस महान और विनम्र व्यक्तित्व के बारे में मुझे बस इतना ही कहना है। आप सभी को धन्यवाद!

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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महान वैज्ञानिक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को नमन

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एपीजे अब्दुल कलाम पर भाषण – APJ Abdul Kalam Speech in Hindi & English for Students & Education

एपीजे अब्दुल कलाम पर भाषण

ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम, तमिलनाडु में हुआ था | कलाम एक मुसलमान परिवार में जन्मे थे | उनके पिता जैनुलअबिदीन एक नाविक और माता आशिअम्मा एक गृहणी थीं | अपने परिवार की आर्थिक स्थति ठीक न होने के कारण उन्हें बचपन से ही काम करना पड़ा था | वह अखबार बांटकर अपने पिता की आर्थिक मदद करते थे | वह पढ़ाई में सामान्य थे और नयी चीज़ सीखने को हमेशा तैयार रहते थे | वह भारत के 11वे राष्ट्रपति व एक प्रख्यात वैज्ञानिक भी थे | कलम जी लोग मिसाइल मैन के नाम से भी जानते हैं | आप ये जानकारी हिंदी, इंग्लिश, मराठी, बांग्ला, गुजराती, तमिल, तेलगु, आदि की जानकारी देंगे जिसे आप अपने स्कूल के भाषण प्रतियोगिता, कार्यक्रम या भाषण प्रतियोगिता में प्रयोग कर सकते है| ये भाषण कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए दिए गए है|

APJ Abdul Kalam speech in hindi

अक्सर class 1, class 2, class 3, class 4, class 5, class 6, class 7, class 8, class 9, class 10, class 11, class 12 के बच्चो को कहा जाता है अब्दुल कलाम पर स्पीच लिखें | आइये अब हम आपको apj abdul kalam speech on education, APJ Abdul Kalam Quotes in Hindi, apj abdul kalam speech in english, Dr. A.P.J Abdul Kalam Essay in Hindi , apj abdul kalam’s speech, अब्दुल कलाम की कविता,  1 minute speech on apj abdul kalam in 500 words, in written, डॉ अब्दुल कलाम मराठी माहिती, about dreams, 3 visions for india, Quiz on APJ Abdul Kalam,  आदि की जानकारी 100 words, 150 words, 200 words, 400 words, किसी भी भाषा जैसे Hindi, Urdu, उर्दू, English, sanskrit, Tamil, Telugu, Marathi, Punjabi, Gujarati, Malayalam, Nepali, Kannada के Language Font में साल 2007, 2008, 2009, 2010, 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2016, 2017 का full collection whatsapp, facebook (fb) व instagram पर share कर सकते हैं|

अगर आप सूर्य की तरह चमकना चाहते हैं तो पहले उस सूर्य की तरह जलना सीखिए. फ्रेंड्स इस दुनिया में हर कोई सपने देखता है चाहे वो छोटे से छोटा इंसान हो यां बड़े से बड़ा इंसान. क्यूंकि भगवान् ने इंसान को बनाया ही ऐसा है की हमेशा कुछ न कुछ सपना देखता रहे. कुछ लोगों के सपनों का कोई मतलब होता है जबकि कुछ लोग बेमतलब के सपने देखते हैं. लेकिन ये सपने ही हैं जो हर इंसान की किस्मत को अलग बना देते हैं, सपने इंसान का जीवन बदल देते हैं, किसी गरीब को बहुत ही कामयाब और अमीर बना देते हैं तो किसी बेहद अमीर को सड़क पर लाकर खड़ा कर देते हैं. सफ़लता और असफ़लता ये दोनों शब्द हमारे देखे गये सपनों से ही निकलते हैं, रामानुजम, अल्बर्ट आइंस्टीन, स्टीफेन हाकिंग, ऐसी हजारों एक्साम्पल्स हैं इस दुनिया में की कैसे कुछ अपाहिज या मंद्बुधि कहे जाने वाले बच्चे इस दुनिया के महानतम अविष्कारक बन गये. इन लोगों को इस पूरी दुनिया से अलग करने वाले इनके सपने ही थे. हजारों मुश्किलों को सहते हुए इन्होने इस दुनिया में खुद को स्थापित किया. इसलिए फ्रेंड्स अगर आपका कोई सपना है – अगर आप भी इस आकाश में सूर्य की तरह चमकना चाहते हैं तो फिर उस सूर्य की तरह से जलाना भी सीखो. बिना मेहनत और लगन के कुछ हासिल नहीं होता. एक्साम्स हो यां जिंदगी अगर – टॉप करना चाहते हो तो आलस छोड़ना होगा- सुबह जल्दी उठना होगा – रात को देर से सोना होगा- खुद को तयार करना होगा की मुझे टॉप करना है, इस पर फोकस्ड रहना होगा. हर वो चीज – मोबाइल, इन्टरनेट, टीवी, टाइम पास दोस्त, आपकी गर्लफ्रेंड, बॉयफ्रेंड, सबको जो भी आपका ध्यान भटकाता हैं आपको डिस्ट्रैक्ट करता है उन सबको – छोड़ना होगा. तब कहीं जाकर आप चमकोगे- उस सूर्य की तरह…..

एपीजे अब्दुल कलाम भाषण

आज 5 सितंबर है और हर साल की तरह हम शिक्षक दिवस मनाने के लिए यहां इकट्ठे हुए हैं। इस अवसर पर इस कार्यक्रम की मेजबानी करते हुए मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूँ। आज शिक्षक दिवस के दिन, मैं उन महान व्यक्तित्वों में से एक के बारे में बात करना चाहता हूं। जो है डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, जिनकी मैं सदैव प्रशंसा करता हूं औऱ मुझे यकीन है कि उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए हर कोई इस महान मिसाइल मैन की प्रशंसा करता है। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मेरे लिए एक महान प्रेरणा स्त्रोत रहे है और उनकी पूरी जीवन यात्रा ने मेरे जीवन को सकारात्मक रुप से परिवर्तित करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हम सभी जानते हैं कि डॉ. कलाम एक भारतीय वैज्ञानिक और एक उदार राजनेता थे। जिन्होंने 2002 से 2007 तक राष्ट्रपति के रूप में भारत की सेवा की। डॉ. कलाम 15 अक्टूबर, 1931 को एक मुस्लिम परिवार में पैदा हुए थे। उनका पूरा नाम अवल पाकिर जैनुलबदीन अब्दुल कलाम है। डॉ कलाम एक तेज छात्र और आज्ञाकारी बालक थे, जिन्होंने आजीविका अर्जित करने में अपने परिवार की मदद की। उनका जन्म भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित धनुष्कोदी में हुआ था। एक बच्चे के रूप में डॉ. कलाम ने जब आकाश में पक्षियों को उड़ते देखा तब उनके मन में हवाई यात्रा के प्रति आकर्षण पैदा हुआ। डॉ. कलाम के विमान उड़ाने का शौक और भी दृढ हो गया, जब उन्होंने समाचार पत्र में ब्रिटिश लड़ाकू विमान के बारे में एक लेख देखा। उनके पिता का पेशा नाव बनाने और उसे किराए पर देने का था। कलाम एक बहुत ही उज्ज्वल और मेहनती छात्र थे। अपने पिता का आर्थिक रुप से समर्थन करने के लिए वे अपने इलाके में समाचार पत्र वितरित किया करते थे, लेकिन वे हमेशा अध्ययन के प्रति रुचि रखते थे; वे बहुत ही होनहार छात्र थे, उन्हें विज्ञान और गणित में अधिक रुचि थी। स्कूल खत्म होने के बाद डॉ. कलाम सेंट जोसेफ कॉलेज गए और एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिग्री अर्जित करने के लिए उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाखिल लिया। वे हमेशा से एक होनहार छात्र थे और उन्होंने अपने स्कूल तथा कॉलेज में जितना संभव हो सके उतना ज्ञान हासिल किया। डॉ. कलाम स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद भारत के रक्षा विभाग में भर्ती हो गए। भारत की परमाणु क्षमता के विकास में वे प्रमुख व्यक्तियों में से एक थे। उन्होंने अपने योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान अर्जित किया। 1998 में विभिन्न सफल परीक्षणों के लिए राष्ट्रीय नायक कलाम को ‘मिसाइल मैन’ का खिताब दिया गया था। डॉ. कलाम मई 1998 में शुरू किए गए पोखरण-द्वितीय परीक्षणों में एक प्रमुख व्यक्ति थे। पोखरण-2 परीक्षण के समय राजस्थान के रेगिस्तान में कुल 5 परमाणु उपकरणों का विस्फोट हुआ था। हालांकि 2002 में राजनीति ने कभी भी डॉ. कलाम को लुभाया नहीं, फिर भी भारत की सत्ताधारी पार्टी नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस ने उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए खुद को नामित करने का अनुरोध किया। एनडीए के समर्थन से, डॉ कलाम ने चुनाव जीता और भारत के 11वें राष्ट्रपति बन गये। एक राष्ट्रपति के रूप में, डॉ कलाम एक बहुत ही सरल जीवन जीते थे और युवा छात्रों को सफल जीवन जीने और देश की सेवा करने के लिए सदैव प्रेरित करते थे। लोगों के राष्ट्रपति के रूप में सम्मानित, डॉ कलाम ने अपने पांच साल के राष्ट्रपति पद के दौरान युवा छात्रों और देश भर के लोगों के साथ 500,000 से अधिक बैठकें आयोजित की। डॉ. कलाम की इस लोकप्रियता ने उन्हें वर्ष 2003 और 2006 के लिए एमटीवी द्वारा आयोजित ‘युवा चिह्न’ का पुरस्कार प्रदान किया। डॉ. कलाम ने भारत को 1 सत्र तक राष्ट्रपति के रूप में सेवा दी और 27 जुलाई, 2015 को हार्ट अटैक के कारण उनकी मृत्यु हो गई। वे कई विश्वविद्यालयों में एक अतिथि प्राध्यापक तथा प्रेरक शिक्षक की भूमिका निभाते थे। डॉ. कलाम सभी के लिए एक आदर्श रहे और प्रत्येक व्यक्ति उनकी इन उपलब्धि, योगदान और सादगी के लिए उनका सम्मान करते है। मैं हर छात्र को डॉ कलाम के मार्ग का पालन पर चलने और पूरे सम्मान से जीवन जीने के लिए, अपील करता हूं। धन्यवाद

APJ Abdul Kalam speech in bengali

আজ 15 অক্টোবর, যা বিশ্বের বিখ্যাত ‘মিসাইল ম্যান অব ইন্ডিয়া’ এর জন্ম তারিখ ড। এপিজে আব্দুল কালাম। তিনি ডিআরডিওর সবচেয়ে বিখ্যাত ব্যক্তিদের মধ্যে একজন ছিলেন এবং এজন্যই আমরা ডিআরডিওতে তার উত্সব উদযাপন করে উদযাপন করি। ড। কালামের পুরো জীবন যাত্রা প্রত্যেকের জন্য এবং বিশেষ করে ডিআরডিওতে কাজরত মানুষের জন্য একটি অসাধারণ অনুপ্রেরণা হয়েছে। আবদুল কালাম একজন বিখ্যাত বিজ্ঞানী এবং একজন সুপরিচিত প্রকৌশলী ছিলেন। ২00২ থেকে ২007 সাল পর্যন্ত তিনি ভারতের রাষ্ট্রপতি হিসাবেও দায়িত্ব পালন করেন। ২00২ সালে রাষ্ট্রপতি নির্বাচিত হওয়ার পরে তিনি ইতিমধ্যেই একজন সফল এবং সর্বাধিক প্রিয় ব্যক্তি ছিলেন। ড। কালাম চার দশক ধরে ডিআরডিও (ডিফেন্স রিসার্চ অ্যান্ড ডেভেলপমেন্ট অর্গানাইজেশন) এবং ইস্রো (ইন্ডিয়ান স্পেস রিসার্চ অর্গানাইজেশন) এর মতো বিভিন্ন মর্যাদাপূর্ণ প্রতিষ্ঠানগুলিতে বিজ্ঞানী প্রশাসক ও বিজ্ঞানী হিসাবে অতিবাহিত করেছিলেন। কলম তামিলনাডুতে খুব নিচু দক্ষিণ ভারতীয় পরিবারে জন্মগ্রহণ করেন। তাঁর পিতা সমুদ্র উপকূলে কাজরত জেলেদের নৌকা বানিয়ে ভাড়া করেছিলেন। শিশু হিসাবে ডঃ কালাম অত্যন্ত আশাবাদী ছাত্র ছিলেন; তিনি ফ্লাইট দিকে একটি বিরাট আকর্ষণ ছিল এবং পরে তিনি Aeronautics অধ্যয়ন গিয়েছিলাম। তিনি মাদ্রাজ ইনস্টিটিউট অফ টেকনোলজি থেকে মহাকাশ প্রকৌশল বিভাগে ডিগ্রি সম্পন্ন করেন। যদিও তিনি একটি যোদ্ধা পাইলটে পরিণত হতে চান তবে তিনি আইএএফ (ভারতীয় বিমান বাহিনী) এর জন্য যোগ্যতা অর্জন করেননি। এরপর তিনি একজন বিজ্ঞানী হিসেবে ডিআরডিওতে যোগদান করেন এবং পরে তিনি এইরোতে স্থানান্তরিত হন। গবেষণা ও উন্নয়নের ক্ষেত্রে তাঁর উল্লেখযোগ্য অবদানের কারণে তিনি অবশেষে তৎকালীন প্রধানমন্ত্রী অ্যাটল বেহরী বাজপেয়ীর প্রধান বৈজ্ঞানিক উপদেষ্টা হয়ে ওঠে। জাতীয় উপদেষ্টা হিসেবেও তিনি বিশ্বের বিখ্যাত পরমাণু পরীক্ষায় বিশিষ্ট ভূমিকা পালন করেছেন: পোখরান ২। জনপ্রিয়ভাবে গণপ্রজাতন্ত্রী হিসাবে পরিচিত, ড। কালাম এক সময়ের জন্য রাষ্ট্রপতি পদ ছেড়ে চলে যান। পরে তিনি আন্না বিশ্ববিদ্যালয়ের অধ্যাপক হন এবং এয়ারস্পেস ইঞ্জিনিয়ারিং শেখেন। তিনি একজন ভিজিটর প্রফেসর ছিলেন এবং বেশ কয়েকজন তরুণ-ছাত্রী ও অন্যান্য প্রতিষ্ঠানের মানুষকে অনুপ্রাণিত করেছিলেন। কালামের পুরো জীবন যাত্রা আমাদের প্রত্যেকের জন্য একটি মহান অনুপ্রেরণা ছিল। তিনি একজন উদার জাতীয়তাবাদী ছিলেন এবং বিশ্বটি তাকে “ভারতের ক্ষেপণাস্ত্রের লোক” ডাকনাম দ্বারা জানে। যদিও একজন অনুশীলনশীল মুসলিম, ড। কালাম নিজেও ভারতের বিস্তৃত সংস্কৃতিতে জড়িত ছিলেন। তাঁর অতিরিক্ত সময়ে, তিনি ভারতীয় শাস্ত্রীয় সংগীত এবং হিন্দুধর্মের সবচেয়ে পবিত্র গ্রন্থগুলির মধ্যে একটি পড়েন: ভগবত গীতা। ড। কালাম 40 টিরও বেশি বিশ্ববিদ্যালয় থেকে সম্মানিত ডক্টরেটসহ বিভিন্ন সম্মান অর্জন করেন। তিনি 1 9 81 সালে পদ্মা ভূষণ পুরস্কার, 1 990 সালে পদ্মভূষণ এবং ভারতের প্রতিরক্ষা প্রযুক্তি আধুনিকায়নের ক্ষেত্রে তাঁর অসাধারণ অবদানের জন্য 1997 সালে ভারতকে ‘ভারত রত্ন’ সর্বাধিক বেসামরিক পুরস্কার পান। একজন মহান বিজ্ঞানী এবং মহান ব্যক্তিত্ব হওয়ার পাশাপাশি, তিনিও একজন উজ্জ্বল লেখক ছিলেন। 1999 সালে তিনি তাঁর আত্মজীবনী উইংস অফ ফায়ার সহ বেশ কয়েকটি বই লিখেছিলেন যা ভারতের যুবকদের জন্য একটি বিশাল প্রেরণা। কালাম সবসময়ই একটি সাধারণ জীবনযাপন করতেন এবং তিনি একজন সুশীল ব্যক্তিত্ব ছিলেন। তিনি ভারতের জন্য স্বীকৃত কিছু করার প্রতি সর্বদা উত্সাহী ছিল। তিনি 2011 সালে “আমি কি আন্দোলন দিতে পারি” তৈরি করেছিলেন; এটি একটি সহানুভূতিশীল সমাজের বিকাশের উদ্দেশ্যে তৈরি করা হয়েছিল। বৃহস্পতিবার হৃদরোগে আক্রান্ত হওয়ার কারণে ২7 জুলাই, ২015 তারিখে ড। কালাম মারা যান। শেষ যাত্রার সময় তিনি আইআইএম (ইন্ডিয়ান ইনস্টিটিউট অফ ম্যানেজমেন্ট), শিওলং এ বক্তৃতা দেন। এই কিংবদন্তি ব্যক্তিত্ব সম্পর্কে আমার এই সবই বলার আছে, যিনি ভারতের সামরিক বাহিনীকে শক্তিশালী করতে এবং তার উন্নত বুদ্ধিজীবী ও নৈতিক চিন্তার মাধ্যমে বিশ্বকে আলোকিত করার জন্য একজন ভারতীয় রাষ্ট্রপতি হিসেবে তার সময়কালে কঠোর পরিশ্রম করেছিলেন। ধন্যবাদ

एपीजे अब्दुल कलाम पर स्पीच

प्रिय छात्रो – आप सभी को सुप्रभात! आज की कक्षा बाकी कक्षाओं से थोड़ी अलग होने जा रही है, क्योंकि आज मैं आपके पाठ्यपुस्तक से जुड़े किसी भी विषय पर चर्चा करने नहीं जा रहा हूं, बल्कि मैं आपको एक प्रतिष्ठित व्यक्ति के व्यक्तित्व के बारे में बातने जा रहा हूँ जिसकी प्रशंसा हर कोई करता है वो है हमारे आदरणीय डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जिन्हें लोग अपनी प्रेरणा मानते है और उन्हें मिसाइल मैन ऑफ इंडिया का शीर्षक भी प्रदान किया गया, वे हमारे भारत के 11वें राष्ट्रपति भी रहे, परन्तु हमे खेद है कि आज ये प्रतिष्ठित व्यक्ति हमारे बीच नहीं रहे। वे एक महान वैज्ञानिक, गहन विचारक और प्रेरक वक्ता भी थे। हम सभी के लिए वास्तव में एक प्रेरणादायक व्यक्ति डॉ. कलाम जिन्होंने भारत के एक दूर-दराज के रामेश्वरम नामक दक्षिणी भारतीय गांव में एक बहुत ही सामान्य पृष्ठभूमि वाले परिवार में जन्म लिया था। यह वह स्थान था, जहां उन्हें एक चलती ट्रेन से फेंके जाने वाले समाचार पत्रो के बंडलों को इकट्ठा करने का पहला काम मिला। उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों को हर किसी, खासतौर से बच्चों के साथ साझा किया और बताया है कि, कैसे वे अपनी पहली कमाई और काम करने के उन दिनों को याद करके कीतना गर्व महसूस करते है। लेकिन ये महान व्यक्ति जिसने लाखों लोगों को प्रेरित किया, उन्होंने भी कई प्रतिष्ठित लोगों से प्रेरणा ली जिनसे उन्हें भारत के मिसाइल मैन की उपाधि प्राप्त करने में मदद मिली। आइए उन व्यक्तित्वों में से एक के बारे में जानें जिन्होंने डॉ. कलाम के व्यक्तित्व को आकार देने में मदद की। सबसे पहले, इयादुराई सुलैमान जो कलाम के अध्यापक थे और जिससे कलाम को बहुत लगाव था। इयादुराई सुलैमान के सोच प्रक्रिया से कलाम बहुत प्रभावित हुए औऱ उन्होंने उन्हें एक मंत्र दिया, वह यह था कि “जीवन में सफल होने और परिणामों को प्राप्त करने के लिए, आपको तीन शक्तिशाली शक्तियों, इच्छा, विश्वास और अपेक्षाओं को समझना चाहिए।” इयादुराई सुलैमान वास्तव में एक महान शिक्षक थे, क्योंकि उन्होंने अपने छात्रों के व्यक्तित्व को आकार देने और उनके अन्दर आत्मनिर्भरता की भावना ढूंढने में उनकी सदैव मदद किया करते थे। उन्होंने अब्दुल कलाम को बताया कि “विश्वास के साथ, आप अपना भाग्य भी बदल सकते हैं।” यहीं से कलाम की वास्तविक यात्रा शुरू हुई औऱ उन्होंने लोगो को प्रेरणा दी और उनकी भलाई के लिए अनेक काम किए। उन्हें इस बात पर दृढ़ विश्वास था कि, भले ही उनके माता-पिता अशिक्षित है फिर भी वह संसार में अपने कार्यो से एक अमिट छाप छोड़ सकते है। बचपन के दिनों में डॉ अब्दुल कलाम आकाश में पक्षियों को उड़ते देख उनसे बहुत ही प्रभावित रहते थे। इसके अलावा दिलचस्प बात यह भी थी कि वे रामेश्वरम से विमान यात्रा करने वाले पहले व्यक्ति बने। कई सालों बाद जब अब्दुल कलाम मदुरै कामराज विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के कार्यक्रम में गये तो उन्होंने अपने सबसे पसंदीदा शिक्षक रेव इयादुराई सुलैमान को मंच पर देखा। जब उन्होंने अपना भाषण समाप्त किया तो, डॉ अब्दुल कलाम उनके आगे सिर झुकाया और कहा, “सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पुरे हो जाते हैं”। उसके शिक्षक ने बदले में उनसे दबे हुए स्वर में कहा, “आपने न केवल अपने लक्ष्यों को प्राप्त किया है, कलाम, बल्कि आपने उन्हें ग्रहण किया है”। डॉ कलाम ने हर काम में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और अपने कार्यो से न केवल अपने शिक्षक बल्कि पूरे देश को गर्व महसूस कराया। इसलिए छात्रों आप सभी उनके द्वारा बताये गये नक्शेकदम का पालन करे और ईमानदारी से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में कार्य करे। धन्यवाद

APJ Abdul Kalam speech in english for students

Respected Principal, Teachers and Dear Students! Today is 5th September and like every year we have assembled here to celebrate the Teachers Day. I am extremely honored to have been given the opportunity to host this program. On the day of teacher’s day, I would like to talk about one of the greatest personalities who I admire a lot, Dr.APJ Abdul Kalam. I am sure everyone admires the great missile man for his notable contributions to our nation. Dr. APJ Kalam has been a great motivation for me and his entire life journey has played a very significant role in transforming my life in a positive way. We all know that Dr. Kalam was an Indian scientist and a benevolent politician who served India as the President from the year 2002 to 2007. His full name was Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam. Born on October 15, 1931, into a Muslim family, Dr. Kalam was a sharp student and an obedient child who helped his family in earning the livelihood. He was born in Dhanushkodi located on the southeastern coast of India. As a child, Dr. Kalam developed a great fascination with air travel by watching birds. This hobby of Kalam later developed into a mission to join aeronautics; the mission got stronger after he saw an article in the newspaper about a British fighter plane. His father’s profession was to build and rent boats. Kalam was a very bright and hardworking student. He distributed newspapers in his locality to support his father. But he always had great interest towards studies; he was a very promising student and showed enormous likings towards science and mathematics. Dr. Kalam went to St. Joseph’s College after passing from school and attended Madras Institute of Technology to earn his degree in aeronautical engineering. He was always a promising student and grasped as much knowledge as possible in his school and college. Dr. Kalam joined the defense department of India after completing his graduation. He was one of the prominent figures in developing India’s nuclear capabilities. He earned several accolades and respect for his contributions. Considered as the national hero for various successful tests in 1998, Kalam was given the title of ‘Missile Man’. Dr. Kalam was also a key figure in the Pokhran-II tests launched in May 1998. A total of 5 nuclear devices were exploded in the deserts of Rajasthan in the Pokhran-II test. Though Politics never enticed Dr. Kalam, in the year 2002, the then ruling party of India National Democratic Alliance requested him to nominate himself for the President’s post. With the support of NDA, Dr. Kalam won the election and became the 11th President of India. As a President too, Dr. Kalam lived a very simple life and motivated young students to live a successful life and serve the nation. Regarded as the President of the people, Dr. Kalam conducted over 500,000 one-to-one meetings with young students and people across the nation during his five-year Presidential term. This immense popularity of Dr. Kalam earned him the award of ‘Youth Icon’ for the year 2003 and 2006 hosted by MTV. Dr. Kalam served India as the president for 1 term and died due to cardiac arrest on July 27, 2015. He was a visiting professor and motivational guru at several universities. Dr. Kalam has been a legend and every person respects this great personality for his achievements, contributions and his simplicity. I appeal to every student to follow the path of Dr. Kalam and live an honorable life throughout. Thank You

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speech on abdul kalam in hindi

माय विज़न फॉर इंडिया – अब्दुल कलाम | APJ Abdul Kalam Speech

माय विज़न फॉर इंडिया – अब्दुल कलाम / APJ Abdul Kalam Speech – डॉ. कलम ने हैदराबाद के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (IIT) में 25 मई 2011 को अपना सबसे बेहतरीन भाषण दिया था, जहाँ उन्होंने भारत के बारे में अपने विज़न को बताया था। आइये Dr. Abdul Kalam का पुरे भाषण को पढ़ते है।

IIT टेक-फेस्ट उद्घाटन भाषण – APJ Abdul Kalam Speech हैदराबाद

APJ Abdul Kalam Speech - My Vision For India

माय विज़न फॉर इंडिया – अब्दुल कलाम – APJ Abdul Kalam Speech – My Vision For India

मैं ने भारत के लिये तीन सपने देखे है। हमारे 3000 साल के इतिहास में, दुनिया के अलग-अलग कोनो से लोग भारत में आये और हमें लूटकर चले गए, हमारी जमीन हथिया ली, हमारे दिमाग को गुलाम बनाया। एलेग्जेंडर से लेकर ग्रीक, तुर्क, मुघल, पुर्तगाल, ब्रिटिश, फ्रेंच, डच सभी ने हमारे देश को लुटा। ये सभी हमारे देश में आये हमें लूटा और जो कुछ भी हमारा था वो सब ले गए। लेकिन आज तक हमने ऐसा दुसरे किसी देश के साथ नही किया। हमने किसी को भी अपना गुलाम नही बनाया।

हमने किसी भी देश की जमीन नही हथियाई, किसी देश की संस्कृति को ठेस नही पहुचाई और ना ही किसी देश के लोगो के जीने के तरीके को बदलने की कोशिश की। ऐसा हम क्यों करते है? क्योकि हम दूसरो की आज़ादी का सम्मान करते है।

इसीलिए मेरा पहला सपना आज़ादी ही है। मेरा मानना है की भारत ने आज़ादी का पहला सपना 1857 में ही देख लिया था, जब हमने आज़ादी की लढाई शुरू की थी। इसी आज़ादी को बादमे हमे सुरक्षित किया और उसका पालन पोषण कर आगे आज़ादी का निर्माण किया। यदि हम आज़ाद नही होते तो आज कोई हमारा आदर नही करता।

मेरा दूसरा सपना भारत के विकास का है। पचास साल से हमारा देश विकासशील देश है। लेकिन यह समय देश को विकसित देश बनाने का है। जीडीपी की दर से देखा जाये तो हम दुनिया के शीर्ष 5 देशो में से एक है। बहुत से क्षेत्रो में हमारा विकास दर 10% है। हमारा गरीबी स्तर भी दिन-ब-दिन कम होते जा रहा है। आज हमारी उपलब्धिया वैश्विक स्तर पर आंकी जा रही है। लेकिन फिर भी हम अपने देश को एक विकसित देश के रूप में नही देख पा रहे है, इसकी सबसे बड़ी वजह आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता और स्व-निश्चितता में कमी होना है। क्या ये गलत नही है?

मेरा तीसरा सपना भी है। भारत दुनिया में सबसे उपर होना चाहिये। क्योकि मेरा ऐसा मानना है की भारत जबतक दुनिया में सबसे उपर खड़ा नही होता, तबतक कोई हमारा सम्मान नही करेंगा। क्योकि ताकत ही ताकत का सम्मान करती है। हमें केवल सैन्य शक्ति से ही नही बल्कि आर्थिक शक्ति से भी मजबूत होने की जरुरत है। हमें हाथ में हाथ मिलाकर आगे बढ़ना है। मेरी किस्मत अच्छी है की मैंने तीन महान दिमाग के साथ काम किया है।

स्पेस डिपार्टमेंट के डॉ. विक्रम साराभाई , प्रोफेसर सतीश धवन और नुक्लेअर मटेरियल के जनक डॉ. ब्रह्म प्रकाश। मै बहुत लकी हूँ की इन तीन महाज्ञानियों के साथ मुझे काम करने का मौका मिला। मैंने अपने करियर में चार मील के पत्थर देंखे :

20 साल इसरो (ISRO) में बिताये। मुझे भारत के पहले सॅटॅलाइट लांच व्हीकल, SLV3 का प्रोजेक्ट डायरेक्टर बनने का मौका मिला था। उसी का जिसने पहले रोहिणी को लांच किया था। मेरी विज्ञान की जिंदगी में इसने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसरो के बाद मै DRDO में शामिल हो गया और वहाँ मुझे भारत के मिसाइल प्रोग्राम का हिस्सा बनने का मौका मिला।

1994 में जब जब अग्नि की सभी जरूरतों को पूरा करने के बाद उसका संबंध मौसम विभाग से हुआ तो वह मेरा दूसरा सबसे आनंदित पल था।

11 और 13 मई को डिपार्टमेंट ऑफ़ एटॉमिक एनर्जी और DRDO ने नुक्लेअर टेस्ट में अहम भागीदारी निभाई थी। यह मेरे लिये तीसरा सबसे आनंदित पल था। नुक्लेअर टेस्ट की टीम में हिस्सा लेने की ख़ुशी और दुनिया को ये बताने की ख़ुशी की इसे भारत ने बनाया है, इसका असर हमारे देश के विकास पर जरुर पड़ेगा यह मै जानता था। इस समय मुझे अपने भारतीय होने पर काफी गर्व महसूस हो रहा था।

हम जानते थे की हमें अग्नि को विकसित करने की जरुरत है और इसके लिये हमने उसे पुनर्स्थापित किया, और नये मटेरियल का उपयोग कर अग्नि को विकसित किया। जिसमे बहुत ही हल्के मटेरियल कार्बन का उपयोग किया गया था।

एक दिन निज़ाम इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस के ओर्थपेडीक सर्जन मेरी प्रयोगशाला को देखने आये। उन्होंने मटेरियल को उठाया और पाया की वह काफी हल्का है और वे मुझे अपने अस्पताल ले गए और मुझे अपने मरीज दिखाने लगे। जहाँ एक छोटी लड़की और लड़का तीन किलो के मेटलिक कैलिपर को अपने पैरो पर बांधकर पैरो को घसीट रहे थे।

उन्होंने मुझसे कहाँ : कृपया मेरे मरीजो के दर्द को कम कीजिये। तीन हफ्तों में ही हमने ओर्थोसिस 300 ग्राम का कैलिपर तैयार किया और उसे ओर्थपेडीक सेंटर ले गए। वहाँ बच्चो को अपनी आँखों पर भरोसा नही हो रहा था। अब वे आसानी से कही भी आ-जा सकते थे। उनके माता-पिता के आँखों में भी अपने बच्चो को देखकर आंसू झलक रहे थे। यह मेरा चौथा सबसे आनंदित पल था।

यहाँ का मीडिया इतना नकारात्मक क्यों है? क्यों हम भारत में अपनी ही ताकत और उपलब्धियों को बताने से शर्माते है? हमारा देश एक महान देश है। हमारी देश के सफलता की बहुत कहानियाँ है लेकिन हम कभी उन्हें जानने की कोशिश नही करते। क्यों?

  • दूध के उत्पादन में हमारा देश पहला है।
  • रिमोट सेंसिंग सॅटॅलाइट में हम नंबर 1 पर है।
  • गेहूँ के उत्पादन में हमारा देश दूसरा सबसे बड़ा देश है।
  • चावल का उत्पादन करने वाला हमारा देश दूसरा सबसे बड़ा देश है।

डॉ. सुदर्शन को ही देखिये, उन्होंने एक जनजातीय गाँव को आत्मनिर्वाह, स्वचलित गाँव में परिवर्तित कर दिया।

ऐसी बहुत सी उपलब्धियाँ हमारे देश ने हासिल की है लेकिन मीडिया हमारे हमारे देश की बुरी बातो, आपदाओ, असफलताओ और गंदगी को ही प्रकाशित करता है।

एक बार जब मै टेल अवीव में था तब मै इसरायली अखबार पढ़ रहा था। इसके एक दिन पहले ही वहाँ कई अटैक और बमबारी हुई थी जिसमे कई लोगो की जान भी चली गयी थी। लेकिन फिर भी अखबार के पहले पेज पर एक यहूदी इंसान की तस्वीर छपी हुई थी जिसने रेगास्तानी जमीन को पाँच साल में हरी-भरी जमीन में बदल दिया था।

यह एक प्रेरणादायी तस्वीर थी जो कई लोगो को जगा सकती थी। जबकि अटैक, बमबारी, मरे हुए लोगो की जानकारी अखबार के अंदर के पन्नो पर थी। भारत में हम सिर्फ मौत. दर्द, आतंकवाद, क्राइम के बारे में पढ़ते है। हम इतने ज्यादा नकारात्मक क्यों है?

एक और प्रश्न : हम एक राष्ट्र के तौर पर अपने देश को विदेशी चीजो से क्यों ग्रसित करते है? हम विदेशी टीवी चाहते है, हम विदेशी शर्ट चाहते है, हम विदेशी टेक्नोलॉजी चाहते है। क्या ऐसा करना जरुरी है? क्या हम इस बात को नही जानते की आत्मसम्मान आत्मनिर्भरता से ही आता है? मै हैदराबाद में जब अपना लेक्चर दे रहा था तब एक 14 साल की लड़की ने मुझे ऑटोग्राफ के लिये पूछा । तब मैंने उससे पूछा की जिंदगी में उसका क्या लक्ष्य है। उसने जवाब दिया : मै विकसित भारत में रहना चाहती हूँ। उसके लिये, तुम्हे और मुझे मिलकर एक विकसित भारत का निर्माण करना है। आपको इस बात का ऐलान करना चाहिये की भारत एक विकासशील देश नही बल्कि पूरी तरह से विकसित देश है।

क्या आपके पास 10 मिनट है? मुझे प्रतोशोध के साथ आने की आज्ञा दीजिये। आपको अपने देश के लिये 10 मिनट मिले है? यदि हाँ, तो इसे पढिये, वर्ना आपकी इच्छा।

  • तुम कहते हो की हमारी सरकार अयोग्य है।
  • तुम कहते हो की हमारा कानून बहुत पुराना है।
  • तुम कहते हो की महानगरपालिका कूड़े-कचरे को नही उठाती।
  • तुम कहते हो की फ़ोन काम नही करता, रेल्वे एक जोक है, हमारी एयरलाइन दुनिया में सबसे ख़राब है, गाड़िया कभी अपने निर्धारित स्थान तक नही पहुचती।
  • तुम कहते हो की हमारा देश कुत्तो से भरा हुआ है और देश में गड्डे ही गड्डे है।
  • तुम कहते हो, कहते हो और कहते रहते हो।
  • तुमने इसके लिये क्या किया? इस रास्ते में सिंगापुर के एक इंसान को लीजिये।

सिंगापुर में आप सिगारेट को रास्तो पर नही फेंक सकते और ना ही दुकान के अंदर सिगारेट का सेवन सकते है। तुम उसी तरह उनके जमीन के अंदर के रास्तो का गर्व करोंगे जैसे वे लोग है। बगीचे वाले रास्ते पर से गाड़ी चलाने के लिये तुम्हे वहाँ 5$ देने की जरुरत होंगी, वो भी तुम 5 PM से 8 PM तक ही चला सकते हो। यदि तुम गाड़ी पार्क करना चाहो तो तुम्हे वहाँ टिकट लेनी पड़ेंगी। यदि तुम्हे किसी रेस्टोरेंट में रहना है तो वहाँ सबसे पहले तुम्हे अपनी पहचान बतानी होंगी।

सिंगापुर में तुम कही भी कुछ भी नही बोल सकते। दुबई में रामदान के समय में आप सामाजिक स्थानों पर कुछ खाने की हिम्मत भी नही कर सकते। अपने सिर को जेद्दाह से ढंके बिना आप कही बाहर भी नही निकाल सकते।

वाशिंगटन में तुम 55 mph से ज्यादा की स्पीड में गाड़ी नही चला सकते और ना ही ट्रैफिक पुलिस को ये कह सकते, “जानता है मै कौन हूँ?” तुम ये भी नही कह सकते की मै उसका या इसका बेटा हूँ। ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैण्ड में खाली नारियल को आप कही भी नही डाल सकते आपको उसे कचरे के डिब्बे में ही डालना होता है। टोक्यो में आप पान को कही भी नही थूंक सकते। बोस्टन में आप जाली दस्तावेज और सर्टिफिकेट बनाने की कोशिश क्यों नही करते? हम अभी भी तुम से ही बात कर रहे है।

तुम अपने देश में विदेशी सिस्टम का सम्मान कर सकते हो लेकिन अपने देश में अपने ही देश के सिस्टम का सम्मान नही कर सकते। भारतीय जमीन पर कदम रखते ही तुम रास्तो पर पेपर और सिगारेट फेंकना शुरू कर देते हो। यदि विदेशो में आप विदेशो की तरह रहतो हो और उनके नियमो का पालन करते हो तो अपने ही देश में हमारे नियमो का पालन क्यों नही करते?

एक बार इंटरव्यू में बॉम्बे के प्रसिद्ध म्युनिसिपल कमिश्नर मी. तिनैकर ने कहा था की, “अमीर लोगो के कुत्ते सडको पर घूमते है और सभी जगहों पर गन्दगी कर चले जाते है।” इसके बाद उनपर बहुत से लोगो ने अपनी प्रतिक्रियाये भी व्यक्त की थी और बहुत से लोगो ने उनकी आलोचना भी की थी। अमेरिका में कुते का मलिक खुद अपने कुत्ते के गंदगी करने के बाद उसे खुद साफ़ करता है। ऐसा ही जापान में भी होता है। लेकिन क्या भारतीय नागरिक ऐसा करते है? बल्कि हम गंदगी फ़ैलाने के लिये सरकारी पोल का चुनाव करते है और फिर गंदगी के लिये उसी सरकार को दोषी ठहराते है।

  • क्या यह हमारी जिम्मेदारी नही है?
  • क्या हर काम सरकार का ही होता है?
  • क्या सरकार को ही हमारे घर?
  • आस-पास और रास्तो का कूड़ा-कचरा साफ़ करना चाहिये? क्या इसीलिए हमने उनका चुनाव किया है?

हम सरकार से आशा रखते है की वह रास्तो को साफ़ रखे लेकिन उनके द्वारा बनाये कूड़ादान में हम कभी कचरा डालना पसंद नही करते। हम चाहते है की रेल्वे में हमें साफ़ बाथरूम मिले लेकिन हम रेल्वे के बाथरूम का सही उपयोग करना नही जानते।

हम चाहते है की भारतीय एयरलाइन और एयर इंडिया अच्छा खाना दे लेकिन हम उनकी बदनामी करना और बद्तमीजी से बात करना नही छोड़ सकते। जब सामाजिक मुद्दों की बात की जाये विशेषतः महिलाओ से संबंधित जैसे दहेज़, कन्या भ्रूण हत्या या इत्यादि तो ऐसे मौको पर हम विशाल पोस्टर बनाते है और रास्तो पर घेराबंदी कर शोर-शराबा करते है। और सिस्टम को बदलने की मांगे करते है। लेकिन कैसा होंगा यदि हम अपने ही बेटे की शादी में दहेज़ लेने से इंकार कर दे?

कौन इस सिस्टम को बदलना चाहेंगा? सिस्टम में क्या-क्या शामिल है? देखा जाये तो सिस्टम में हमारे ही पडोसी, घर के सदस्य, शहर, दुसरे समुदाय और चुनी हुई सरकार शामिल है। लेकिन जैसा की हम व्यवहार करते है उसके अनुसार सिस्टम में सब शामिल है सिवाय तुमको और मुझको छोड़कर। जब सिस्टम को बदलने के लिये सकारात्मक योगदान देने की बात आती है तो हम अपनेआप को अपने परिवार के अंदर बंद कर देते है। और चाहते है की कोई इंसान आये और कोई चमत्कार कर सबकुछ बदल जाये। जब भारत अच्छा नही लगता तो हम न्यू यॉर्क चले जाते है। जब न्यू यॉर्क असुरक्षित लगता है तो हम इंग्लैंड चले जाते है।

जब इंग्लैंड में हमें बेरोजगारी दिखाई देती है तो हम गल्फ देशो में चले जाते है। और जब गल्फ में भी हमे युद्ध दिखाई देते है तो हम वापिस अपने परिवार के साथ भारत आ जाते है।

आज हर कोई देश के बाहर जाकर रहना चाहता है। लेकिन् कोई भी सिस्टम को खुद होकर सुधारना नही चाहता।

तो आइये हम वो करे जो डॉ. कलाम हमसे चाहते थे। और देश के तरक्की का सपना पूरा करे।

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8 thoughts on “माय विज़न फॉर इंडिया – अब्दुल कलाम | APJ Abdul Kalam Speech”

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Thank you so much Gyanipandit.Com editorial team for articles.

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Gajab ka speech sir Ji… I am very happy. me bi deshbhkti ke prti bhuth paaln krtha hu |||

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5 Best Speech on APJ Abdul Kalam [Short & Long]

  • 1 1st-APJ Abdul Kalam Speech (25 Min)
  • 2 2nd-APJ Abdul Kalam Speech (20 Min)
  • 3 3rd-APJ Abdul Kalam Speech (15 Min)
  • 4 4th-APJ Abdul Kalam Speech (10 Min)
  • 5 5th-APJ Abdul Kalam Speech (5 Min)
  • 6.1 Who is APJ Abdul Kalam?
  • 6.2 Why is APJ Abdul Kalam famous?
  • 6.3 What were some of APJ Abdul Kalam’s achievements?
  • 6.4 What was APJ Abdul Kalam’s philosophy?
  • 6.5 What can we learn from APJ Abdul Kalam’s life and work?

Looking for an inspiring speech on the life and achievements of APJ Abdul Kalam? Our collection of 5 Best speeches on APJ Abdul Kalam describes about the remarkable journey of India’s missile man, highlighting his extraordinary contributions to science, education, and social welfare. These speeches will leave your audience motivated and inspired to match Kalam’s values of hard work, perseverance, and service to humanity.

APJ Abdul Kalam Speech

1st-APJ Abdul Kalam Speech (25 Min)

APJ Abdul Kalam Speech

Dear fellow citizens,

I stand before you today to pay tribute to one of the greatest scientists and leaders that India has ever produced – Dr. APJ Abdul Kalam. He was a man who dedicated his life to the betterment of our nation and inspired millions of people with his vision and ideas.

Born in a small village in Tamil Nadu, Dr. Kalam rose to become a prominent scientist and a respected public figure. He began his career as a scientist at the Defense Research and Development Organization ( DRDO ) and later moved on to the Indian Space Research Organization ( ISRO ). His contributions to India’s missile program earned him the nickname “Missile Man of India.”

But Dr. Kalam was much more than just a scientist. He was a true visionary who believed that India’s true potential lay in its people. He believed that education and innovation were the key to unlocking that potential and transforming India into a developed nation.

Dr. Kalam was a strong advocate for education and believed that every child in India had the right to quality education. He was a great teacher and mentor, and he always encouraged young people to pursue their dreams and never give up on their aspirations. He believed that if we want to build a better India, we must invest in our youth and empower them with the knowledge and skills they need to succeed.

One of Dr. Kalam’s most enduring legacies is his role as a public figure and leader. He served as the 11th President of India from 2002 to 2007 and was widely respected for his humility, integrity, and wisdom. During his tenure as President, he traveled extensively across the country, meeting with people from all walks of life and inspiring them with his vision for a better India.

Dr. Kalam was also a great writer and thinker. He authored several books, including “ Wings of Fire ,” an autobiography that chronicles his journey from a small village to the highest office in the land. He also wrote numerous essays and speeches on topics ranging from science and technology to spirituality and social issues.

One of Dr. Kalam’s most famous speeches was his address to the students of IIT Delhi in 2009. In that speech, he outlined his vision for India in the year 2020, which he called “ Vision 2020 .” He envisioned India as a developed nation that was self-reliant in all areas, including agriculture, industry, and defense. He believed that India could achieve this vision if it focused on innovation, education, and entrepreneurship.

Dr. Kalam was a man of great faith and spirituality. He believed that science and spirituality were not mutually exclusive but were complementary to each other. He often spoke about the need for harmony between science and spirituality and the importance of using technology for the betterment of humanity.

Dr. Kalam was a true patriot who loved his country and its people. He believed that India had the potential to become a great nation and that it was the duty of every citizen to work towards that goal. He often said, “We are all born with a divine fire in us. Our efforts should be to give wings to this fire and fill the world with the glow of its goodness.”

Finally, Dr. APJ Abdul Kalam was a great scientist, leader, and visionary who dedicated his life to the service of our nation. He inspired millions of people with his ideas and his humility, and his legacy will continue to inspire generations to come. As we remember him today, let us rededicate ourselves to the values that he stood for – education, innovation, and service to humanity. Let us work towards making India a developed nation that is a beacon of hope and progress for the world. Thank you.

2nd-APJ Abdul Kalam Speech (20 Min)

APJ Abdul Kalam Speech

Respected Audience,

I stand before you today to talk about one of the most revered and cherished leaders of our country, Dr. APJ Abdul Kalam. He was a man of great vision, courage, and determination who inspired millions of people not only in India but all around the world.

Dr. Kalam was born in Rameswaram , Tamil Nadu, on October 15, 1931. His parents were neither wealthy nor highly educated, but they instilled in him a love for education and learning. Kalam was a brilliant student from a young age and excelled in academics, especially in science and mathematics.

Despite the financial constraints, Kalam pursued his studies with great passion and dedication. He went on to earn a degree in Physics from St. Joseph’s College, Tiruchirappalli, and later completed his aeronautical engineering from Madras Institute of Technology.

After his education, Kalam joined the Defense Research and Development Organisation (DRDO) in 1958 as a scientist. He soon became involved in India’s missile development program and played a critical role in developing India’s first satellite launch vehicle.

Kalam’s contribution to India’s missile program was unparalleled. He was the chief architect of India’s nuclear-capable Agni and Prithvi missiles, which made India a major player in the global arms race. Kalam’s work was recognized with numerous awards and honors, including the prestigious Padma Bhushan and Padma Vibhushan.

In 1992, Kalam became the Scientific Advisor to the Defense Minister and later the Principal Scientific Advisor to the Government of India. During his tenure, he made significant contributions to the development of India’s nuclear program and played a key role in the Pokhran nuclear tests of 1998.

In 2002, Kalam was elected as the President of India, and he served in that role until 2007. As President, Kalam was known for his humility, simplicity, and accessibility. He was often referred to as the “People’s President” and was beloved by millions of Indians.

Kalam was not only a great scientist and leader, but he was also a gifted writer and poet. He authored numerous books, including Wings of Fire, India 2020, Ignited Minds, and My Journey: Transforming Dreams into Actions. His writings were not only inspirational but also provided a roadmap for India’s development.

Throughout his life, Kalam remained committed to education and youth empowerment. He believed that education was the key to unlocking India’s full potential and advocated for increased investment in science and technology education. He often spoke to school and college students, inspiring them to dream big and work hard to achieve their goals.

Kalam was a man of great faith and believed that science and spirituality were not mutually exclusive. He often spoke about the need to combine science and spirituality to create a better world. He believed that science should be used to alleviate human suffering and promote social justice.

Kalam was a rare leader who was loved and respected by people from all walks of life. His humility, kindness, and integrity made him a role model for millions of Indians. He was a man of great vision who inspired others to dream big and work hard to achieve their goals.

Sadly, Dr. Kalam passed away on July 27, 2015, while delivering a lecture at the Indian Institute of Management, Shillong. His death was a great loss to India and the world. However, his legacy lives on through the millions of people he inspired and the numerous initiatives he spearheaded.

In the end, Dr. APJ Abdul Kalam was a great scientist, leader, writer, and poet who left an indelible mark on India and the world.

3rd-APJ Abdul Kalam Speech (15 Min)

APJ Abdul Kalam Speech

Good Morning/Afternoon/Evening Everyone,

Today, I want to talk about a man who not only inspired millions of people in India but also touched the hearts of people around the world. He was a visionary, a scientist, a teacher, a writer, a philosopher, and above all, a great human being. I am talking about none other than the legendary Dr. APJ Abdul Kalam, also known as the “Missile Man of India.”

Dr. APJ Abdul Kalam was born on October 15, 1931, in Rameswaram, Tamil Nadu. He was born into a humble family and faced many challenges in his childhood. But he had a dream, a dream of becoming a scientist, and he pursued it with all his heart and soul. He studied physics and aerospace engineering and went on to become one of the most brilliant minds in the field of science and technology.

Dr. Kalam started his career as a scientist at the Defense Research and Development Organization (DRDO) in 1958. He worked on various projects related to missile technology and became the project director of India’s first satellite launch vehicle (SLV-III) in 1973. He also played a crucial role in the development of India’s ballistic missile program and was the chief architect of the Integrated Guided Missile Development Program (IGMDP).

Dr. Kalam’s contribution to India’s missile program earned him the nickname “Missile Man of India.” But he was much more than that. He was a great teacher, and he always believed in the power of education to transform the lives of people. He believed that education was the key to India’s development, and he dedicated his life to promoting it.

In 2002, Dr. Kalam became the President of India, and he used his position to spread the message of education and innovation. He traveled extensively throughout the country, meeting young students, and inspiring them to dream big and work hard. He also launched several initiatives to promote scientific research and technological innovation in the country.

Dr. Kalam was a man of many talents. He was not only a brilliant scientist and a great teacher but also a prolific writer. He wrote several books, including his autobiography, “Wings of Fire,” which became a bestseller in India. His books inspired millions of young people to follow their dreams and pursue a career in science and technology.

But above all, Dr. Kalam was a great human being. He had a kind heart and a compassionate soul, and he always believed in the power of love and humanity. He once said, “My message, especially to young people, is to have courage to think differently, courage to invent, to travel the unexplored path, courage to discover the impossible and to conquer the problems and succeed. These are great qualities that they must work towards. This is my message to the young people.”

Dr. Kalam’s life and work continue to inspire millions of people around the world. He passed away on July 27, 2015, but his legacy lives on. He will always be remembered as a true patriot, a great scientist, and a wonderful human being.

Finally, I want to say that Dr. APJ Abdul Kalam was not just a person; he was a phenomenon. He was a shining example of what a person can achieve if they have the courage to dream big and work hard. He was a role model for young people, and his message of hope, optimism, and hard work will continue to inspire generations to come. Let us honor his memory by working towards his vision of a better India, a better world, and a better future for all of us.

4th-APJ Abdul Kalam Speech (10 Min)

APJ Abdul Kalam Speech

Respected dignitaries, teachers, and my dear friends,

Today, I stand before you to talk about one of the greatest minds our country has ever produced – Dr. APJ Abdul Kalam. He was not just a scientist, but an inspiration, a role model, and a visionary who dedicated his entire life to serving the nation.

Dr. Kalam was born on 15th October 1931, in Rameswaram, Tamil Nadu. He belonged to a humble family, and his childhood was spent in hardship. However, his dedication and hard work helped him to rise above his circumstances and achieve great heights.

He started his career as a scientist and soon became a prominent figure in India’s missile development program. He was the chief architect of India’s first indigenous Satellite Launch Vehicle (SLV-III), which successfully deployed the Rohini satellite in the earth’s orbit. Dr. Kalam went on to lead several critical projects, including the Agni and Prithvi missiles, which brought him international recognition as a scientist.

However, Dr. Kalam was not content with just being a scientist. He believed that science and technology could play a crucial role in the development of the nation and its people. He was a man with a vision, a dream to see India as a developed nation, and he worked tirelessly towards achieving that dream.

Dr. Kalam was a prolific writer and a great orator. He wrote several books, including “Wings of Fire,” an autobiography that chronicles his life, and “India 2020,” a book that outlines his vision for India. He also delivered several speeches that inspired people and instilled in them a sense of patriotism and a belief in their abilities.

Dr. Kalam’s contributions to the field of science and technology were immense, but he was much more than just a scientist. He was a mentor, a guide, and a friend to millions of people. He believed in empowering the youth and nurturing their talents. He had a special connection with the students, and he always encouraged them to dream big and work hard to achieve their goals.

Dr. Kalam’s love for the nation was evident in everything he did. He was a true patriot who believed that every citizen of India had a role to play in its development. He was always concerned about the welfare of the people, and he worked tirelessly towards making India a better place to live in.

Dr. Kalam was a man of simplicity and humility. Despite his achievements, he remained grounded and always valued the opinions and ideas of others. He was a true leader who led by example and inspired people to follow in his footsteps.

Dr. Kalam’s life and achievements are an inspiration to us all. He showed us that with hard work, dedication, and a strong sense of purpose, we can achieve anything we want in life. He taught us to dream big, to think outside the box, and to never give up in the face of adversity.

At the end, Dr. APJ Abdul Kalam was a true son of India, a visionary, a scientist, a writer, and above all, a great human being. He left behind a legacy that will continue to inspire generations to come. Let us all strive to follow his footsteps and work towards making India a developed nation, just like he envisioned. Thank you.

5th-APJ Abdul Kalam Speech (5 Min)

APJ Abdul Kalam Speech

Born in a small village in Tamil Nadu in 1931, Kalam grew up in humble surroundings. Despite facing numerous challenges and obstacles, he was a bright student who worked tirelessly to achieve his goals. He went on to earn a degree in aerospace engineering and later joined the Indian Space Research Organization (ISRO).

Kalam’s contributions to India’s space and defense programs were invaluable. He played a key role in developing India’s first satellite launch vehicle and oversaw the development of the country’s first satellite. He was also instrumental in developing the country’s ballistic missile program, which earned him the nickname “Missile Man.”

However, Kalam’s achievements were not limited to his scientific and technological contributions. He was a true leader who inspired people from all walks of life. Kalam believed that education was the key to India’s progress, and he worked tirelessly to promote it. He visited schools and colleges all over the country, speaking to students about the importance of education and encouraging them to pursue their dreams.

Kalam’s humility and dedication to serving his country earned him the respect and admiration of people from all over the world. In 2002, he became India’s 11th President, and during his tenure, he continued to inspire people with his vision and leadership.

One of the things that set Kalam apart from other leaders was his ability to connect with people, particularly young people. He had a deep understanding of the challenges that young people faced and was always willing to listen to their ideas and aspirations. He believed that young people were the future of the country and worked hard to empower them to become leaders in their own right.

Kalam was a man of great wisdom and foresight. He understood that science and technology were critical to India’s progress, but he also believed that they had to be balanced with social and economic development. He was a strong advocate for sustainable development and believed that India could become a world leader in this area.

Kalam’s legacy lives on, not just in his scientific and technological contributions, but in the countless people he inspired and mentored over the years. He believed that every person had the potential to achieve greatness, and he worked tirelessly to help people realize that potential.

In the end, Dr. APJ Abdul Kalam was a true visionary and leader who dedicated his entire life to serving his country and inspiring people to dream big and work hard. His legacy continues to inspire millions of people around the world, and his teachings and ideals will continue to shape the future of India for generations to come.

Who is APJ Abdul Kalam?

APJ Abdul Kalam was an Indian scientist and politician who served as the 11th President of India from 2002 to 2007. He was a renowned aerospace engineer and played a crucial role in India’s civilian space program and military missile development.

Why is APJ Abdul Kalam famous?

APJ Abdul Kalam is famous for his contributions to science and technology in India, particularly in the fields of space research and missile development. He was also known for his motivational speeches and his efforts to inspire young people to pursue careers in science and engineering.

What were some of APJ Abdul Kalam’s achievements?

APJ Abdul Kalam was instrumental in the development of India’s first satellite launch vehicle, the SLV-III, and also played a key role in the development of the country’s nuclear program. He received numerous awards and honors throughout his life, including the Bharat Ratna, India’s highest civilian honor.

What was APJ Abdul Kalam’s philosophy?

APJ Abdul Kalam believed in the power of education and innovation to drive progress and improve people’s lives. He encouraged young people to pursue their dreams and to work hard to achieve their goals, emphasizing the importance of perseverance and determination.

What can we learn from APJ Abdul Kalam’s life and work?

We can learn a great deal from APJ Abdul Kalam’s dedication to science, his commitment to education, and his inspiring leadership style. His example reminds us of the importance of hard work, perseverance, and innovation in achieving success and making a positive impact in the world.

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  • Essays in Hindi /

10 Lines On APJ Abdul Kalam: छात्रों के लिए डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में 10 लाइन 

speech on abdul kalam in hindi

  • Updated on  
  • जून 8, 2024

10 Lines On APJ Abdul Kalam in Hindi

भारत के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम एक महान वैज्ञानिक होने के साथ साथ एक महान इंसान भी थे। उन्होंने भारत को कई महत्वपूर्ण हथियार और मिसाइलें दी हैं। भारत को परमाणु शक्ति बनाने में भी उनकी बड़ी भूमिका थी। 

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अब्दुल पाकिर जैनुल आबदीन अब्दुल कलाम है। उनका जन्म  जन्म 15 अक्टूबर 1931को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। बेहद गरीब परिवार से होने के बावजूद अपनी मेहनत के बल पर वे इतने महान वैज्ञानिक और भारत के राष्ट्रपति बने। डॉ. कलाम को बच्चों से बहुत प्यार था और वे बच्चों में बहुत लोकप्रिय थे। यहाँ 10 Lines On APJ Abdul Kalam in Hindi दी जा रही हैं। इनकी मदद से छात्र अपना होम असाइनमेंट पूरा कर सकते हैं। 

10 Lines On APJ Abdul Kalam in Hindi: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में 10 लाइन 

यहाँ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में 10 Lines On APJ Abdul Kalam in Hindi दी जा रही हैं : 

  • डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को भारत का मिसाइल मैन भी कहा जाता है। 
  • डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11वें प्रधानमंत्री थे।  
  • डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अब्दुल पाकिर जैनुल आबदीन अब्दुल कलाम था।  
  • डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने भारत को एक परमाणु शक्ति बनाने में महान भूमिका निभाई थी।  
  • डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम वर्ष 2002 में भारत के राष्ट्रपति बने थे। 
  • डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को उनके योगदानों के लिए भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।  
  • डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को बच्चों से बात करना बहुत पसंद था। 
  • डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को बच्चों को पढ़ाना बहुत अच्छा लगता था। 
  • डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने ही देश को पहली बैलिस्टिक मिसाइल दी थी।
  •  डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का निधन 27 जुलाई 2015 को हुआ था। 

यह भी पढ़ें: मणिपुर के बारे में 10 लाइन और 10 रोचक तथ्य

10 Lines On APJ Abdul Kalam in Hindi: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में 10 रोचक तथ्य 

यहाँ डॉ. एपीजे अब्दुल कलम के बारे में 10 रोचक तथ्य दिए जा रहे हैं: 

  • डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को वीणा बजाना बहुत पसंद था। 
  • डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने कई भक्ति गीत भी लिखे थे। 
  • डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम महिला सशक्तिकरण के प्रबल समर्थक थे। 
  • वे भारत को युवाओं के सपनों का देश मानते थे। 
  • उनका सपना था कि भारत वर्ष 2020 तक एक विकसित राष्ट्र बन जाए। 
  • डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को भारत रत्न के अलावा पद्म विभूषण और पद्म भूषण जैसे देश के तीन सर्वोत्तम पुरस्कारों से नवाज़ा जा चुका है। 
  • डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम कई किताबों के लेखक भी रह चुके हैं। 
  • डॉ. कलाम ने विंग्स ऑफ़ फायर नाम से अपनी आत्मकथा भी लिखी। 
  • भारत सरकार ने उनकी मृत्यु के उपरांत उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया। 
  • डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के सम्मान में स्विट्ज़रलैंड उनके जन्मदिन के दिन अपने दिवस का विज्ञान दिवस मनाता है। 

यह भी पढ़ें: माउंट एवरेस्ट के बारे में 10 लाइन और 10 रोचक तथ्य 

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Leverage Edu स्टडी अब्रॉड प्लेटफार्म में बतौर एसोसिएट कंटेंट राइटर के तौर पर कार्यरत हैं। अंशुल को कंटेंट राइटिंग और अनुवाद के क्षेत्र में 7 वर्ष से अधिक का अनुभव है। वह पूर्व में भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए ट्रांसलेशन ऑफिसर के पद पर कार्य कर चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने Testbook और Edubridge जैसे एजुकेशनल संस्थानों के लिए फ्रीलांसर के तौर पर कंटेंट राइटिंग और अनुवाद कार्य भी किया है। उन्होंने डॉ भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी, आगरा से हिंदी में एमए और केंद्रीय हिंदी संस्थान, नई दिल्ली से ट्रांसलेशन स्टडीज़ में पीजी डिप्लोमा किया है। Leverage Edu में काम करते हुए अंशुल ने UPSC और NEET जैसे एग्जाम अपडेट्स पर काम किया है। इसके अलावा उन्होंने विभिन्न कोर्सेज से सम्बंधित ब्लॉग्स भी लिखे हैं।

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