माँ पर निबंध – Essay on Mother in Hindi
Essay on Mother in Hindi : दोस्तों आज हम ने मां पर निबंध लिखा है मां का जीवन बड़ा ही अनमोल और समर्पण भाव से जुड़ा हुआ होता है वह हम बच्चों की सबसे पहली गुरु होती है वही हमारा संसार होती है इसलिए हमने मां को समर्पित निबंध लिखा है.
अक्सर कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 और 12 के विद्यार्थियों को मां पर परीक्षाओं एवं भाषण देने के लिए के लिए कहा जाता है उनकी सहायता के लिए हमने यह निबंध लिखा है.
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10 lines Essay on Mother in Hindi
(1) मेरी मां दुनिया की सबसे अच्छी मां है.
(2) मां ने ही मुझे जन्म दिया है और मेरे लिए अनेक कष्ट सहे है फिर भी वह खुश रहती हैं
(3) मेरी मां मुझे बहुत प्यार करती है और रोज स्कूल जाने के लिए तैयार करती है.
(4) वह रोज मुझे सुबह शाम प्यार से खाना खिलाती है.
(5) मेरी मां मेरे साथ साथ पिताजी और उनके माता-पिता का भी ख्याल रखती है.
(6) मां मुझे रोज नई शिक्षाप्रद बातें बताती है साथ ही सही और गलत में फर्क करना भी सिखाती है.
(7) मां हमेशा परिवार की खुशी में ही खुश रहती है वह अपने लिए कभी कुछ नहीं मांगती.
(8) वह घर में आने वाले सभी मेहमानों से अच्छा व्यवहार करती है.
(9) आधुनिक समाज वह नौकरी करने के साथ-साथ घर परिवार भी चलाती है.
(10) मेरी मां हर परिस्थिति से लड़ना जानती है वह बहुत ही दयालु और सबसे अच्छी मां है.
Short Essay on Mother in Hindi 100 words
मां भगवान की सबसे श्रेष्ठ रचना है उसके जितना त्याग और प्यार कोई नहीं कर सकता है. मां विश्व की जननी है उसके बिना संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती है.
मां ही हमारी जन्मदाता होती है और वही हमारी सबसे पहली गुरु भी होती है वही सबसे ज्यादा हमें प्यार और दुलार करती है.
वह हमें जीवन में कठिनाइयों से लड़ते हुए आगे बढ़ने का संदेश देती है. वह हमारी प्रत्येक जरूरतों का ख्याल रखती है और स्वयं कष्ट सहकर भी हमें अच्छा जीवन प्रदान करती है.
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जिसके भी जीवन में मां होती है वह सदा खुश रहता है हमें हमेशा मां का आदर करना चाहिए और उन्हें हर खुशी देने का प्रयास करना चाहिए.
Meri Maa Essay in Hindi 250 words
मां ममता और वात्सल्य की मूरत है एक बच्चे की सबसे पहली दुनिया मां का आंचल ही होती है उसी की गोद में बैठकर वह दुनिया के नए रंग देखता है.
मां ही पहला गुरुकुल और पहला गुरु होती है और एक बच्चा सबसे पहला शब्द भी माँ ही कहता है. मां हमारी जीवन भर देखभाल करती है उसी की अच्छी परवरिश के कारण हम अच्छे इंसान बन पाते है.
हम चाहे कितने भी बड़े हो जाए लेकिन मां के लिए हमेशा बच्चे ही रहते है वह हर समय हमारी चिंता करती है और हमे सही राह दिखाती है.
मां हमारा हर सुख-दु:ख में साथ देती है जब हम बीमार होते हैं तो वही हमारे लिए रात भर जागती है भगवान से हमारे ठीक होने की प्रार्थना करती है.
वह हमारे लिए सब कुछ त्याग कर देती है, मां भूखी रहकर भी हमें भरपेट भोजन खिलाती है मां के जैसा त्याग और प्यार कोई नहीं कर सकता है.
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मां हमारी हर बात को समझती है चाहे हम उसे बताएं या नहीं वह हमारे हर आंसू की वजह पूछती है. अगर हम किसी कार्य को नहीं कर पाते है तो वह हमारा मार्गदर्शन करती है वह जीवन के हर एक मोड़ पर हमारे साथ खड़ी होती है.
मां अपने बच्चे से कभी रूठती नहीं है अगर वो रूठ भी जाती है तो ज्यादा देर तक रूठी हुई नहीं रह सकती है प्रेम और स्नेह का दूसरा नाम ही मां है. किसी भी व्यक्ति के अच्छे भविष्य के लिए मां का बहुत अधिक महत्व होता है.
Best Essay on Mother in Hindi 500 words
मां ईश्वर का दूसरा रूप है क्योंकि ईश्वर सभी जगह हमारी सहायता के लिए नहीं हो सकते इसीलिए उसने मां को बनाया है मां की ममता प्यार और स्नेह को प्राप्त करने के लिए तो ईश्वर भी धरती पर जन्म लेता है. मां से बड़ा दयालु और परोपकारी आज तक कोई नहीं हो पाया है और ना हो पाएगा.
मां वह धरा है जो खुद बंजर हो जाती है लेकिन अपने बच्चों का सही पालन-पोषण करके उनका अच्छा मार्ग दर्शन करके उन्हें उपजाऊ धरा के समान बनाती है.
Maa हमेशा हमारी खुशी मेरी खुश रहती है उसे कोई धन दौलत नहीं चाहिए उसे तो सिर्फ अपने बच्चों का प्यार चाहिए. मां हमेशा दिन-रात हमारे परिवार और हमारी सेवा में लगी रहती है लेकिन वह कभी नहीं कहती कि मैं थक गई या फिर मैं और काम नहीं कर सकती.
मां के जितना समर्पण और त्याग कोई अन्य व्यक्ति नहीं कर सकता है . मां हमारे जन्म से पहले से ही हमारा ख्याल रखना शुरू कर देती है हमारे जन्म के समय उसे असहनीय पीड़ा का सामना करना पड़ता है फिर भी वह हमारी एक मुस्कान देखने के लिए सारी पीड़ा को खुशी खुशी सह जाती है.
“गम की चोटे फौलाद से ज्यादा क्या होगी और मां की दौलत दुनिया में औलाद ज्यादा क्या होगी”
बचपन में वह हमारा पालन पोषण करती है, हमारी हर नादानी को नजर अंदाज करके हमें माफ कर देती है. मां सुबह सबसे पहले उठती है, वह हमें समय पर भोजन देती है, समय पर स्कूल जाने के लिए तैयार करती है,
पूरे दिन भर घर का काम करती है, इसके बाद जब हम घर लौट कर आते हैं तो एक मुस्कान के साथ हमारा हाल-चाल पूछती है और हम सब को सुलाने के बाद वह सोती है. इतना बड़ा कार्य तो सिर्फ माँ ही कर सकती है.
संसार में पुरुषों को सबसे शक्तिशाली बताया जाता है लेकिन सबसे शक्तिशाली तो मां है जिसके साहस, स्नेह, निडरता, बुद्धिमता, दयालुता और प्रेम भाव के आगे कोई भी नहीं टिक पाता है. माँ ही है जो करते हुए आंसुओं को पूछती है और एक मिनट में हमारे चेहरे पर मुस्कान बिखेर देती है.
कभी सोचा है मां हमारे लिए यह सब कुछ क्यों करती है क्योंकि वह सिर्फ और सिर्फ हमसे प्यार करती है वह अन्य दुनिया की तरह नहीं है जो स्वार्थ के लिए आप से प्रेम भाव रखते है.
मां ही हमारा पहला गुरु होती है वह हमें अच्छी शिक्षा देती है और समाज का एक अच्छा नागरिक बनाती है वह असफलता और सफलता दोनों में हमारे साथ खड़ी हुई होती है हमारे निराश होने पर वह आशा की किरण बनकर हमारे साथ चलती है और हमारा मार्गदर्शन करती है.
मां जीवन भर हमारे लिए इतना सब कुछ करती है तो हमारा भी फर्ज बनता है कि हमें भी मां के लिए कुछ करना चाहिए उनका हर समय खयाल रखना चाहिए उन्हें हर वह खुशी देने की कोशिश करनी चाहिए जो आज तक वो हमें देती आई है.
हमें प्रतिदिन मां का आशीर्वाद लेना चाहिए क्योंकि जब उसका आशीर्वाद मिल जाता है तब हमें किसी के आगे हाथ फैलाने नहीं पड़ते है.
आज आप हमारे साथ प्रण ले की जैसे मां ने आपका ख्याल रखा है वैसे ही आप भी उनका ख्याल रखेंगे और जो खुशियां उन्हें नहीं मिल पाई वो खुशियां उन्हें देंगे.
Essay on Mother in Hindi 1000 words
मां की व्याख्या करने की ताकत किसी भी कलम में नहीं है क्योंकि मां को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है फिर भी मैं मां के ऊपर आज कुछ लिखना चाहता हूं.
मां उस जल के समान है जो निरंतर बहता रहता है और दुनिया को जीवन देता रहता है मां उस अटल पहाड़ की तरह है जब मुसीबत आती है तो वह पहाड़ की तरह मजबूती से खड़ी रहती है.
मां नदी के समान है जो निरंतर निर्मल और परोपकार की भावना रखते हुए बहती रहती है. मा तपती धरती के समान है जो खुद त्याग करके अपने बच्चों की परवरिश करती है. मां में तो पूरा ब्रह्मांड समाया है क्योंकि उसके बिना इस धरती पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है.
मां ईश्वर का सबसे अनमोल उपहार है जिसे मिलता है उसके जीवन से दुख दूर हो जाते हैं और जीवन में खुशियां ही खुशियां भर जाती है. वह जीवन की अंतिम पल तक हमारा साथ नहीं छोड़ती है भले ही हमने क्यों न उसका साथ छोड़ दिया हो.
जीवन में मां का महत्व –
मां का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है क्योंकि उसके बिना हमारा जीवन संभव नहीं हो पाता वही हमें इस दुनिया में लेकर आती है. हमारे जन्म के समय उसे असहनीय पीड़ा महसूस होती है लेकिन फिर भी वह हमारे लिए पीड़ा को सहन करके हमें जीवन प्रदान करती है.
मां हमारे बचपन से ही हमारा पालन-पोषण करती है हमारी हर जरूरतों को पूरा करती है वह स्वयं भूखी रह जाती है लेकिन हमें भरपेट भोजन कराती है. वह स्वयं गीली जगह पर सो जाती हैं लेकिन हमें हमेशा सूखे में सुलाती है.
मां हमारा पहला गुरुकुल और पहली गुरु होती है वही हमें सर्वप्रथम शिक्षा देती हैवह धीरे-धीरे है मैं अपने पैरों पर चलना सिखाती है. वह अपने पूरे जीवन का त्याग करके संपूर्ण जीवन हमें समर्पित कर देती है वह हमेशा अपने दुखों को भूलाकर हमारी खुशियों के बारे में सोचती है.
मां हमें बचपन में अच्छी शिक्षाप्रद कहानियां सुनाती है जिनसे हमारा जीवन और भी सुलभ हो जाता है. वह हमें जीवन जीने का तरीका बतलाती है. वह समाज की बुरी कुरूतियो से लड़ना सिखाती है.
जब हम खुश होते है तो वह बहुत खुश होती है. मां के जितना कोई निडर नहीं हो सकता क्योंकि जब हमारे ऊपर कोई भी मुसीबत आती है तो सबसे पहले वह हमारे आगे खड़ी होती है और हमारा बचाव करती है. मां हमेशा हमारे प्रति परोपकार की भावना रखती है वह कभी भी हमसे कुछ नहीं मांगती है हमेशा हमारे बिना मांगे हमारी जरूरतें पूरी करते है.
मां हमें समाज में जीने का तरीका बदल आती है वह हमें अच्छे और बुरे में भेद करना सिखाती है वह हमें लोगों का सम्मान करना सिखाती है हमें निरंतर बिना रुके चलना सिखाती है. मां जीवन भर हमारी सेवा करती रहती है हमें छोटी सी चोट लग जाने या फिर बीमार होने पर वह चिंतित हो जाती है और दिन रात जाग कर सेवा करती है.
ईश्वर से हमारी ठीक होने की मन्नतें और प्रार्थना करती है. वह सदा हमारे लिए ही प्रार्थना करती है कभी अपने लिए कुछ नहीं मांगती क्योंकि उसके लिए हम ही सब कुछ होते है.
हम चाहे कितने भी बड़े हो जाए लेकिन मां के लिए जीवन भर हम एक छोटे बच्चे के समान ही होते हैं जिस पर अगर थोड़ी सी भी मुसीबत आ जाए तो वह कहीं भी हो दौड़ी चली जाती है.
वह हमें चुनौतियों से लड़ना सिखाती है और अगर हम कभी निराश होते हैं तो आशा की किरण बनकर हमारा हौसला बढ़ाती है और जब तक हम सफलता प्राप्त नहीं कर लेते हमारा हाथ थामे साथ खड़ी रहती है.
मां का विश्वास और आर्शीवाद हमारे ऊपर सदा बना रहता है तभी हम जीवन में एक अच्छे इंसान बन पाते है और सफलता प्राप्त कर पाते है.
मां हमें हमेशा साहसी धैर्यवान और अच्छे व्यक्तित्व वाला व्यक्ति बनाती है वह चाहती है कि हम इस दुनिया के लिए कुछ अच्छा करें और इस समाज पर एक अमिट और अच्छी छाप छोड़ें. मां सबसे बड़ा धन है जिसको यह मिल जाता है उसकी जिंदगी संवर जाती है.
मां और ईश्वर –
मां का दुलार और प्यार पाने के लिए ईश्वर भी धरती पर जन्म लेते है मां का प्यार होता ही ऐसा है जिसको पाने के लिए ईश्वर भी धरती पर चले आते है इसका एक स्पष्ट उदाहरण है भगवान श्री कृष्ण जिन्होंने मां की ममता पाने के लिए धरती पर जन्म दिया था.
भगवान श्री कृष्ण ने एक नहीं दो माताओं का प्यार और दुलार पाया था. इससे यह स्पष्ट होता है कि ईश्वर भी मां को प्रणाम करते है.
मां के प्रति हमारे कर्तव्य –
मां हमारे लिए पूरा जीवन समर्पित कर देती है और बदले में हम उन्हें दो वक्त की रोटी तक नहीं दे पाते है यह बहुत ही विडंबना का विषय है कि जिस मां ने हमारे लिए पूरा जीवन कठिनाइयों और मुसीबतों को झेल कर हमें जीवन दिया, हमें दुनिया की हर एक खुशी दी और हमें एक अच्छा व्यक्ति बनाया.
अब हमारे बड़े होने पर मां के प्रति हमारे भी कुछ कर्तव्य बनते है. हमें मां की हर जरूरत को पूरा करना चाहिए. उनकी हर एक खुशी देनी चाहिए. वृद्धावस्था में उनकी सेवा करनी चाहिए. उनके पास बैठकर कुछ समय बिताना चाहिए.
सुबह शाम उनसे मिलकर उनका हाल-चाल पूछना चाहिए प्रतिदिन उनका आशीर्वाद लेना चाहिए क्योंकि मां की आशीर्वाद से बड़ा कोई धन नहीं होता है. उन्हें भी उतना ही प्यार करना चाहिए जितना उन्होंने हमें किया था.
मां को हमारे से कुछ नहीं चाहिए ना उसे धन चाहिए ना उसे बड़ा मकान चाहिए उसे तो सिर्फ अपने बच्चों का प्यार चाहिए और खुशियां चाहिए.
इसलिए हमें हमेशा उनके प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए और हर संभव सेवा करनी चाहिए मां वह अनमोल धन है जो कि अगर एक बार खो जाए तो जिंदगी में दोबारा कभी नहीं मिलता है.
उपसंहार –
मां के जितना त्यागी, साहसी, धैर्यवान, निडर, तपस्वी, परोपकारी, जीवनदायी कोई नहीं हो सकता है . मां ईश्वर का ही दूसरा स्वरूप है जिसने हमें पृथ्वी पर जीवन दिया है.
इस अमूल्य जीवन का हम कभी भी कर्ज अदा नहीं कर सकते हैं इसलिए जितनी हो सके उतनी मां की सेवा करनी चाहिए उन्हें हर वह खुशी देनी चाहिए जिसके लिए उन्होंने अपने जीवन को हमारे व्यक्तित्व को निखारने के लिए समर्पित कर दिया.
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30 thoughts on “माँ पर निबंध – Essay on Mother in Hindi”
Thank you hindi yatra for this legend essay.
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Hahta hu me ek choti si dunya ho Or jisme phle name meri maa ho
Shiv kashyap ji aap ne bahut accha likha hai.
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Yes it’s very much good for my dear mum
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Baht achha hai raise aur bhi nibandh mujhe chahiye
Sunny giri, Hame khushi hai ki aap ko nibandh pasnd aaya dhanyawad.
all best word of maa
Thank you kamlesh kumar deoria up for appreciation.
Like your essay very much one mistake in it but top essay like it very much . mother is nicely described in it.
Thank you Rohit Owandkar for appreciation.
All right…….
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Thanks for writing this type of good essay I Loved it alot😘
Welcome Ishika and thanks for appreciation.
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faizan sayyad, Aap yaha se copy kar sakte hai apne school project ke liye
Satik likha hai
Sarahna ke liye Dimple ji aap ka bhut bhut dhanyawad.
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Shila Sarkar, We are grateful that you are like our content, thank you very much for the appreciation.
It is very nice essay an that’s line is very great thank u for write. This essay
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Hindi Essay on “Meri Maa”, “मेरी माँ”, for Class 10, Class 12 ,B.A Students and Competitive Examinations.
निबंध नंबर :- 01
मेरा नाम वरुण है। और मेरी माँ का नाम सुमन शर्मा है। वह कानपुर में पैदा हुई थी। उनके पिता और मेरे नाना का नाम रामकुमार है। मेरी माँ की आयु 30 साल है। वह बहुत सुंदर है। उनकी दो बहनें तथा एक भाई है। मेरी माँ एक गृहणी है।
मेरी माँ बहुत अच्छी है वह हमेशा हमारे पूरे परिवार का ध्यान रखती हैं। वह सुबह से ही काम में लग जाती है। वह प्रात: छः बजे उठती हैं उसके बाद नहाकर पूजा करने बैठ जाती हैं। फिर मुझे उठाकर विद्यालय जाने के लिए तैयार करती है तथा मेरे लिए नाश्ता तैयार करती हैं। जब मैं स्कूल से आता हूँ तो वह मेरे विद्यालय के कार्य में भी सहायता करती हैं। वह मुझे बड़े प्यार से पढ़ाती हैं। अगर मैं कोई गलती करता हूँ तो वह मुझे डाँटती भी हैं। वह बहुत सीधी तथा सरल हैं। वह कभी भी किसी का बुरा नहीं सोचती। वह मेरे पिताजी, मेरे दादाजी, दादीजी सभी का बहुत ख्याल रखती हैं। रात को सोते समय वह मुझे रोज कहानी सुनाती हैं। तथा मुझे अच्छी शिक्षा देती हैं। वह बहुत ही चुस्त है तथा घर का सारा काम बहुत चुस्ती करती हैं। वह मेरो सेहत का पूरा ख्याल रखती हैं। तथा मेरो रुचि का ही भोजन बनाती हैं। वह बहुत अच्छी है तथा मुझे बहुत बार करती हैं। मैं भी अपनी माँ से बहुत प्यार करता है तथा उनकी सारी बातें मानता हूँ।
निबंध नंबर :- 02
मेरी मां एक गृहिणी हैं। वह बहुत मेहनती महिला हैं। वह बहुत काम करती हैं और सदैव व्यस्त रहती हैं। वह बहुत उत्साही स्वभाव की हैं। माँ घर में सबसे पहले उठती हैं और सबसे बाद में बिस्तर पर जाती हैं।
माँ कपड़े धोती हैं, खाना पकाती हैं और गृहकार्य में भी हमारी मदद करती हैं। कई बार सांझ को वह हमें बहुत अच्छी-अच्छी कहानियाँ सुनाती हैं। अधिकतर कहानियाँ देशभक्ति और भारत के स्वतन्त्रता संग्राम से सम्बन्धित होती हैं। बहुत-सी कथायें धार्मिक पुस्तकों से भी होती हैं।
वह बहुत अच्छा गाती हैं। उन्होंने अपने स्कूल एवं कॉलेज के दिनों में बहुत-से पुरस्कार जीते थे। मुझे उनका गाना सुनने में बहुत रस आता है.
वह स्वस्थ, सुन्दर एवं हंसमुख महिला हैं। उनके चेहरे पर सदैव मस्कान रहती है। वह कभी किसी से कोई शिकायत नहीं करतीं।
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मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay in Hindi)
In this Article
मेरी माँ पर 10 लाइन (10 Lines On My Mother In Hindi)
मेरी माँ पर छोटा निबंध 200-300 शब्दों में (short essay on my mother in hindi 200-300 words), मेरी माँ पर निबंध 400-600 शब्दों में (essay on my mother in hindi 400-600 words), मेरी माँ के इस निबंध से हमें क्या सीख मिलती है (what will your child learn from a my mother essay), अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (faqs).
माँ शब्द अपने आप में ही एक संपूर्ण शब्द है। माँ शब्द में सारी दुनिया समा जाती है लेकिन माँ की सारी दुनिया उसका बच्चा होता है और शायद इसलिए एक माँ का दर्जा भगवान जैसा माना जाता है। जैसे किसी भी हाल में भगवान अपने बच्चों का साथ नहीं छोड़ते वैसे ही एक माँ किसी भी हाल में अपने बच्चे का साथ नहीं छोड़ती है। यह सफर तब से शुरू हो जाता है जब बच्चा माँ के गर्भ में आता है। एक माँ गर्भावस्था के दौरान हर हुई परेशानी को एक पल में भूल जाती है जब पहली बार वो अपने बच्चे को स्पर्श करती है, मानो वो दुनिया की सबसे संपूर्ण औरत है और यह अहसास उसका बच्चा उसे कराता है। माँ वो जज्बात है जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है। लेकिन बच्चे के जीवन में माँ की क्या भूमिका होती है, उसका बच्चे के जीवन में होने से कितना प्रभाव पड़ता है यह हम माँ पर निबंध के इस आर्टिकल में जानेंगे।
माँ पर तो एक किताब लिखी जा सकती है पर यहाँ हम मेरी माता पर 10 आसान वाक्य लिखकर बातएंगे। नीचे दी गई लाइन्स मेरी माँ पर 100 शब्दों के एक संक्षिप्त निबंध की तरह भी लिखा जा सकता है। आइए देखे हैं:
- मेरी माँ मेरी प्रथम गुरु है।
- वो रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान और पूजा पाठ करती है।
- वह घर के सभी लोगों का बहुत ध्यान रखती है।
- मेरी माँ बहुत पढ़ी-लिखी है और वही मेरी पढ़ाई में मदद करती है।
- मेरी माँ अक्सर मेरे लिए नए-नए पकवान बनाती है।
- मुझसे कोई गलती होने पर माँ मुझे प्यार से समझाती है।
- मेरी माँ मेरे स्वास्थ्य का भी खास ध्यान रखती है।
- माँ रोजाना रात में सोने से पहले मुझे एक कहानी सुनाती है।
- मेरी माँ मुझे हमेशा सच बोलने और अनुशासन के साथ जीना सिखाती है।
- मेरी माँ दुनिया की सबसे प्यारी माँ है।
बच्चे का सबसे ज्यादा समय अपनी माँ के साथ ही बीतता है इसलिए खासकर छोटी कक्षा जैसे क्लास 1, 2, 3, 4 और 5 तक के बच्चों को अक्सर ‘मेरी माँ’ विषय पर निबंध लिखने को कहा जाता है। ऐसे में यह निबंध किस प्रकार लिखना है इसके लिए नीचे एक सैंपल दिया गया है। यह निबंध मेरी माँ पर पैराग्राफ के रूप में लिखा जा सकता है। आइए देखते हैं:
माँ को भगवान का दर्जा दिया जाता है। वो इसलिए क्योंकि एक माँ ही होती है जो सबकी खुशियों के आगे अपने गम को भुला देती है। वह बच्चे की खुशी के लिए कड़ी मेहनत करती है, परिवार को संभालती है। परिवार की जान होती है ‘माँ’। अगर माँ घर पर न हो तो घर की चीजों को संभालना मुश्किल हो जाता है। माँ परिवार में सभी का ध्यान रखती है। सबके लिए स्वादिष्ट खाना बनाती है। सबकी जरूरतों का ध्यान रखती है। माँ अपने सभी बच्चों को एक समान प्यार करती है और भेदभाव नहीं करती है। माँ, अपने बच्चे की गलती करने पर उसे डांटती है लेकिन बाद में दुलार भी दिखाती है। बच्चे की परीक्षा हो तो वह ज्यादा परेशान होती है। बच्चे के विकास में माँ का बहुत बड़ा योगदान होता है। वह माँ तो होती ही है लेकिन अपने बच्चे के लिए जरूरत पड़ने पर शिक्षक और उसकी अच्छी दोस्त भी बन जाती है। माँ चाहे गृहिणी हो या कामकाजी, वह अपने बच्चे और परिवार का खयाल रखना कभी नहीं भूलती। बच्चे के बीमार पड़ जाने पर दिन-रात वह उसका ख्याल रखती है। माँ के प्यार को समझाना मुश्किल है क्योंकि वह अपने बच्चे से नि:स्वार्थ प्रेम करती है और हर सुख-दु:ख में उसके साथ खड़ी रहती है।
जिनके साथ हमारा समय अधिक बीतता है अगर उनके लिए आपको कुछ लिखने के लिए कहा जाए तो यह एक चुनौती जैसा लगने लगता है कि आखिर इस विषय क्या लिखें और कैसे लिखें? आपके इसी सवाल का उत्तर देते हुए नीचे यहाँ हिंदी में मेरी माँ पर लॉन्ग एस्से लिखने के लिए एक उदाहरण दिया गया है।
माँ कौन होती है? (Who Is Mother?)
माँ, वो है जो बच्चे का खयाल खुद से ज्यादा रखती है। माँ को परिवार की नींव माना जाता है, उसके बिना घर अधूरा और सूना-सूना लगता है। माँ बच्चे को स्कूल के लिए तैयार करती है। उसके लिए स्वादिष्ट खाना बनाती है। पढ़ाई में मदद करती है। माँ अपने बच्चे लिए जरूरत पड़ने पर उसकी टीचर बन जाती है और उसे उसकी गलती या फिर कमी पर समझाती है। वहीं कभी वह उसके लिए वो दोस्त बन जाती है, जो उसको समझ सके। माँ वो है जो अपने दु:ख और तकलीफ को भुलाकर बच्चे के लिए दिन रात एक कर देती है। किसी बच्चे को संभालना कितन मुश्किल होता है यह बात तो हर कोई जानता है, लेकिन माँ ये सारी मुसीबतें हंसते-हंसते झेल जाती है। बीमार पड़ने पर भी वह अपने बच्चे का खयाल रखना नहीं भूलती। माँ वो है, जिसके बिना बच्चे की जिंदगी अधूरी है।
माँ के गुण (Qualities Of Mother)
माँ के गुणों की गिनती करना वैसे तो संभव नहीं है, लेकिन उसके कुछ खास गुणों के बारे में हमनें उल्लेख किया है।
- माँ परिवार में सबका खयाल रखती है।
- माँ आपके लिए स्वादिष्ट खाना बनाती है।
- मुसीबत के समय में माँ हमेशा साथ देती है।
- माँ बच्चों के लिए अपने सुखों को त्याग देती है।
- बच्चे से गलती होने पर उसे प्यार से समझाती है।
- एक माँ अपने बच्चे के लिए सारी दुनिया से लड़ सकती है।
- माँ हमारे अच्छे कार्य की सबसे ज्यादा प्रशंसा करती है।
- माँ पूरे परिवार को एक साथ जोड़कर रखती है।
माँ का महत्व (Importance Of Mother)
माँ के होने से घर घर लगता है, माँ परिवार का सबसे खास हिस्सा है। माँ के बिना बच्चों का जीवन अधूरा है। माँ का प्यार डांट, हौसला, संस्कार, मिलकर एक बच्चे के चरित्र का निर्माण करते हैं। माँ बच्चे की हर जरूरत को उसके बिना कहे ही समझ जाती है, इसलिए माँ को एक बच्चे के जीवन में सबसे बुलंद दर्जा दिया गया है। बच्चे के जीवन में माँ का स्थान कोई भी नहीं ले सकता है। माँ आपके खाने, कपड़े से लेकर हर बात का खयाल रखती है। माँ वो छायादार पेड़ है जो बच्चे को हर मुश्किल और परेशानी से दूर रखती है।
मेरी माँ मेरी शिक्षक (My Mother My Teacher)
मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि मेरी माँ ही मेरी सबसे अच्छी शिक्षक है। उसने मुझे जीवन में वह हर बात सिखाई है, जो जरूरी और आदर्श है। उसने मुझे सच बोलना, ईमानदारी और आत्मविश्वास के साथ जीना सिखाया। अगर मैं कभी किसी काम में असफल हुआ तो उसने मेरा हौसला बढ़ाकर और बेहतर करने के लिए प्रेरित किया। उसने अपने जीवन के अनुभवों से सीख लेते हुए मेरे लिए रास्ता आसान बनाया। उसने मुझे सिर्फ हाथ में कलम लेकर लिखना ही नहीं सिखाया बल्कि यह भी बताया कि आपका व्यवहार और आचार-विचार किस तरह के होने चाहिए। उसने मुझे दुःख में संभाला, तकलीफों में सहारा दिया और खुशी व सफलता के समय भी अपने पाँव जमीन पर ही रहें, ऐसे शिक्षा दी है। यहीं कारण है कि मैं अपनी माँ को मेरे जीवन का आदर्श मानता हूं।
मेरी माँ निबंध से बच्चा अपनी माँ के अस्तित्व व उनकी बातों को गौर से समझने का प्रयास कर सकेगा। बच्चा यह समझ सकेगा कि उसकी माँ उसके लिए कितनी खास है। ऐसे निबंध बच्चे को अपनों के अधिक करीब आने और उन्हें समझने का मौका देते हैं। इसके अलावा बच्चा अपने हिंदी लेखन में सुधार करेगा और सही तरह से निबंध लिखना सीखेगा।
1. माँ शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई?
बच्चा जन्म लेने के बाद जब पहली बार रोता है तो उसके मुख से निकलने वाली ध्वनि को अगर आप ध्यान से सुनें तो माँ सुनाई देता है। इस प्रकार लोगों का मानना है माँ शब्द प्राकृतिक रूप से नवजात के मुख से निकलने वाला पहले शब्द है। हालांकि इस विषय पर लोगों की राय अलग हो सकती है। लेकिन दुनिया की लगभग हर भाषा में माता के लिए संबोधन वाले माँ, अम्मा, मॉम, मम्मी, ममा जैसे शब्द इस बात की पुष्टि करते हैं।
2. संस्कृत में माँ को क्या कहते हैं?
संस्कृत में माँ को ‘मातृ’ कहते हैं, लेकिन आमतौर पर लोग ‘माँ’ या ‘माता’ शब्द का प्रयोग ज्यादा करते हैं।
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मेरी मां पर निबंध | Essay on My Mother
मेरी मां पर निबंध | Essay on My Mother!
मेरी मां बहुत प्यारी हैं । वे रोज सुबह घर में सबसे पहले उठ जाती हैं । भगवान से लेकर घर के सब लोगों का ध्यान मेरी मां ही रखती हैं । वे दादा-दादी का पूरा ध्यान रखती हैं । पापा, मेरी और मेरी छोटी बहन की हर एक छोटी बड़ी बातों की परवाह भी मेरी मां करती हैं । दादी कहती हैं कि मेरी मां घर की लक्ष्मी हैं । मैं भी मां को भगवान के समान मानता हूं और उनकी हर बात मानता हूं ।
मेरी मां जॉब भी करती हैं । घर और ऑफिस दोनों की जिम्मेदारी वै बहुत ही अच्छे से निभाती है । उनके सरल और सुलझे व्यवहार की तारीफ उनके ऑफिस के सारे लोग करते हैं । मेरी मां गरीबों और बीमारों की भी हर संभव मदद करती हैं । मेरी मां मेरी सबसे अच्छी दोस्त हैं । मैं जब कोई गलती करता हूं तब मां मुझे डांटती नहीं हैं बल्कि प्यार से मुझे समझाती हैं । जब मैं दुखी होता हूं तब मेरी मां ही मेरे मुरझाए चेहरे पर मुस्कराहट लेकर आती हैं । उनके प्यार और ममतामयी स्पर्श को पाकर मैं अपने सारे दुख भूल जाता हूं ।
मेरी मां ममता की देवी समान हैं । वे मुझे और मेरी बहन को हमेशा अच्छी-अच्छी बातें बताती हैं । मेरी मां मेरी आदर्श हैं । वे मुझे सच के रास्ते पर चलने का सीख देती है । समय का महत्व बताती है । कहते है मा ईश्वर के द्वारा हमें दिया गया एक वरदान है । जिसकी आंचल की छांव में हम अपने आप को सुरक्षित महसूस करते है और अपने सारे गम भूल जाते हैं । मैं अपनी मां को बहुत प्यार करता हूं और भगवान को धन्यवाद देता हूं कि उन्होने मुझे दुनिया की सबरसे अच्छी मां दी ।
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